कोविड-19: योरोप में बढ़ते संक्रमणों से WHO चिन्तित, चेतावनी जारी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने योरोपीय देशों में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण और वायरस के एक नए रूप (प्रकार) के फैलाव के मद्देनज़र चेतावनी जारी की है कि महामारी के ख़िलाफ़ लड़ाई एक अहम पड़ाव पर पहुँच रही है. यूएन एजेंसी ने वायरस पर क़ाबू पाने के लिये ऐहतियाती उपाय सख़्ती से लागू किये जाने और साझा मोर्चा बनाने की पुकार लगाई है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी में योरोपीय क्षेत्र के निदेशक डॉक्टर हैन्स क्लुगे ने गुरुवार को कोपेनहागेन से एक वर्चुअल प्रैस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा, “हम 2021 में एक चुनौतीपूर्ण शुरुआत के लिये तैयार थे और यह ऐसा ही रहा है.”
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इस वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में नए औज़ार अब उपलब्ध हैं, जिनमें अनेक टीके भी शामिल हैं. इनके अलावा वायरस से सम्बन्धित जानकारी में भी इज़ाफ़ा हुआ है लेकिन दुनिया अब भी कोविड-19 महामारी की चपेट में है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह लम्हा महामारी का मुक़ाबला करने के प्रयासों में एक अहम पड़ाव को प्रदर्शित करता है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि विज्ञान, राजनीति, टैक्नॉलॉजी और मूल्यों के मेल से एक साझा मोर्चा बनाना होगा ताकि पकड़ में ना आने वाले इस वायरस को पीछे धकेला जा सके.
वर्ष 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय कार्यालय ने योरोप के 53 देशों में कोरोनावायरस संक्रमण के दो करोड़ 60 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि की थी.
इनमें से एक चौथाई से ज़्यादा देशों में संक्रमण के ज़्यादा मामले देखने को मिले हैं जिससे स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ बढ़ा है.
मौजूदा समय में 23 करोड़ से ज़्यादा लोग ऐसे देशों में रह रहे हैं जहाँ राष्ट्रव्यापी तालाबन्दी लागू है. अन्य देशों में भी आने वाले दिनों में ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र तालाबन्दी की घोषणा किये जाने की सम्भावना है.
डॉक्टर क्लूगे ने बताया कि हाल के दिनों में त्योहार व छुट्टियों का समय होने की वजह से पारिवारिक आयोजन हुए जिनमें, शारीरिक दूरी बरतने और मास्क पहनने जैसे रोकथाम उपायों का पालन सख़्ती से नहीं हो पाया.
उनका मानना है कि इस अवधि में ऐहतियाती उपायों में ढिलाई बरते जाने के असर को अभी नहीं आँका जा सकता है.
हाल के दिनों में SARS-CoV-2 का एक नया प्रकार सामने आया है जो पहले के मुक़ाबले ज़्यादा तेज़ी से फैलता है. वायरस के इस नए रूप या प्रकार के मामले, अब तक क्षेत्र के 22 देशों में दर्ज किये जा चुके हैं.
यूएन अधिकारी ने माना कि वायरस का यह नया प्रकार चिन्ता का विषय है चूँकि इसके फैलाव की दर ज़्यादा है, हालाँकि उसकी गम्भीरता के बारे में अभी कुछ पक्के तौर पर नहीं कहा गया है.
“यह सभी आयु समूहों में फैलता है, और बच्चों के लिये ज़्यादा जोखिम प्रतीत नहीं होता.”
“हमारा आकलन है कि वायरस का यह प्रकार, समय बीतने के साथ, अन्य रूपों का स्थान ले सकता है, जैसाकि ब्रिटेन में देखा गया, और अब डेनमार्क में हो रहा है.”
लेकिन फैलाव की तेज़ रफ़्तार पहले से ही दबाव का सामना कर रही स्वास्थ्य प्रणालियों के लिये चिन्ता का कारण है.
डॉक्टर क्लूगे ने संचारण को घटाने और वायरस के नए प्रकार की शिनाख़्त के लिये देशों से क़दम उठाने का आग्रह किया है.
उन्होंने अपनी सिफ़ारिश में, तेज़ी से फैलते संक्रमण के मामलों की जाँच करने, अनपेक्षित बीमारियों का पता लगने की समीक्षा करने और आँकड़े साझा करने पर ज़ोर दिया है.
डॉक्टर क्लूगे ने कहा है कि यह एक चिन्ताजनक स्थिति है, जिसकी वजह से अल्प अवधि के लिये पहले से ज़्यादा प्रयास किये जाने की ज़रूरत है.
रोकथाम और वायरस पर क़ाबू पाने के उपायों के तहत सार्वजनिक स्वास्थ्य व सामाजिक उपायों को अपनाने में स्फूर्ति बरती जानी होगी ताकि फैलाव को रोका जा सके.
इस क्रम में उन्होंने फिर ध्यान दिलाया है कि मास्क पहनना, आयोजनों में लोगों की संख्या सीमित करना, पर्याप्त संख्या में परीक्षण करना और संक्रमितों के सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाना जैसे उपाय बेहद अहम हैं.