कोविड-19: वैक्सीन को आपदा प्रयोग के लिये, WHO की हरी झण्डी

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी – विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विकासशील दुनिया में, कोविड-19 की वैक्सीन की उपलब्धता में तेज़ी लाने के उद्देश्य से, 31 दिसम्बर को, फ़ाइज़र कम्पनी की वैक्सीन बायो-एन-टैक (BioNTech) को, आपात स्थिति में प्रयोग के लिये स्वीकृति दे दी है.
संगठन ने दुनिया भर के नियामक विशेषज्ञों को इकट्ठा किया जिन्होंने यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की टीम के साथ मिलकर, फ़ाइज़र की वैक्सीन के विवरण और बारीक़ियों की जाँच-पड़ताल व समीक्षा की.
The Pfizer/BioNTech #COVID19 vaccine today became the first vaccine to receive WHO validation for emergency use since the outbreak began.Equitable global access to vaccines is crucial to combat the pandemic.👉 https://t.co/7WNcHhc3z8 pic.twitter.com/Kyjv5RNzjB
WHO
इन तमाम विशेषज्ञों और और यूए स्वास्थ्य एजेंसी की टीम ने गुरूवार को पाया कि ये वैक्सीन, सुरक्षा और फ़ायदों के मामले में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों और कसौटी पर खरी उतरती है. इस वैक्सीन के सम्भावित जोखिमों की तुलना में, इसके लाभ कहीं ज़्यादा हैं.
दवाओं व स्वास्थ्य उत्पादों की उपलब्धता सम्बन्धी मामलों के लिये, विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहायक महानिदेशक डॉक्टर मारियाँगेला सिमाओ ने कहा, “कोविड-19 महामारी की वैक्सीन, दुनिया भर में उपलब्ध कराने की दिशा में, एक बहुत की सकारात्मक क़दम है.”
“लेकिन मैं ये ज़ोर देकर कहना चाहती हूँ कि दुनिया भर में, सभी स्थानों पर, प्राथमिकता वाली आबादियों को समुचित मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति व उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये, और भी ज़्यादा वैश्विक प्रयासों की ज़रूरत है.”
इस वैक्सीन को, विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा ये मंज़ूरी दिये जाने के बाद, अब देशों के लिये अपने यहाँ नियामक मंज़ूरी प्रक्रिया को तेज़ करने के दरवाज़े खुल जाएँगे, और वैक्सीन आयात करने व ज़रूरतमन्दों को दिये जाने की प्रक्रिया में भी तेज़ी लाई जा सकेगी.
इस मंज़ूरी के बाद, यूनीसेफ़ और वृहद अमेरिकन स्वास्थ्य संगठन (PAHO) के लिये भी, वैक्सीन की ख़रीददारी और ज़रूरतमन्द देशों में आपूर्ति करने का रास्ता साफ़ हो जाएगा.
लेकिन, इसी के साथ, विश्व स्वास्थ्य संगठन, वैक्सीन विकसित करने वाली अन्य कम्पनियों और विशेषज्ञों को भी, इस समीक्षा व आकलन कराने के लिये आगे आने को प्रोत्साहित कर रहा है, ताकि महामारी पर क़ाबू पाने के लिये, दुनिया के तमाम ज़रूरतमन्द देशों तक समुचित मात्रा में वैक्सीनों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके.
डॉक्टर मारियाँगेला सिमाओ ने कहा, “विश्व स्वास्थ्य संगठन और हमारे साझीदार, अन्य वैक्सीनों की जाँच-पड़ताल व आकलन करने के लिये, दिन-रात अथक काम कर रहे हैं जो सुरक्षा और कुशलता मानक के स्तर को पार कर गई हैं.”
इस वैक्सीन की नीतिगत समीक्षा भी की जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के – टीकाकरण पर रणनैतिक परामर्शकारी विशेषज्ञ समूह (SAGE) के अनुभवों से जानकारी हासिल करते हुए, कोविड-19 वैक्सीन के लिये भी, प्राथमिकता वाली आबादी के बारे में, सितम्बर में सिफ़ारिशें जारी की गई थीं.
ये समूह, कोविड-19 वैक्सीन के बारे में विशिष्ट नीतियों व सिफ़ारिशों को अन्तिम रूप देने के लिये, 5 जनवरी को बैठक करेगा.
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके साझीदार संगठन, दो चरणों में दी जाने वाली इस दवा और उसके फ़ायदों के बारें में, देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक जानकारी मुहैया करा रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन, गावी वैक्सीन अलायन्स और महामारी नवाचार मुस्तैदी के लिये गठबन्धन (CEPI), मिलकर एक वैश्विक प्रयास – कोवैक्स चला रहे हैं. इसका मक़सद, केवल धनी देशों के बजाय, सभी देशों तक समान तरीक़े से वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करना है.