भेदभाव

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोशष (UNFPA) की 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में, लगभग आधी महिलाएँ अपने शरीरों पर ख़ुद के अधिकारों से वंचित हैं.
© UNICEF/Albert Gonzalez Farran

कामकाज व वंश के आधार पर भेदभाव चिन्ताजनक, समावेश पर बल

विश्व भर में, कामकाज और वंश के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव से 26 करोड़ लोग प्रभावित हैं. इनमें बोराकोमिन, दलित, उरु, ओसु, क़िलोओम्बो, रोमानी समेत अन्य समुदाय हैं. ये समुदाय समस्त विश्व आबादी के चार फ़ीसदी से भी कम हैं, जिनमें से अधिकांश, 21 करोड़ दक्षिण एशिया में रहते हैं. एक वीडियो रिपोर्ट...

लंदन में ब्लैक लाइव्स मैटर के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन. (फ़ाइल)
© Unsplash/James Eades

ब्रिटेन: आपराधिक न्याय प्रणाली में 'व्यवस्थागत नस्लवाद, एक गम्भीर चिन्ता'

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने ब्रिटेन में व्यवस्थागत, संस्थागत और ढाँचागत नस्लवाद पर चिन्ता जताते हुए आगाह किया है कि देश में अफ़्रीकी मूल के लोगों को अब भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है, और उनके बुनियादी अधिकारों का क्षरण हो रहा है.

जिनीवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय परिसर में जनसंहार पीड़ितों की स्मृति में एक स्मारक का अनावरण.
UN Photo/Violaine Martin

ECOSOC: जनसंहार, अत्याचार-अपराधों की रोकथाम के लिए, क्या कुछ और किया जा सकता है

देशों के राजदूत, यूएन अधिकारी और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के विशेषज्ञ, जनसंहार, जातीय सफ़ाए, युद्धापराध और मानवता के विरुद्ध अपराधों को रोकने के तरीक़ों के बारे में अपने विचार, संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) की, न्यूयॉर्क में हुई एक विशेष बैठक में साझा कर रहे हैं.

रोमानिया में एक रोमा परिवार
© UN Photo/Patric Pavel

यूनीसेफ़ - बच्चों के विरुद्ध नस्लभेद और भेदभाव सर्वत्र व्याप्त

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष – यूनीसेफ़ ने रविवार, 20 नवम्बर को मनाए जाने वाले 'विश्व बाल दिवस' के अवसर पर जारी की गई एक नई रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर के देशों में जातीयता, भाषा और धर्म के आधार पर बच्चों के ख़िलाफ़ नस्लभेद और भेदभाव व्याप्त है.

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टूर्क ने 17 अक्टूबर 2022 को अपने चार वर्षीय कार्यकाल की शुरुआत की.
UN Photo/Violaine Martin

मानवाधिकार उच्चायुक्त का, इलॉन मस्क के नाम एक खुला पत्र

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त (OHCHR) वोल्कर टर्क ने ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, इलॉन मस्क के नाम एक खुला पत्र जारी करते हुए, उनके नेतृत्व में ट्विटर के प्रबन्धन में मानवाधिकारों की केन्द्रीय भूमिका सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि घर से बाहर 20-30 मिनट गुज़ारने से तनाव में कमी आती है.
© WHO/Peng Yuan

मानसिक स्वास्थ्य है उपेक्षा का शिकार, एक ‘वैश्विक प्राथमिकता’ बनाने का समय

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार, 10 अक्टूबर, को ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ के अवसर पर जारी अपने सन्देश में सचेत किया है कि दुनिया भर में क़रीब एक अरब लोग मानसिक स्वास्थ्य अवस्थाओं में जीवन गुज़ार रहे हैं, मगर फिर भी यह स्वास्थ्य देखभाल के सबसे उपेक्षित पहलू में से है.  

वैश्विक महामारी के दौरान, बड़ी संख्या में लोगों ने घर से ही काम करना शुरू किया.
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कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटना अहम, यूएन एजेंसियों का आग्रह

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने कामकाजी आबादी के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति उपजी चिन्ताओं से निपटने के लिये, ठोस उपाय किये जाने की पुकार लगाई है. एक अनुमान के अनुसार, हर वर्ष, मानसिक अवसाद और बेचैनी के कारण, 12 अरब कामकाजी दिनों का नुक़सान होता है, और वैश्विक अर्थव्यवस्था को क़रीब एक हज़ार अरब डॉलर का घाटा होता है. 

वियतनाम में जातीय अल्पसंख्यक हमोंग समुदाय का एक परिवार.
© UNICEF/Truong Viet Hung

अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा, संकल्प निभाने में 'विफल रही है दुनिया'

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया है कि अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करने के लिये, तीन दशक पहले जो संकल्प लिये गए थे, दुनिया उन्हें पूरा करने से बहुत दूर है. यूएन प्रमुख ने बुधवार को अल्पसंख्यक अधिकारों पर आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए, इस उपेक्षा से निपटने के लिये ठोस कार्रवाई का आग्रह किया है.  

अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के नवाबाद ज़िले में, एक अफ़ग़ान लड़की
© UNICEF/Mohammad Haya Burhan

अफ़ग़ानिस्तान की महिलाओं व लड़कियों के लिये यूएन एजेंसियों की प्रतिबद्धता

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने सोमवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में तालेबान के एक साल के शासन के दौरान महिलाओं और लड़कियों की ज़िन्दगियों के हालात बहुत ख़राब हुए हैं, जिससे मानवाधिकारों के तमाम क्षेत्र प्रभावित हुए हैं. यूएन एजेंसियों ने तालेबान शासन के एक साल बाद, देश की महिलाओं और लड़कियों को अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.

बोलिवियाई चाको के टेंटागुआसु समुदाय की एक स्वदेशी गुआरानी महिला ताड़ के पत्तों से बुनाई करती है.
WFP बोलीविया/अनानी शावेज़

पारम्परिक ज्ञान को संरक्षित रखने में आदिवासी महिलाओं के योगदान का जश्न

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आदिवासी महिलाओं की आवाज़ बुलन्द करने का आहवान किया है, जो सर्वजन की ख़ातिर एक निष्पक्ष व न्यायपूर्ण भविष्य प्राप्ति के लिये महत्वपूर्ण है.