आईसीसी अधिकारियों पर अमेरिकी पाबन्दियाँ - यूएन की चिन्ताजनक नज़र

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अमेरिका के उस फ़ैसले पर चिन्ता जताई है जिसमें अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) की मुख्य अभियोजक और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी पर पाबन्दियाँ लगाने की घोषणा की गई है. यूएन प्रमुख के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि मौजूदा घटनाक्रम पर नज़र रखी जा रही है. ग़ौरतलब है कि द हेग शहर में स्थित अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) अफ़ग़ानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों द्वारा कथित युद्धापराधों की जाँच की तैयारी कर रहा है जिस पर अमेरिका ने विरोध जताया है.
अमेरिकी विदेश मन्त्री माइक पोम्पेयो ने आईसीसी पर आरोप लगाया है कि न्यायालय अमेरिकी नागरिकों को उसके न्यायिक क्षेत्र में लाने की ग़ैरक़ानूनी कोशिशें कर रहा है.
अमेरिका ने न्यायालय की मुख्य अभियोजक फ़तू बेन्सूडा और एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी फाकीसो मोचोचोको पर प्रतिबन्ध लगा दिये हैं.
ये पाबन्दियाँ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प द्वारा जून में जारी उस आधिकारिक आदेश के तहत लगाई गई हैं जो आईसीसी के साथ जुड़े कुछ व्यक्तियों की सम्पत्तियों पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये जारी किया गया था.
वर्ष 2004 में अपनी स्थापना के बाद से ही न्यायालय अमेरिका, रूस और चीन सहित अन्य देशों की आलोचना का सामना करती रहा है. अनेक देशों ने न्यायालय के अधिकार-क्षेत्र में शामिल होने पर मोहर लगाने से इनकार किया है.
अमेरिकी विदेश मन्त्री ने आईसीसी को पूरी तरह भ्रष्ट और खण्डित संस्था क़रार देते हुए कहा कि अमेरिका ने कभी रोम संविदा (Rome Statute) पर हस्ताक्षर नहीं किये जिसके आधार पर इस कोर्ट का गठन हुआ था.
विदेश मन्त्री ने कहा कि अमेरिकी नागरिकों को अदालत के न्यायिक-क्षेत्र में लाने की नाजायज़ कोशिशें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.
उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका यह क़दम इसलिये उठा रहा है क्योंकि आईसीसी ने अमेरिकियों को निशाना बनाना जारी रखा है, जो दुखद है.
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने बताया कि घटनाक्रम पर नज़र रखी जा रही है.
संयुक्त राष्ट्र और आईसीसी के बीच सहयोग ‘सम्बन्ध समझौता’ (Relationship Agreement) पर आधारित है जिसे महासभा ने 13 सितम्बर 2004 में मंज़ूरी दी थी.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी घोषणा के बाद इस समझौते पर उसके असर का विश्लेषण किया जाएगा.
यूएन प्रवक्ता ने कहा कि हमें भरोसा है कि व्यक्तियों पर पाबन्दियाँ लगाते समय मेज़बान देश के दायित्वों का भी ध्यान रखा जाएगा जिन्हें संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय समझौते के तहत तय किया गया है.
आईसीसी की मुख्य अभियोजक के तौर पर फ़तू बेन्सुडा सुरक्षा परिषद की अहम बैठकों में शामिल होने के लिये अमेरिका की यात्रा करती रही हैं.
इस बीच अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के कामकाज की निगरानी करने वाली ‘असेम्बली ऑफ़ स्टेट पार्टीज़’ के अध्यक्ष ओ-गोन क्वॉन ने इन पाबन्दियों को अभूतपूर्व बताते हुए ख़ारिज कर दिया है और न्यायालय अधिकारियों, स्टाफ़ व उनके परिजनों पर हुई इस कार्रवाई पर खेद जताया है.
उन्होंने आईसीसी को एक स्वतन्त्र और निष्पक्ष न्यायालय बताया है जो रोम संविदा में तय प्रावधानों के तहत ही संचालित है.