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कोविड-19: दक्षिण-पूर्व एशिया बैठक में सामूहिक मुक़ाबले का संकल्प

थाईलैण्ड की राजधानी बैकॉन्क के अस्पताल में बैठने की व्यवस्था करते समय ऐहतियाती उपायों का ख़ास ध्यान रखा गया है.
ILO/Alin Sirisaksopit
थाईलैण्ड की राजधानी बैकॉन्क के अस्पताल में बैठने की व्यवस्था करते समय ऐहतियाती उपायों का ख़ास ध्यान रखा गया है.

कोविड-19: दक्षिण-पूर्व एशिया बैठक में सामूहिक मुक़ाबले का संकल्प

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सदस्य देशों ने वैश्विक महामारी कोविड-19 का मुक़ाबला सामूहिक रूप से करने और महामारी के दौरान ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाएँ मुहैया कराने के लिये स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करने का संकल्प लिया है. क्षेत्रीय समिति का 73वाँ सत्र गुरूवार को वर्चुअली सम्पन्न हुआ जिसकी मेज़बानी थाईलैण्ड ने की और इसमें शिरकत करने वाले मन्त्रियों ने इस आशय के एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के सभी सदस्य देशों ने सामूहिक रूप से कोविड -19 से लड़ने का संकल्प लिया और महामारी की जवाबी कार्रवाई के लिये आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिये बेहतर उपकरणों वाली मज़बूत स्वास्थ्य प्रणालियाँ बनाने का फैसला लिया. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “कोविड-19 के प्रसार ने लगभग हर समुदाय को प्रभावित किया है, स्वास्थ्य प्रणालियों को प्रभावित किया है और अर्थव्यवस्थाओं व आजीविकाओं को बाधित किया है, जिसका असर स्वास्थ्य क्षेत्र से कहीं आगे तक देखा जा रहा है. इससे कमज़ोर समुदायों पर सबसे अधिक असर हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र की प्राथमिकताओं की बेहतर समझ हासिल करने के लिये एक सर्वेक्षण किया. ज़रूरी सेवाओं की उपलब्धता एजेण्डा के शीर्ष पर हैं.” 

घोषणा-पत्र पर हस्ताक्षर

विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने सदस्य देशों के स्वास्थ्य मन्त्रियों व प्रतिनिधियों के साथ ‘‘Collective Response to COVID-19’ नामक घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए कहा, "ऐसे अभूतपूर्व हालात में लोगों की सामान्य स्वास्थ्य ज़रूरतें ग़ायब नहीं हो जातीं, स्वास्थ्य सुरक्षा केवल इस तरह की  अकाल घटनाओं को रोकने, उनसे निपटने की तैयारी करने और जवाबी कार्रवाई करने के लिये क्षमता निर्माण के बारे में नहीं होती. इसमें प्रतिक्रिया की अवधि के लिये और पुनर्बहाली के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को बनाए रखने की क्षमता निर्माण पर भी ध्यान देना ज़रूरी है."

यह घोषणा-पत्र क्षेत्रीय समिति के 73वें सत्र के दूसरे और अन्तिम दिन एक मन्त्रिस्तरीय सम्मेलन के समापन सत्र में पेशके इस पर हस्ताक्षर किये गए. थाईलैंड की मेज़बानी में आयोजित ये सम्मेलन, कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार वर्चुअल मंच पर आयोजित किया गया है.

गोलमेज़ चर्चा के दौरान सभी सदस्य देशों ने विभिन्न कोविड-19 प्रतिक्रिया उपायों और आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ बनाए रखने और महामारी के कारण प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिये किए जा रहे प्रयासों की जानकारी एक दूसरे के साथ साझा की.

सभी देशों ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने के महत्व पर सहमति जताई, जो  कोविड-19 से मुक़ाबला करने सहित आमजन की अन्य ज़रूरतों के लिये गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच सुलभ करने के लिये उपयोगी हों.

घोषणा-पत्र में सभी देशों से अपील की गई है कि वो सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाए रखने के लिये प्रयासरत रहें और वर्तमान महामारी को अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को बेहतर बनाने व सतत पुनर्निर्माण करने के अवसर के रूप में देखें. 

सदस्य देशों ने आमजन के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए महामारी के दौरान और बाद में निर्बाध सेवाएँ सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त बजट आबण्टित करने पर सहमति व्यक्त की.

स्वास्थ्यकर्मियों के कल्याण का संकल्प

देशों ने डिजिटल तकनीकों का लाभ उठाकर स्वास्थ्य सूचना प्रणाली को मज़बूत करने का संकल्प लिया, जिससे नीतिगत निर्णय के लिये प्रकोपों की सामयिक सूचना साझा हो सके. 

सदस्य देशों ने महामारी का मुक़ाबला करने के प्रयासों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए पेशेवर स्वास्थ्यकर्मियों व अन्य कर्मियों के व्यावसायिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने का संकल्प लिया.

डॉक्टर खेत्रपाल सिंह ने 11 सदस्य देशों के स्वास्थ्य मन्त्रियों के साथ चर्चा करते हुए कहा, "स्वास्थ्य कर्मचारियों को संक्रमण और हिंसा से सुरक्षित रखने और मानसिक स्वास्थ्य व मनोसामाजिक सहायता प्रदान करने के लिये निरन्तर प्रयास किये जाने चाहिये."

रोगियों की सुरक्षा

घोषणा-पत्र में पर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों व गुणवत्ता वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता के माध्यम से रोगियों और लोगों की सुरक्षा मज़बूत करने के लिये भी कहा गया है; और चिकित्सीय कूड़े की प्रबन्धन प्रणालियों के माध्यम से व्यावसायिक और पर्यावरणीय सुरक्षा को मज़बूत करने व जैव-चिकित्सा व प्रणाली अनुसन्धान को मजबूत बनाने पर भी सहमति व्यक्त की गई.

सदस्य देशों ने बहु-क्षेत्रीय सहयोग जारी रखने और विस्तार करने; तैयारी, निगरानी और तेज़ प्रतिक्रिया, क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण, दवाइयों और चिकित्सा आपूर्ति श्रृँखला प्रबन्धन और आवश्यक स्वास्थ्य संसाधनों के क्षेत्रीय भण्डार की क्षमता बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने पर भी सहमति व्यक्त की.

साथ ही, अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियम 2005 के तहत कमियों की पहचान करने और मुख्य क्षमताएँ मज़बूत करने का भी संकल्प लिया गया.

क्षेत्र के सभी देशों ने ख़ासतौर पर कोविड-19 के टीके, दवाओं और इलाज के समान का आबण्टन सुनिश्चित करने के लिये वैश्विक चर्चा में पूर्ण रूप से हिस्सा लेने पर सहमति व्यक्त की.

डॉक्टर खेत्रपाल सिंह ने कहा, “सभी लोगों, सभी क्षेत्रों, सभी देशों और सभी भागीदारों को जवाबी कार्रवाई मज़बूत करने और एक ऐसी पुनर्बहाली और भविष्य सुनिश्चित करने के लिये एक साथ आना होगा जो कि स्वास्थ्य के नज़रिये से अधिक सुरक्षित हो, जहाँ सभी लोगों की स्वास्थ्य ज़रूरतें टिकाऊ विकास की पूर्ववर्ती शर्त के तौर पर पूरी की जाएँ, ऐसा टिकाऊ विकास जो हम सभी हासिल करने के लिये प्रयासरत हैं.”