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अन्तरराष्ट्रीय मानव बन्धुत्व दिवस – सहिष्णुता को बढ़ावा देने पर बल 

यह पहली बार है जब अन्तरराष्ट्रीय मानव बन्धुत्व दिवस को मनाया जा रहा है.
© UNICEF/Giovanni Diffidenti
यह पहली बार है जब अन्तरराष्ट्रीय मानव बन्धुत्व दिवस को मनाया जा रहा है.

अन्तरराष्ट्रीय मानव बन्धुत्व दिवस – सहिष्णुता को बढ़ावा देने पर बल 

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सांस्कृतिक और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिये, मज़बूत संकल्प दर्शाए जाने का आहवान किया है. गुरूवार को पहली बार मनाए जा रहे अन्तरराष्ट्रीय मानव बन्धुत्व दिवस पर महासचिव ने यह बात कही है.  

महासचिव ने, इस दिवस पर आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, “दुनिया भर में भेदभाव गहराई से समाया है और असहिष्णुतापूर्ण कृत्य, व लोगों के ख़िलाफ़ नफ़रत से प्रेरित अपराध, उनके धर्म, आस्था, जातीयता, लिंग और यौन प्रवृत्तियों के कारण हो रहे हैं.” 

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उन्होंने इन ‘घिनौनी हरकतों’ को मानवाधिकारों और यूएन मूल्यों का तिरस्कार क़रार देते हुए कहा कि सांस्कृतिक विविधता और आस्था की आज़ादी, मानवता के समृद्ध ताने-बाने का हिस्सा है. 

यूएन प्रमुख ने अन्तरराष्ट्रीय मानव बन्धुत्व दिवस के अवसर पर सांस्कृतिक और धार्मिक सहिष्णुता, समझ और सम्वाद को बढ़ावा देने का संकल्प लेने की बात कही है. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा साझा रूप से पेश प्रस्ताव को, दिसम्बर 2020 में पारित किया था, जिसमें 4 फ़रवरी को अन्तरराष्ट्रीय मानव बन्धुत्व दिवस के रूप में मनाए जाने की बात कही गई थी. 

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सभी देशों का आभार व्यक्त किया है. 

साथ ही वर्ष 2019 में कैथलिक चर्च के प्रमुख पोप फ़्राँसिस और मिस्र में अल अज़हर मस्जिद के शाही इमाम शेख अहमद अल-तैयब द्वारा ‘विश्व शान्ति के लिये मानव बन्धुत्व’ पर जारी घोषणापत्र का उल्लेख किया.  

उन्होंने दोनों धार्मिक नेताओं का अन्तर-पन्थ सम्वाद और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आवाज़ उठाने के लिये धन्यवाद दिया है.

इस अवसर पर यूएन अलायन्स ऑफ़ सिविलाइज़ेशन्स के उच्च प्रतिनिधि मिगेल एन्गेल मोराटिनोस ने कहा कि मानव बंधुत्व दिवस को मनाए जाने की आज पहले से कहीं अधिक ज़रूरत है. 

उनके अनुसार दुनिया को ना केवल महामारी के दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि नफ़रत, भेदभाव और नस्लवाद का संक्रामक वायरस भी फैल रहा है.

यूएन अधिकारी ने स्पष्ट किया कि नफ़रत के रोग की असरदार दवा मानव बन्धुत्व है, जोकि करुणा, एकजुटता, एकता और आपसी सम्मान को प्रदर्शित करती है. 

ज़ायद सम्मान

इसी क्रम में, यूएन महासचिव को साझा रूप से एक ऐसा सम्मान दिया गया है जोकि वर्ष 2019 में सामने आए पोप फ़्राँसिस और शाही इमाम के घोषणापत्र से प्रेरित है. 

संयुक्त अरब अमीरात के आबू धाबी में गुरूवार को वर्चुअल रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश और मोरक्को-फ़्रेंच मूल की कार्यकर्ता लतीफ़ा इब्न ज़ियातेन को संयुक्त रूप से मानव बन्धुत्व के लिये 'ज़ायद सम्मान' दिया गया. 

महासचिव गुटेरेश ने पुरस्कार स्वीकृति सम्बोधन में इब्न ज़ियातेन को बधाई देते हुए धार्मिक चरमपंथ के ख़तरों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये उनका आभार जताया है. 

वर्ष 2012 में, एक आतंकवादी हमले में, लतीफ़ा इब्न ज़ियातेन के बेटे इमाद की मौत हो गई थी. 

यूएन प्रमुख ने इस पुरस्कार में मिलने वाली धनराशि (पाँच लाख डॉलर) को यूएन शरणार्थी एजेंसी को दान करने की घोषणा की है.