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कोविड-19: ‘हमने हिम्मत नहीं हारी है, ना हारेंगे’

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चरणबद्ध ढंग से पाबंदियों को हटाने पर ज़ोर दिया है.
Wang Zhihong
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चरणबद्ध ढंग से पाबंदियों को हटाने पर ज़ोर दिया है.

कोविड-19: ‘हमने हिम्मत नहीं हारी है, ना हारेंगे’

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 पर क़ाबू पाने के लिए संगठन ने शुरू से ही त्वरित और निर्णायक प्रयास करते हुए देशों को असरदार कार्रवाई के लिए तैयार होने में मदद की है. कोरोनावायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने को गुरुवार 30 अप्रैल को तीन महीने पूरे हो रहे हैं और इसी सिलसिले में आपात समिति की बैठक बुलाई गई है. 

दुनिया भर में कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 29 लाख से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं और दो लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

महानिदेशक ने चीन के वूहान शहर में कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा उठाए गए क़दमों का ब्यौरा देते हुए कहा कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने शुरू से ही दुनिया को सचेत करने के लिए तेज़ी और निर्णायक ढंग से कार्रवाई की.

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यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि हम दुनिया भर में लोगों की पीड़ा और संताप में बराबर के भागीदार हैं और यह आशा करते हैं कि एक साथ मिलकर इस महामारी पर क़ाबू पाने में सफलता मिलेगी.

“हमने एक बात नहीं की है, और वो है कि हमने हिम्मत नहीं हारी है, और हम हिम्मत नहीं हारेंगे.”

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा, “हमारा संकल्प विज्ञान, एकजुटता और समाधानों के साथ दुनिया के सभी लोगों की सेवा करना है.”

“हमने शुरू में ही अलार्म बजाया और कई बार बजा चुके हैं. हमने बार-बार कहा कि दुनिया के पास तैयार होने और व्यापक सामुदायिक फैलाव को रोकने के लिए समय है.”

ग़ौरतलब है कि 30 जनवरी 2020 को आपात समिति की दूसरी बैठक के बाद कोरोनावायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किया गया था.

स्वास्थ्य मामलों में आपात हालात के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह उच्चतम स्तर का अलार्म है. उस समय चीन से बाहर किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई थी और संक्रमण के 100 से भी कम मामले थे. 

आपात समिति की बैठक

स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने के तीन महीने 30 अप्रैल को पूरे हो रहे हैं. इसी सिलसिले में यूएन एजेंसी प्रमुख ने गुरुवार को आपात समिति की बैठक फिर बुलाई है जिसमें मौजूदा हालात का जायज़ा लेने के अलावा सिफ़ारिशों में हालात के अनुरूप बदलाव करने पर चर्चा होगी. 

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि सगठन ने पिछले तीन महीनों में देशों को असरदार कार्रवाई के लिए तैयार होने, अनुभव बाँटने और सबक़ सीखने, तथ्यों के विश्लेषण के लिए हज़ारों विशेषज्ञों को एक साथ लाने और प्रभावी दवाइयों की शिनाख़्त के लिए अंतरराष्ट्रीय एकजुटता ट्रायल शुरू करने और वैक्सीन विकसित करने सहित अन्य कार्यों में अग्रणी भूमिका निभाई है. 

इसके अलावा लाखों टेस्ट किटेंऔर बचाव सामग्री ज़रूरतमंद देशों के लिए रवाना की गई हैं और 20 लाख से ज़्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है.

साथ ही टैक्नॉलॉजी कंपनियों के साथ मिलकर ग़लत सूचनाओं के फैलने – Infodemic – की रोकथाम का भी प्रयास किया जा रहा है.

साथ ही संगीत की दुनिया के बड़े सितारों के साथ एक वर्चुअल कॉन्सर्ट का आयोजन हुआ जिसमें एकजुटता फ़ंड के लिए धनराशि जुटाई गई. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन अब उन अहम रणनीतियों, समाधानों और ज़रूरी सामान की आपूर्ति पर काम कर रहा है जिनकी ज़रूरत देशों को आने वाले दिनों में पड़ेगी.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा, “यह वायरस तबाही का सबब बन सकता है. यह किसी आतंकवादी हमले से कहीं बड़ा है. यह राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक उथलपुथल ला सकता है.”

उन्होंने दोहराया कि यह एक बेहद ख़तरनाक वायरस है और इसे हराने के लिए इस साझा लड़ाई में राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर एकजुटता बेहद ज़रूरी है.