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कोविड-19: योरोपीय जीवन में अभूतपूर्व बदलाव, निडर कार्रवाई का आहवान

इटली के रोम में ऐतिहासिक कोलोसियम पर ‘आई स्टे एट होम’ का संदेश दर्शाया गया है.
Elly Barrett
इटली के रोम में ऐतिहासिक कोलोसियम पर ‘आई स्टे एट होम’ का संदेश दर्शाया गया है.

कोविड-19: योरोपीय जीवन में अभूतपूर्व बदलाव, निडर कार्रवाई का आहवान

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन में योरोपीय क्षेत्र के लिए निदेशक डॉक्टर हैन्स हेनरी क्लुगे ने कहा है कि कोविड-19 का संक्रमण के फैलने से लाखों-करोड़ों लोग जीवन में भारी बदलाव का सामना कर रहे हैं लेकिन आपसी एकजुटता से इस चुनौती को हराया भी जा सकता है. विश्व भर में कोरोनावायरस संक्रमण के एक तिहाई से ज़्यादा मामले अब योरोपीय देशों से हैं और इटली, फ़्रांस, जर्मनी व स्पेन सहित अन्य देश ख़ास तौर पर प्रभावित हुए हैं. 

सोमवार तक 150 से ज़्यादा देशों में कोविड-19 के संक्रमण के एक लाख 67 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आ चुके थे और सात हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

इटली में 24 हज़ार से ज़्यादा संक्रमितों की पुष्टि हुई है और एक हज़ार 800 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. इटली में हालात को देखते हुए यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की टीमें रोम और वेनिस कार्यालयों में तैनात की गई हैं.

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योरोपीय क्षेत्र के निदेशक डॉक्टर क्लुगे ने कहा कि योरोपीय लोगों के जीवन में भारी बदलाव ही मौजूदा समय की एक नई वास्तविकता बन गई है.

ऐसे में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्यकर्मियों की भूमिका और उनकी अहमियत को समझे जाने की आवश्यकता पहले से कहीं ज़्यादा है.

"योरोप इस विश्वव्यापी महामारी का केंद्र बन गया है और इस क्षेत्र में स्थित हर देश के लिए निडर कार्रवाई करना ज़रूरी है ताकि इस वायरस की रफ़्तार को धीमा किया जा सके. इस कार्रवाई में सामुदायिक स्तर पर किए जाने वाले प्रयासों की भूमिका अहम होगी और यह मान लेना कि 'इससे मुझे फ़र्क नहीं पड़ता' कोई विकल्प नहीं है."

उन्होंने कहा कि यह एक अभूतपूर्व दौर है और सभी देशों के लिए एक साथ मिलकर काम करना, एक दूसरे से सीखना और प्रयासों में एकरूपता लाना अहम है. इस वायरस को समुदायों, देशों और क्षेत्रों में एकजुटता के सहारे हराया जा सकता है.

डॉक्टर क्लुगे ने बताया कि हालात की गंभीरता के मद्देनज़र क्षेत्र सावधान है और विभिन्न देशों की स्वास्थ्य प्रणालियों के प्रतिनिधियों के साथ तैयारियों का जायज़ा लिया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि योरोपीय क्षेत्र के अलग-अलग देशों में महामारी फैलने का स्तर अलग है और यह मुख्यत: जनसांख्यिकी और अन्य कारकों पर निर्भर है.

ऐसे में योरोपीय क्षेत्र में स्थित 53 देशों के लिए अपने यहां हालात के मद्देनज़र उपयुक्त क़दम उठाना ज़रूरी होगा और कोविड-19 पर क़ाबू पाने के प्रयासों के तहत निम्न बिंदुओं का ध्यान रखना होगा: 

  • ज़रूरी इंतज़ाम के साथ तैयार रहा जाए
  • मामलों का पता लगाया जाए, सुरक्षा बरती जाए और उपचार किया जाए
  • संक्रमण के मामलों में कमी लाई जाए
  • निर्बलों की देखभाल करने के साथ-साथ अभिनव समाधान ढूंढे जाएँ और सबक सीखे जाएँ

कार्रवाई के हर चरण में जनता को जानकारी उपलब्ध कराने, सतर्कता बरतने व बचाव के उपाय सर्वविविद बनाने पर ज़ोर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों के पास गंभीर रूप से बीमारों का इलाज करने के लिए ज़रूरी सामग्री व उपकरणों का होना आवश्यक है और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए भी संक्रमण के ख़तरे से बचाव के उपाय सुनिश्चित होने चाहिए. 

योरोप के लिए क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि चीन का अनुभव दर्शाता है कि परीक्षण करने, संक्रमितों के संपर्कों का पता लगाने और सामाजिक जीवन में दूरी बरतने जैसे उपाय असरदार हैं जिससे संक्रमण के मामलों में कमी लाना और ज़िंदगियां बचाना संभव है.

दवाईयों की आपूर्ति पर मंडराते जोखिम को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन हालात पर नज़र रख रहा है ताकि एंटीबायोटिक्स, दर्दनिवारक, डायबिटीज़, हायपरटेंशन, एचआईवी और टीबी जैसी बीमारियों के लिए ज़रूरी दवाईयों की कमी ना हो.

जिन देशों में ज़रूरी सामग्री, मेडिकल सामग्री और अन्य बचाव उपकरणों की कमी है, वहां यूएन एजेंसी उनकी व्यवस्था करने में सहयोग दे रही है और योरोपीय आयोग व निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रही है.