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कोविड-19: वैक्सीन के लिये 2020 के अन्त 50 करोड़ सिरींज के भण्डारण की तैयारी

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में रोहिंज्या शरणार्थी शिविर में एक स्वास्थ्यकर्मी सिरींज में वैक्सीन भर रही है.
© UNICEF/Patrick Brown
बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में रोहिंज्या शरणार्थी शिविर में एक स्वास्थ्यकर्मी सिरींज में वैक्सीन भर रही है.

कोविड-19: वैक्सीन के लिये 2020 के अन्त 50 करोड़ सिरींज के भण्डारण की तैयारी

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) ने विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के मुक़ाबले रक्षा कवच तैयार करने के लिये एक असरदार वैक्सीन की तलाश के बीच,  वैक्सीन के त्वरित, सुरक्षित और दक्षतापूर्ण वितरण के लिये ज़रूरी प्रक्रिया को मूर्त रूप देना शुरू कर दिया है. इन तैयारियों के तहत इंजेक्शन के लिये 50 करोड़ से ज़्यादा सिरींज और अन्य ज़रूरी उपकरणों की ख़रीदारी और भण्डारण व्यवस्था को पुख़्ता बनाया जा रहा है जिसकी संख्या वर्ष 2021 एक अरब तक बढ़ाए जाने की सम्भावना है. 

यूनीसेफ़ यह कार्य अपने साझीदार संगठनों, ग्लोबल वैक्सीन एलायंस (GAVI) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर आगे बढ़ा रहा है. 

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जैसे ही कोविड-19 की सम्भावित वैक्सीन को सफल परीक्षणों के बाद इस्तेमाल करने के लिये लाइसेन्स हासिल होता है, दुनिया को इंजेक्शन के लिये वैक्सीन की ख़ुराकों के बराबर संख्या में ही सिरींज की आवश्यकता होगी.

यूनीसेफ़ इन ज़रूरतों के मद्देनज़र इस वर्ष अपने भण्डारों में 52 करोड़ सिरींज जमा करने की व्यवस्था पर काम कर रहा है जिसकी क्षमता वर्ष 2021 में बढ़ाकर एक अरब तक करने की योजना है.

ऐसा करके शुरुआती आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी और यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोविड-19 वैक्सीनों की ख़ुराक आने से पहले ये सिरींज विभिन्न देशों में पहुँचाई जा सके. 

ऐतिहासिक स्तर पर प्रयास

यूनीसेफ़ की कार्यकारी निदेशक हेनरीएटा फ़ोर ने बताया कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ दुनिया भर में टीकाकरण अभियान मानव इतिहास के विशालतम प्रयासों में से एक होगा, और इसके लिये हमें उतनी तेज़ी से हरकत में आने की आवश्यकता है जिस गति से ख़ुराक तैयार की जाएँगी.

“बाद में तेज़ी से आगे बढ़ने के लिये हमें अभी तेज़ी से आगे बढ़ना होगा. इस वर्ष के अन्त तक, हमारे पास 50 करोड़ सिरींज पहले से ही उपलब्ध होंगी जिन्हें किफ़ायती ढँग से जल्दी तैनात किया जा सकेगा.”   

यूनीसेफ़ वर्ष 2021 के लिये यह मानकर तैयारी कर रहा है कि कोविड-19 की पर्याप्त संख्या में ख़ुराकें उपलब्ध होंगी और कोविड-19 टीकाकरण अभियान के लिये एक अरब सिरींज का वितरण किया जाएगा.

यह संख्या उन 62 करोड़ सिरींज के अतिरिक्त होगी जिनकी ख़रीदारी ख़सरा, टायफ़ॉयड सहित अन्य टीकाकरण अभियानों के लिये की जाती है.    

सिरींज के अलावा, यूनीसेफ़ 50 लाख ‘सेफ़्टी बॉक्स’ भी ख़रीदने की तैयारी कर रहा है जिनके ज़रिये सिरींज और सुइयाँ स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुरक्षित ढँग से कचरे में फेंके जा सकें.

हर एक डिब्बे में 100 सिरींज रखी जा सकेंगी और इससे अनजाने में सुइयों से होने वाले ज़ख़्मों या रक्त से फैलने वाली बीमारियों से बचा सकेगा. 

इंजेक्शन दिये जाने के लिये सिरींज सहित अन्य ज़रूरी सामग्री को पाँच साल तक इस्तेमाल के लिये रखा जा सकता है और अपेक्षाकृत भारी होने के कारण उनकी माल ढुलाई समुद्री मार्ग से होती है.

इसके विपरीत वैक्सीन की ख़ुराकों को सही तापमान में सुरक्षित रखे जाने की ज़रूरत होती है जिसके लिये वायु मार्ग से ही उनका आम तौर पर वितरण किया जाता है.   

सिरींज और सेफ़्टी बॉक्स शुरू में ही ख़रीदने से बाज़ार पर पड़ने वाला दबाव किया जा सकेगा और माँग में आने वाली अचानक बढ़ोत्तरी को टालने में भी मदद मिलेगी. 

टीकाकरण कार्यक्रमों में अग्रणी भूमिका

यूनीसेफ़ पहले से ही दुनिया में सबसे बड़े पैमाने पर वैक्सीन का एकल ख़रीदार है. संगठन नियमित टीकाकरण अभियानों और बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिये लगभग 100 देशों की ओर से प्रतिवर्ष वैक्सीन की दो अरब ख़ुराकें ख़रीदता है. 

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कोविड-19 वैक्सीन आने के बाद यह संख्या तीन या चार गुणा बढ़ने की सम्भावना बताई गई है. 

यूनीसेफ़ हर वर्ष दुनिया भर में बच्चों की क़रीब आधी आबादी तक वैक्सीन पहुँचाता है और नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों के लिये 60-80 करोड़ सिरींज की ख़रीदारी व आपूर्ति की जाती है. 

वैक्सीन की ख़ुराकें सही तापमान पर सुरक्षित रखने और उनके परिवहन के लिये यूनीसेफ़ और यूएन स्वास्थ्य एजेंसी मौजूदा शीत भण्डारण उपकरणों (Cold chain equipment) और अन्य क्षमताओं की समीक्षा कर रहे हैं, और इसके लिये ज़रूरी दिशानिर्देश तैयार किये जा रहे हैं.

“हम हर वो काम कर रहे हैं जिससे इन ज़रूरी आपूर्तियों को दक्षतापूर्ण, प्रभावी ढँग से सही तापमान पर वितरित किया जा सके, जैसा कि हम पहले से ही दुनिया भर में करते रहे हैं.” 

कोविड-19 महामारी के फैलाव से पहले ही यूनीसेफ़ अपने साझीदार संगठनों के साथ मिलकर अनेक देशों में मौजूदा शीत भण्डारण व्यवस्था को बेहतर बनाने के प्रयासों में जुटा रहा है.

वर्ष 2017 से अब तक 40 हज़ार से ज़्यादा रैफ़रिजरेटरों का प्रबन्ध किया गया है, जिनमें सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरण भी हैं.