कोविड-19: संक्रमण उपचार के लिये WHO के दिशानिर्देशों में संशोधन

स्वास्थ्य संगठन ने गुरूवार को एक प्रैस विज्ञप्ति में बताया कि कोविड-19 के लिये उपचार दिशानिर्देशों में शामिल होने वाली यह पहली मौखिक, एण्टी वायरल दवा है.
यूएन एजेंसी के अनुसार, नई दवा होने के कारण इसके इस्तेमाल के लिये पर्याप्त सुरक्षा डेटा उपलब्ध नहीं है, जिसके मद्देनज़र, दवा सुरक्षा की सक्रिय निगरानी किये जाने और सम्भावित स्वास्थ्य हानि से निपटने के लिये उपायों पर बल दिया है.
WHO has updated its living guidelines on #COVID19 therapeutics to include a conditional recommendation on molnupiravir, a new antiviral medicine.https://t.co/ZRygSEAbzC
WHO
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने चिन्ताओं और डेटा की कमी का ज़िक्र करते हुए कहा है कि molnupiravir केवल उन्हीं कोविड-19 मरीज़ों को दी जानी चाहिये, जिनकी हालत ज़्यादा ज़्यादा गम्भीर नहीं है, मगर अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम सर्वाधिक है.
आमतौर पर ऐसे मरीज़ों ने या तो पहले से ही कोविड-19 वैक्सीन की ख़ुराक नहीं ली हुई होती है, वे वृद्धजन होते हैं, उनके शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता मज़बूत नहीं होती, या फिर वे लम्बे समय से किसी बीमारी से जूझ रहे होते हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अपनी सिफ़ारिश में कहा है कि बच्चों, गर्भवती व स्तनपान करा रही महिलाओं को यह दवा नहीं दी जानी चाहिये.
संगठन का कहना है कि molnupiravir लेने वाले लोगों के पास, एक गर्भनिरोधक उपाय होना चाहिये.
स्वास्थ्य प्रणालियों को देखभाल स्थल पर गर्भावस्था परीक्षण और गर्भनिरोधक उपायों की सुलभता सुनिश्चित करनी होगी.
यूएन एजेंसी के मुताबिक़, एक स्वास्थ्य देखभालकर्मी की देखरेख में, मौखिक दवा की चार गोलियाँ, कुल मात्रा (800 mg) एक साथ दिन में दो बार, पाँच दिनों तक दी जाती है.
लक्षण नज़र आने के पाँच दिनों के भीतर ऐसा करना होता है.
स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि संक्रमण होने के बाद, इस दवा का जितनी जल्दी इस्तेमाल किया जाए, उससे अस्पताल में भर्ती होने की रोकथाम करने में उतनी ही मदद मिलती है.
साढ़े चार हज़ार से अधिक मरीज़ों पर केन्द्रित छह परीक्षणों से प्राप्त आँकड़ों के आधार पर ये सिफ़ारिशें जारी की गई हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड-19 उपचार उपायों के बारे में ताज़ा जानकारी के 9वें संस्करण में molnupiravir पर सिफ़ारिश के अलावा, मोनोक्लोनल एण्टीबॉडी मिश्रण, casirivimab-imdevimab पर भी जानकारी मुहैया कराई गई है.
स्वास्थ्य संगठन ने तथ्यों के आधार पर कहा है दवाओं का यह मिश्रण, कोरोनावायरस के चिन्ताजनक प्रकार, ओमिक्रॉन के विरुद्ध बेअसर है.
यूएन एजेंसी ने अब अपनी सिफ़ारिश में कहा है कि यह उन्हीं मरीज़ों को दी जानी चाहिये, जोकि किसी अन्य वैरीएण्ट से संक्रमित हुए हैं.
संगठन ने एक प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि molnupiravir व्यापक रूप से उपलब्ध नहीं है, मगर इसकी सुलभता बढ़ाने के लिये क़दम उठाए गए हैं.
इस दिशा में एक स्वैच्छिक लाइसेंस समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं.
बताया गया है कि Access to COVID-19 Tools Accelerator पहल के ज़रिये, उन देशों में इसकी सीमित आपूर्ति के प्रयास किये जा रहे हैं, जहाँ सुलभता सम्बन्धी कठिनाइयाँ हुई हैं.