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कोविड-19: 'जब तक सब सुरक्षित नहीं, तब तक कोई भी नहीं'

कोरोनावायरस का इलाज करने वाली औषधि बनाने के लिए शोध जारी हैं
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कोरोनावायरस का इलाज करने वाली औषधि बनाने के लिए शोध जारी हैं

कोविड-19: 'जब तक सब सुरक्षित नहीं, तब तक कोई भी नहीं'

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कोविड-19 महामारी पर क़ाबू पाने के लिए “इतिहास के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयास” की ज़रूरत है. यूएन प्रमुख ने सोमवार को ब्रसेल्स में योरोपीय संघ के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बात कही जिसका आयोजन दान के ज़रिए धन जुटाने का संकल्प व्यक्त करने के लिए किया गया. 

यूएन महासचिव ने अपने संदेश में आठ अरब डॉलर से भी ज़्यादा रक़म के लक्ष्य वाले कोष को दान देने वाले देशों का स्वागत करते हुए कोविड-19 महामारी के ख़तरे का ख़ात्मा करने और इलाज के तरीक़े तलाश करने के प्रयास तेज़ करने का आहवान किया. 

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लेकिन उन्होंने कुछ सख़्त शब्दों ये भी कहा कि दुनिया को इस महामारी से मुक्त बनाने के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए इससे लगभग पाँच गुना ज़्यादा रक़म की ज़रूरत पड़ेगी.

एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि कोविड-19 महामारी अभी तक दुनिया के लगभग हर कोने तक फैल चुकी है और लगभग 30 लाख लोग इसके संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. लगभग दो लाख 20 हज़ार लोगों की मौत हो चुकी है.

उन्होंने हाल ही में दी गई अपनी उस चेतावनी का भी ज़िक्र किया जिसमें कहा गया था कि विकासशील देशों के साथ पर्याप्त एकजुटता नहीं दिखाई जा रही है – उन्हें

कोविड-19 महामारी का मुक़ाबला करने में सक्षम बनाने के लिए और ऐसा नहीं होने से इस महामारी के उन देशों में जंगल की आग की तरह फैलने का ख़तरा है.

दूसरी बात ये कि विकासशील देशों को व्यापक आर्थिक व सामाजिक प्रभावों का मुक़ाबला करने के लिए भी सहायता नहीं की जा रही है.

उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज़ में कहा कि अभी तो और ज़्यादा भीषण परिणाम देखने को मिल सकते हैं क्योंकि उन देशों में इसका प्रकोप बहुत भीषण हो सकता है जहाँ स्वास्थ्य प्रणालियाँ कमज़ोर हैं, “आपस में घनिष्ट रूप से जुड़ी हुई दुनिया में जब तक हम सभी लोग सुरक्षित नहीं हैं, तब तक दरअसल कोई भी सुरक्षित नहीं है.”

मील का पत्थर

यूएन प्रमुख ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और अनेक देशों द्वारा अप्रैल में शुरू गई एक्ट ऐक्सेलरेटर नामक पहल व अन्य उपायों की तरफ़ ध्यान खींचा जिसके ज़रिए कोरोनावायरस पर क़ाबू पाने के लिए वैज्ञानिक तरीक़ों में तेज़ी लाने का संकल्प लिया गया है. 

“इन नए औज़ारों के ज़रिए हम महामारी पर पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं, और इन चिकित्सा उपकरणों को दुनिया भर के स्तर पर ऐसी चीज़ें बना दिया जाएगा जो सभी को हर जगह उपलब्ध हों. कोविड-19 मुक्त विश्व बनाने के लिए यही एकमात्र रास्ता है.”

यूएन प्रमुख ने योरोपीय संघ द्वारा धन जुटाने के संकल्प वाले इस सम्मेलन को अति महत्वपूर्ण कार्य के लिए संसाधन जुटाने की दिशा में अगला क़दम क़रार दिया, “मैं आज घोषित उदार दान संकल्पों का स्वागत करता हूँ जिसमें आरंभिक लक्ष्य साढ़े सात अरब यूरो ( लगभग 8 अरब 20 करोड़ डॉलर) का लक्ष्य रखा गया है. ये धन ज़रूरी रफ़्तार पर नए औज़ार विकसित करने के लिए नक़दी का काम करेगा.” 

सोमवार का ये सम्मेलन योरोपीय संघ की ओर से योरोपीय आयोग ने आयोजित किया था. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका, रवांडा, मलेशिया, सऊदी अरब, फ़िनलैंड और कोस्टारीका भी व्यापक प्रयासों में सक्रिय हैं.

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश अमेरिका और चीन में से किसी ने भी अभी तक एक्ट एक्सेलरेटर मुहिम को समर्थन नहीं दिया है. 

यूएन प्रमुख ने कहा, “हम सभी के पास साझा दृष्टिकोण है,आइए, हम सभी जगह आमजन को प्राथमिकता पर रखें.”