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कोविड-19: सटीक निर्णयों से निकलेगा सभी के लिये सम्मानजनक जीवन का रास्ता

इथियोपिया के अदीस अबाबा शहर के एक बाज़ार में सब्ज़ियाँ बेचते दुकानदार
© UNICEF/Nahom Tesfaye
इथियोपिया के अदीस अबाबा शहर के एक बाज़ार में सब्ज़ियाँ बेचते दुकानदार

कोविड-19: सटीक निर्णयों से निकलेगा सभी के लिये सम्मानजनक जीवन का रास्ता

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने कहा है कि कोविड-19 महामारी का सामना करने के लिये इस समय लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय ही तमाम लोगों के लिये सम्मानजनक जीवन का रास्ता प्रशस्त करेंगे. उन्होंने स्वास्थ्य महामारी का मुक़ाबला करने के प्रयासों की समीक्षा करने के लिये, यूएन महासभा के दो दिवसीय सत्र के अन्तिम दिन शुक्रवार को ये बात कही.

संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों सहित, वैज्ञानिकों और अन्य प्रमुख भागीदारों ने सत्र के दूसरे दिन स्वास्थ्य और मानवीय प्रयासों पर केन्द्रित बातचीत में सक्रिय शिरकत की.

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इसमें वैक्सीन का मार्ग, और संकट के सामाजिक-आर्थिक प्रभावों का सामना करने के उपायों पर भी विचार किया गया.

अति महत्वपूर्ण दौर

यूएन उप महासचिव आमिना जे मोहम्मद ने देशों को इस विश्व संगठन द्वारा मुहैया कराई जा रही सहायता व समर्थन का ख़ाका भी पेश किया जिसमें सर्वसुलभ वैक्सीन की ज़रूरत पूरी करने के लिये 28 अरब डॉलर की रक़म उपलब्ध कराए जाने के प्रयास भी शामिल हैं.

और ये सुलभता, लोगों की वित्तीय पृष्ठभूमि या स्थान में भेद किये बिना होगी, और इन प्रयासों में, समावेशी पुनर्बहाली योजनाओं में, हर जगह, स्थानीय अधिकारियों की मदद की जाएगी.

उप महासचिव ने कहा, “ये सत्र एक बहुत ही महत्वपूर्ण दौर में हुआ है. अगर हम, इस समय सही निर्णय लेंगे, तो हम मानवीय ज़रूरतें पूरी कर सकेंगे, विकास का रास्ता बदल सकेंगे, और टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की रफ़्तार तेज़ कर सकेंगे. और एक सुरक्षित व स्वस्थ पृथ्वी ग्रह पर, सभी लोगों के लिये सम्मानजक व अवसरों से भरपूर जीवन सम्भव बना सकेंगे.”

भिन्न देश, भिन्न प्रभाव

यूए महासभा को अक्सर, वैश्विक पंचायत भी कहा जाता है, जिसमें दुनिया के 193 देश सदस्य हैं. 

कोविड-19 महामारी ने, पूरी दुनिया में तबाही मचा दी है, एक तरह से, संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्षेत्र का हर कोना इससे प्रभावित हुआ है. वैसे तो, ये महामारी, एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, मगर देशों में अलग-अलग प्रभाव हुआ है, इसलिये उसका मुक़ाबला भी भिन्न तरीक़ों से किया जा रहा है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेश के अनुसार बहुत से देश अपने यहाँ कारगर सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के ज़रिये, इस महामारी का फैलाव रोकने में कामयाब रहे हैं, ये कोई भौगोलिक या जनसांख्यिकी इत्तेफ़ाक नही है.  

महानिदेशक टैड्रॉस एडेनहॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा स्थित मुख्यालय से दिये अपने भाषण  कहा कि इन देशों ने विज्ञान, एकजुटता और बलिदान के कौशल को साबित किया है.

“लेकिन जहाँ विज्ञान को षडयन्त्रकारी कपोल-कल्पनाओं के ज़रिये नकारने की कोशिश की गई है, जहाँ एकजुटता को विभाजनों के ज़रिये कमज़ोर किया गया है, जहाँ बलिदान की भावना को, स्वार्थी हितों से नकारा गया है, वहाँ वायरस बल मिला है. वायरस तो इसी तरह फैलता है.”

स्थिति अब भी ख़तरनाक

कोविड-19 महामारी ने अभी तक लगभग 6 करोड़ 40 लाख लोगों को संक्रमित किया है और लगभग 15 लाख लोगों की मौत हो चुकी है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन में आपदाओं के निदेशक डॉक्टर माइकल रायन ने जिनीवा से बोलते हुए कहा कि अलबत्ता, वैक्सीन बहुत नज़दीक नज़र आ रही है, हम सभी अब भी बेहद ख़तरनाक और कठिन स्थिति में हैं.

उन्होंने बताया कि ख़ासतौर से, अमेरिका और योरोप में कुछ देशों में, अब भी इस वायरस का संक्रमण बहुत उछाल पर है. कुछ अन्य क्षेत्रों में, स्थिति स्थिर नज़र आ सकती है, मगर वहाँ भी अनेक देश मौजूदा संक्रमण या लौटते संक्रमण से जूझ रहे हैं.

डॉक्टर माइकल रायन ने ज़ोर देकर कहा, “हम मौजूदा नियन्त्रण उपायों में, वैक्सीन को भी शामिल कर सकेंगे. मगर, मैं स्पष्ट शब्दों में ये भी कहना चाहता हूँ – वैक्सीन या टीकाकरण, का मतलब ये नहीं है कि कोविड-19 बिल्कुल ही ख़त्म हो जाएगा. हमें वैक्सीन के साथ-साथ वो रोकथाम उपाय भी अपनाते रहने होंगे जो इस समय अपनाए जा रहे हैं.”