कोविड-19: वैक्सीन प्रयासों को वित्तीय मज़बूती देने पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने सभी देशों से वैश्विक महामारी कोविड-19 के ख़िलाफ़ एक असरदार वैक्सीन को हर किसी के लिये हर स्थान पर उपलब्ध कराने के लिये ज़रूरी वित्तीय संसाधनों का तत्काल इन्तज़ाम किये जाने की पुकार लगाई है. बताया गया है कि वैश्विक प्रयासों के अन्तर्गत वैक्सीन के लिये उतनी ही धनराशि की ज़रूरत है जितना धन दुनिया में सिगरेटों पर दो सप्ताह में कुल ख़र्च किया जाता है.
कोविड-19 महामारी पर क़ाबू पाने की वैश्विक कार्रवाई में ‘Access to COVID-19 Tools’ (ACT-Accelerator) एक महत्वपूर्ण पहल है.
इसके ज़रिये वैक्सीन, उपचार और निदान तेज़ी से विकसित करने और उनके न्यायसंगत वितरण के प्रयासों को आगे बढ़ाया जा रहा है. COVAX Facility इसकी वैक्सीन इकाई है.
The Access to #COVID19 Tools (ACT) Accelerator is a ground-breaking global collaboration to accelerate the development, production, and equitable access to COVID-19 diagnostics, therapeutics, and vaccines.More:👉 https://t.co/M6CpjKRrpH#ACTogether pic.twitter.com/mVrEjAzHav
WHO
अप्रैल 2020 के अन्त में शुरू की गई इस पहल के लिये अब तक तीन अरब डॉलर की राशि जुटाई गई है लेकिन अभी यह रक़म पर्याप्त नहीं है.
यूएन प्रमुख ने बुधवार को आयोजित एक उच्चस्तरीय कार्यक्रम में कहा कि इन प्रयासों को परिणति तक पहुँचाने के लिये 35 अरब की धनराशि की आवश्यकता है जिसमें से 15 अरब डॉलर की तत्काल ज़रूरत है.
महासचिव ने कहा कि इन संसाधनों का अभी इन्तेज़ाम करना बेहद अहम है ताकि शोध के साथ-साथ वैक्सीन विकसित होने की स्थिति में पहले से ख़रीद, उत्पादन, लाइसेन्सिंग को सुचारू रूप से आगे बढ़ाने के लिये शुरू से ही तैयारी की जा सके.
उन्होंने आगाह किया कि अगर इस काम में देरी हुई तो फिर व्यापक विषमताओं के और ज़्यादा गहराने का ख़तरा है.
कोरोनावायरस संकट से वैश्विक अर्थव्यवस्था को हर महीने 375 अरब डॉलर की क्षति पहुँच रही है और अब तक 50 करोड़ रोज़गार तबाह हो चुके हैं.
यूएन प्रमुख ने विकसित देशों से पुकार लगाई है कि जितनी धनराशि घरेलू स्तर पर सामाजिक और आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिये आबण्टित की गई है, उसके एक छोटे हिस्से का निवेश अन्य स्थानों पर वायरस के फैलाव को रोकने के लिये किया जाना चाहिये.
महासचिव ने ध्यान दिलाया कि आपसी एकजुटता ही सभी के हित में हैं और 21वीं सदी के इस सत्य को पहचानना इस संकट को समाप्त करने और सुरक्षित, अक़्लमन्दी व मज़बूत ढँग से उबरने के लिये ज़रूरी है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इस अवसर पर ध्यान दिलाया कि कोविड-19 से मची तबाही के बीच विज्ञान नए परीक्षण, उपचार और सम्भवत: वैक्सीन के रूप में समाधान पेश कर रहा है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख के मुताबिक विज्ञान व समाधान एकजुटता के अभाव में प्रभावी साबित नहीं होंगे.
‘ACT-Accelerator’ पहल के नतीजों को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि 12 करोड़ त्वरित परीक्षण किटें निम्न व मध्य आय वाले देशों के लिये तैयार करने पर काम चल रहा है.
इसके अतिरिक्त डेक्सामीथेज़ोन नामक दवा की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जा रही है जिससे गम्भीर रूप से बीमार संक्रमित मरीज़ों के उपचार में मदद मिली है.
उन्होंने आगाह किया कि इस पहल के लिये 35 अरब डॉलर की ज़रूरत है – इसके बराबर धनराशि दुनिया में लोग हर दो सप्ताह में अपनी सिगरेटों के लिये ख़र्च कर देते हैं.
महानिदेशक घेबरेयेसस ने आशा जताई कि पूर्ण रूप से वित्तीय संसाधन मुहैया कराए जाने की स्थिति में इस पहल की मदद से महामारी पर क़ाबू पाने, भरोसा बहाल करने और आर्थिक पुनर्बहाली को तेज़ करने में मदद मिलेगी.
“ईमानदारी से कहूँ तो यह कोई एक वित्तीय चुनौती नहीं है, यह एकजुटता की परीक्षा है. यह राष्ट्रवाद को ना कहने और साझा मानवता को हाँ कहने का समय है.”
इस कार्यक्रम को गेट्स फ़ाउण्डेशन के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ एक वैक्सीन से लाखों-करोड़ों लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने में मदद मिलेगी और इस महामारी को विश्व भर में जड़ से ख़त्म करने की योजना को बल मिलेगा.
इस सम्बन्ध में उन्होंने तीन अहम ज़रूरतों का उल्लेख किया: कोविड-19 वैक्सीन की अरबों खुराकें तैयार किया जाना; वैक्सीन की खुराकों के उत्पादन के लिये धनराशि का इन्तेज़ाम; और वैक्सीन हर स्थान पर पहुँचाने के लिये प्रणाली का इन्तेज़ाम.