वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

एशियाई-विरोधी हिंसा में उभार पर ‘गहरी चिन्ता’

अमेरिका कै सैन फ्राँसिस्को में प्रदर्शनकारी सड़कों पर एशियाई मूल के लोगों के ख़िलाफ़ नफ़रत प्रेरित हिंसा का विरोध कर रहे हैं.
Unsplash/Jason Leung
अमेरिका कै सैन फ्राँसिस्को में प्रदर्शनकारी सड़कों पर एशियाई मूल के लोगों के ख़िलाफ़ नफ़रत प्रेरित हिंसा का विरोध कर रहे हैं.

एशियाई-विरोधी हिंसा में उभार पर ‘गहरी चिन्ता’

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने एशियाई और एशियाई मूल के लोगों के विरुद्ध हिंसा में उभार पर गहरी चिन्ता ज़ाहिर की है. वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान नस्लवादी घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले सप्ताह, अमेरिका के अटलांटा शहर में एक अकेले बन्दूकधारी ने, आठ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतकों में, एशियाई मूल की छह महिलाएँ भी हैं.

"Stop AAPI Hate" नामक गठबन्धन, अमेरिका में एशियाई मूल के लोगों के ख़िलाफ़ नफ़रत और भेदभाव के मामलों की रिकॉर्ड रखताहै.

Tweet URL

इस समूह की ओर से पिछले महीने जारी किये गए आँकड़े दर्शाते हैं कि मार्च 2020 से वर्ष के अन्त तक, 47 राज्यों और वॉशिंगटन डीसी में, नफ़रत से प्रेरित हिंसा के दो हज़ार 800 से ज़्यादा मामले दर्ज किये गए हैं.

इनमें सात फ़ीसदी से ज़्यादा मामले उन एशियाई-अमेरिकी लोगों के साथ हुए, जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज़्यादा है.

सोशल मीडिया पर हैशटैग #StopAsianHate के ज़रिये एशियाई और एशियाई मूल के लोगों के ख़िलाफ़ हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिये मुहिम चल रही है, जिसे एशियाई व अन्य समुदायों की हस्तियों से समर्थन प्राप्त है.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मंगलवार को हुए हमले के बाद, अपनी अटलांटा यात्रा के दौरान एशियाई-विरोधी नस्लवाद की निन्दा करते हुए आगाह किया कि नफ़रत के कारण अंजाम दिये जाने वाले अपराध बढ़े हैं.

राष्ट्रपति बाइडेन ने अमेरिकी कांग्रेस से आग्रह किया है कि मार्च महीने की शुरुआत में दो एशियाई-अमेरिकी सांसदों द्वारा पेश उस विधेयक को मंज़ूरी दी जानी होगी, जिसका उद्देश्य ऐसे अपराधों से निपटना है.

'भयावह हमले'

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दुनिया ने, भयावह घातक हमले, शाब्दिक व शारीरिक उत्पीड़न, स्कूलों में डराए-धमकाए जाने, कार्यस्थल पर भेदभाव, मीडिया व सोशल मीडिया पर नफ़रत भड़काने, और सत्तासीनों द्वारा भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल प्रत्यक्ष देखा है.

कुछ देशों में, एशियाई महिलाओं को विशेष रूप से निशाना बनाकर हमले किये गए हैं.

यूएन प्रमुख ने कहा कि यह नफ़रत और नारी-विरोध के ज़हरीले मिश्रण को दर्शाता है. "पिछले वर्ष हज़ारों ऐसी घटनाओं ने सदियों पुराने असहिष्णुता, रूढ़िबद्धता, बलि का बकरा बनाए जाने, शोषण व दुर्व्यवहार के इतिहास को बढ़ावा दिया है."

नफ़रत से प्रेरित एशियाई-विरोधी अपराध, वैश्विक महामारी के शुरुआती दिनों में ही सामने आने लगे थे, जब कोविड-19 संक्रमण के कुछ मामले चीन में दर्ज किये जा रहे थे.

यूएन प्रमुख ने सभी पीड़ितों और निशाना बनाए गए लोगों के परिजनों के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है.

उन्होंने कहा है कि वो उन सभी के साथ एकजुटता से खड़े हैं जिन्हें नस्लभेद और मानवाधिकारों पर अन्य हमलों का सामना करना पड़ता है.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण लम्हे को, सर्वजन के लिये गरिमा की परिपुष्टि का समय बनाना होगा.