कोविड-19: कोवैक्स के तहत वैक्सीन की ऐतिहासिक खेप पहुँची घाना
कोविड-19 महामारी पर क़ाबू पाने के प्रयासों के तहत, जीवनरक्षक कोरोनावायरस वैक्सीन की छह लाख ख़ुराकों की खेप, घाना पहुँच गई है. ऑक्सफ़र्ड यूनिवर्सिटी और ऐस्ट्राज़ेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन के इन टीकों की आपूर्ति, संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में कोवैक्स पहल के अन्तर्गत पहली बार किसी देश में की गई है. इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया गया है. इस पहल का लक्ष्य, सभी ज़रूरतमन्द देशों तक, कोविड-19 वैक्सीन का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है.
घाना भेजे गए टीकों का उत्पादन भारत के सीरम संस्थान में किया गया है, और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाली ‘कोवैक्स पहल’ के तहत ये टीके, पहली बार भारत से बाहर भेजे गए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने, बुधवार को, इस ख़बर की पुष्टि करते हुए कहा कि ऑक्सफ़र्ड-ऐस्ट्राज़ेनेका द्वारा विकसित वैक्सीनों की आपूर्ति जल्द ही आइवरी कोस्ट में की जाएगी.
वैक्सीन वितरण के प्रयासों में तेज़ी लाते हुए टीकों की आपूर्ति जल्द ही उन सदस्य देशों को भी की जाएगी, जिन्होंने वितरण के लिये अनिवार्य शर्तें पूरी कर ली हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस और कोवैक्स पहल के अन्य साझीदार संगठनों, वैक्सीन अलायन्स (GAVI) और महामारी से मुक़ाबले की तैयारी के लिये गठबन्धन (Coalition for Epidemic Preparedness Innovations/CEPI) ने, वैक्सीनों की खेप घाना पहुँचने का स्वागत किया है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा है कि इस वर्ष के पहले 100 दिनों में, सभी स्वास्थ्यकर्मियों और वृद्धजन को टीके लगाए जाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिये अभी बहुत कुछ किये जाने की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, “हम इस महामारी को तब तक कहीं भी ख़त्म नहीं कर सकते, जब तक हम इसका अन्त हर जगह ना कर दें.”
“वैक्सीनों के न्यायसंगत वितरण की साझा दूरदृष्टि को साकार करने की दिशा में आज पहला क़दम उठाया गया है, लेकिन यह अभी केवल शुरुआत है. अभी हमें सरकारों और विनिर्माताओं के साथ मिलकर बहुत काम करना है.”
न्यायसंगत वितरण का आहवान
CEPI के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर रिचर्ड हैचेट ने न्यायोचित ढँग से सार्वभौमिक वैक्सीन वितरण की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, “कोविड-19 के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड समय में अनेक सुरक्षित व कारगर वैक्सीनें उपलब्ध हुई हैं.”
लेकिन कोविड-19 के नए रूपों का फैलाव भी तेज़ हो रहा है, जिससे महामारी एक ऐसे नए चरण में प्रवेश कर रही है जहाँ उसका अनुमान लगाना कठिन है.
उन्होंने स्पष्ट किया, “यह अहम है कि जो वैक्सीनें विकसित की गई हैं, उन्हें तात्कालिक तौर पर दुनिया भर में साझा किया जाए, ताकि बीमारी का फैलाव कम हो सके, वायरस के रूप बदलने की गति धीमी हो, और महामारी का अन्त किया जा सके.”
कोवैक्स पहल में साझीदार संगठन GAVI के प्रमुख डॉक्टर सेट बर्कले ने इस मुहिम के लिये ज़्यादा समर्थन जुटाने के उद्देश्य से बताया कि घाना में वैक्सीनों का वितरण, एक गौर्वान्वित कर देने वाला लम्हा है.
लेकिन यह भी दोहराया जाना होगा कि इसमें शामिल सभी अर्थव्यवस्थाओं को, आगामी सप्ताहों के दौरान, सबसे ज़्यादा जोखिम का सामना कर रहे लोगों की रक्षा सुनिश्चित करनी होगी, फिर चाहे वे जहाँ भी हों.
उन्होंने सरकारों और व्यवसायों का आहवान किया कि कोवैक्स पहल के लिये, फिर से संकल्प लेते हुए इस वायरस को जल्द से जल्द हराना होगा.
कोवैक्स पहल के अन्तर्गत, कोरोनावायरस वैक्सीन की ख़ुराकें, प्रतिभागी देशों तक पहुँचाने के लिये कुछ अनिवार्य शर्तें पूरी किया जाना अहम है.
इनमें वैक्सीन के लिये राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण से मंज़ूरी, राष्ट्रीय टीकाकरण योजना की उपलब्धता और आयात के लिये लाइसेंस का होना आवश्यक है.
मौतों की संख्या में गिरावट
इस बीच, विश्व भर में कोरोनावायरस संक्रमण से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार तीसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने बुधवार को ताज़ा जानकारी जारी की है जिसके अनुसार पिछले सप्ताह 66 हज़ार लोगों की मौतों की पुष्टि हुई.
संगठन का कहना है कि पश्चिमी प्रशान्त (Western Pacific) के अलावा हर क्षेत्र में मौतों में कमी आई है. पश्चिमी प्रशान्त में छह प्रतिशत ज़्यादा मौतें हुई हैं.
कोविड-19 संक्रमण के नए मामलों में भी छह में से चार क्षेत्रों में 11 प्रतिशत की गिरावट आई है. लेकिन दक्षिण-पूर्व एशिया में दो प्रतिसत और पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र में सात प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.
अब तक, दुनिया भर में कोरोनावायरस के संक्रमण के 11 करोड़ से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 24 लाख लोगों की मौत हुई है.
अमेरिका, ब्राज़ील, फ़्राँस, भारत और रूस में, सबसे ज़्यादा संख्या में संक्रमण मामलों का दर्ज होना जारी है.