कोविड-19: कारगर वैक्सीन व उपचार मुहैया कराने पर केन्द्रित नई पहल

वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम और उसके इलाज में असरदार वैक्सीन, दवाइयों और स्वास्थ्य टैक्नॉलजी को सभी के लिए मुहैया कराने के इरादे से शुक्रवार को 30 देशों और कई अन्तरराष्ट्रीय संगठनों ने एक नई पहल – ‘टैक्नॉलॉजी एक्सेस पूल’ – शुरू की है.
इस पहल (COVID-19 Technology Access Pool / C-TAP) का उद्देश्य रीसर्च में सहयोग के ज़रिये वैक्सीन, दवाइयों और अन्य टैक्नॉलॉजी को विकसित करने के प्रयासों में गति लाना है. साथ ही उनका उत्पादन व्यापक स्तर पर और तेज़ रफ़्तार से करने के इन्तज़ाम में भी मदद मिलेगी.
The #COVID19 Technology Access Pool aims to:🔬 Accelerate the discovery of vaccines, medicines & other technologies through open-science research🏁 Fast-track product development by mobilizing additional manufacturing capacity👉🏽https://t.co/8tze2xa4lj pic.twitter.com/jPoc3dgz9z
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यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि कोविड-19 से विश्व की मौजूदा विषमताओं पर नज़र पड़ी है लेकिन इन असमानताओं को दूर करने और एक न्यायोचित दुनिया का निर्माण करने का अवसर भी मिला है.
इस पहल की पेशकश कोस्टा रीका के राष्ट्रपति कार्लोस अलवरादो ने मार्च 2020 में की थी और शुक्रवार को हुए कार्यक्रम में यूएन एजेंसी के प्रमुख के साथ वह भी शामिल हुए.
इस अवसर पर राष्ट्रपति अलवरादो ने कहा कि ‘कोविड-19 टैक्नॉलॉजी एक्सेस पूल’ के ज़रिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नवीनतम और सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक प्रगति का लाभ पूरी मानवता को हासिल हो.
उन्होंने कोरोनावायरस के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई में वैक्सीन, टैस्ट, डायग्नोस्टिक, उपचार और अन्य अहम औज़ारों को सभी के लिए उपलब्ध कराने की ज़रूरत पर बल दिया है.
स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि कोविड-19 पर पार पाने में वैश्विक एकजुटता और सहयोग से ही सफलता मिलेगी.
“मज़बूत विज्ञान और खुले सहयोग पर आधारित जानकारी साझा करने के लिए बनाये गये इस प्लेटफ़ॉर्म से दुनिया भर में जीवनरक्षक टैक्नॉलॉजी को समान रूप से पहुँचाने में मदद मिलेगी.”
कोविड-19 टैक्नॉलॉजी एक्सेस पूल’ स्वैच्छिक और सामाजिक एकजुटता पर आधारित होगा. इसके ज़रिए वैज्ञानिक जानकारी, डेटा और बौद्धिक सम्पदा को वैश्विक समुदाय के साथ समान रूप से साझा करने में मदद मिलेगी.
इस पहल से जुड़ी पाँच अहम बातें:
- जीन अनुक्रम (Sequence)और डेटा को सार्वजनिक रूप से पेश करना
- क्लीनिकल ट्रायल के नतीजों के प्रकाशन में पारदर्शिता बरतना
- फ़ार्मेस्यूटिकल कम्पनियों के साथ समझौतों में स्वास्थ्य उपायों की वित्तीय दक्षता और समान रूप से वितरण की शर्तों का ध्यान रखना
- प्रस्तावित उपचार, डायग्नोसिस, वैक्सीन और अन्य टैक्नॉलॉजी को ‘मेडिसिन्स पेटेन्ट पूल’ के तहत लाइसेन्स प्रदान करना.
यूएन समर्थित इस पूल का उद्देश्य निम्न व मध्य आय वाले देशों में जीवनरक्षक दवाइयों की सुलभता सुनिश्चित करना है.
- अभिनव समाधानों, मॉडलों व टैक्नॉलॉजी हस्तान्तरण को बढ़ावा देना जिससे स्थानीय स्तर पर उत्पादन और आपूर्ति की क्षमता में इज़ाफ़ा हो.
इस पहल को दुनिया भर में देशों से समर्थन मिला है और इससे ‘एक्सेस टू कोविड-19 टूल्स एक्सीलरेटर’ (Access to COVID-19 Tools / ACT Accelerator) के तहत पहले से किये जा रहे प्रयासों को गति मिलेगी.
शुक्रवार को आयोजित इस कार्यक्रम की मेज़बानी विश्व स्वास्थ्य संगठन और कोस्टा रीका ने की थी.
इस पहल को अर्जेन्टीना, बांग्लादेश, बारबेडॉस, बेल्जियम, भूटान, इंडोनेशिया, ब्राज़ील, चिली, मलेशिया, मैक्सिको, नॉर्वे, पाकिस्तान, मोज़ाम्बीक़, ज़िम्बाब्वे सहित अनेक अन्य देशों का समर्थन प्राप्त है.