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कोविड-19: विशेष टास्कफ़ोर्स करेगी 135 देशों की ख़ास मदद

बांग्लादेश में यूएनडीपी के सहयोग से सामुदायिक कार्यकर्ता साफ़-सफ़ाई के पैकेट बाँट रहे हैं और लोगों में कोविड-19 की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद कर रहे हैं.
UNDP/Fahad Kaizer
बांग्लादेश में यूएनडीपी के सहयोग से सामुदायिक कार्यकर्ता साफ़-सफ़ाई के पैकेट बाँट रहे हैं और लोगों में कोविड-19 की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद कर रहे हैं.

कोविड-19: विशेष टास्कफ़ोर्स करेगी 135 देशों की ख़ास मदद

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 का मुक़ाबला कर रहे कम से मध्य आय वाले 135 देशों में महत्वपूर्ण चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में एक बड़ा कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसका नाम कोविड-19 टास्कफ़ोर्स है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि कोविड-19 टास्कफ़ोर्स यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश के विश्व स्वास्थ्य संगठन से किए गए उस अनुरोध के बाद बनाया गया है जिसमें उन्होंने नवीन कोरोनावायरस का मुक़ाबला करने के इस विश्व संगठन के प्रयासों की अगुवाई WHO से करने को कहा है. 

माँग में 200 गुना वृद्धि

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आपदा कार्यक्रम में ऑपरेशन्स सहायता मामलों के प्रमुख पॉल मॉलिनैरो का कहना है कि ये पहल ऐसे समय में शुरू की गई है जब वैश्विक स्तर पर ज़रूरी सामान का भंडार बहुत कम हो गया है, क़ीमतें आसमान छू रही हैं और अनेक देशों में निर्यात पर पाबन्दी लगी है. 

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उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के ज़रिए पत्रकारों को बताया, “ज़ाहिर सी बात है कि उन बाज़ारों में सामान्य दौर की तुलना में माँग में 100 से लेकर 200 गुना तक बढ़ोत्तरी देखी गई है.”

“आपूर्ति के क्षेत्र में हमने देखा है कि बहुत से निर्माण उद्योग बन्द हो गए, अनेक स्थानों पर निर्यात पर पाबन्दी लग गईं, हमने ये भी देखा है कि अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन व्यवस्था-कार्गो भी लगभग बन्द हो गई जिस पर हम अपना सामान पहुँचाने के लिए बहुत निर्भर हैं, इसलिए हम एक ऐसे मोड़े पर आ पहुँचे हैं जहाँ इन समस्याओं के समाधान तलाश करने हैं.”

संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ सार्वजनिक व निजी साझीदारों के इस सामूहिक प्रयासों के तहत अगले कुछ दिनों के दौरान एक विशिष्ट कोविड-19 आपूर्ति पोर्टल बनाया जाएगा. इस एकल प्लैटफ़ॉर्म के ज़रिए कोई भी देश अपनी आपूर्ति अनुरोध दाख़िल कर सकेंगे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक वक्तव्य में कहा, “इस कार्यक्रम के ज़रिए मानवीय सहायता सामग्री की आपूर्ति प्रणाली को महत्वपूर्ण सामान उन 135 देशों तक पहुँचाने की योजना पर काम करने में मदद मिलेगी जहाँ हालात बहुत ख़राब हैं.”

पॉल मॉलिनैरो का कहना था कि देशों के स्तर पर भी माँग के प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए ऐसा स्तर निर्धारित करने पर ग़ौर किया जाएगा जिसकी आपूर्ति और तालमेल आसानी से हो सके. 

“इससे आगे के चरण में संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदारों द्वार भी सामूहिक ख़रीदारी की जाएगी और बाज़ार का रुख़ एकजुट होकर किया जाएगा. इससे हमारी आवाज़ में कुछ ज़्यादा दम होगा, ख़ासतौर से क़िल्लत वाले बाज़ार में जहाँ प्रतिस्पर्धा भी बहुत कड़ी है.”

“तीसरे चरण में देशों की कमज़ोर हालत और सामग्री की उपलब्धता के मद्देनज़र तात्कालिकता को भी ध्यान में रखते हुए सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. और उसके बाद चौथे स्तर पर, परिवहन में मुश्किलों के देखते हुए एकीकृत परिवहन प्रणाली विकसित की जाएगी, यही हमारे साझीदार इस समय कर रहे हैं, ख़ासतौर से विश्व खाद्य कार्यक्रम.”

कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों पर ध्यान

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वर्ष के शुरू में ही नॉवल कोरोनावायरस से उत्पन्न स्वास्थ्य ख़तरे की चेतावनी देते उन देशों की ख़ास मदद करने के लिए क़दम उठाने की घोषणा की थी जहाँ सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियाँ बहुत कमज़ोर हैं. 

पॉल मॉलिनैरो ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी तक 129 देशों में क़रीबप 11 लाख टेस्ट किट्स उपलब्ध कराए हैं और “लगभग 15 लाख रास्ते में हैं.”
साथ ही इस नई पहल के तहत लगभग 90 लाख टैस्ट किट्स भी तैयार की जाएंगे जो ज़रूरत के अनुसार देशों को मुहैया कराए जाएंगे.

इसके अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने भी 44 देशों को ज़रूरी सामान भेजा है जिसमें लगभग 12 लाख सर्जिकल मास्क, तीन लाख 20 हज़ार से ज़्यादा श्वास यंत्र, 64 लाख सर्जिकल दस्ताने और क़रीब ढाई लाख गाउन शामिल हैं.  

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यूनीसेफ़ ने बहुत सारी चिकित्सा सामग्री काँगो गणराज्य, ईरान और वेनेज़ुएला को भी भेजी है, इसके अलावा बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार में 50 बिस्तरों वाला एक अस्पतालनुमा स्थान भी बनाया है जहाँ कोविड-19 के संक्रमितों को एकांतवास में रखा जा सके और अन्य चिकित्सा सुविधाएँ मुहैया कराई जा सकें.  

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार टास्कफ़ोर्स का लक्ष्य लगभग साढ़े सात करोड़ मास्क, पाँच करोड़ श्वास यंत्र, लगभग दो करोड़ 80 लाख सर्जिकल दस्ताने व अन्य सामग्री ख़रीदने का है जिन्हें वितरित किया जाएगा. 

संगठन ने एक वक्तव्य में कहा कि दस करोड़ सर्जिकल मास्क और दस लाख श्वास यंत्र ख़रीदने के लिए जैक मा संस्थान के साथ भी बातचीत चल रही थी. 

सीमाएँ बन्द होने से आपूर्ति प्रभावित

टास्कफ़ोर्स की ये सकारात्मक ख़बर ऐसे माहौल में आई है जब अनेक देशों के बीच सीमाएँ बन्द होने के कारण सामान की आवाजाही प्रभावित हुई है, जिनमें उगांडा और केनया के बीच सीमा बन्द होना शामिल है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम की प्रवक्ता एलिज़ाबेथ बिर्स का कहना था, “ट्रकों की लम्बी क़तारें देखी जा सकती हैं क्योंकि... उगांडा, केनया और रवांडा जैसे कुछ देशों की सरकारें ट्रक चालकों का शारीरिक तापमान जाँच रहे हैं, इस कारण से देश में खाद्य सामग्री की आपूर्ति में देरी हो रही है.”

ऐसी चिन्ताएँ भी व्यक्त की गई हैं कि सीमाओं पर देर और ऐहतियाती व्यापार उपायों के कारण जीवनदायी टीकाकरण का काम भी बाधित हो सकता है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि इससे आगे बढ़कर बात की जाए तो कोविड-19 टास्कफ़ोर्स की रणनीति उन देशों की आवाज़ बनना है जिनके पास जीवनदायी सामान हासिल करने के लिए पर्याप्त और समुचित साधन नहीं हैं.

इस टास्कफ़ोर्स के साझीदारों में यूएन एजेंसियाँ, वैश्विक कोष, विश्व बैंक और अन्य पार्टनर शामिल हैं.

इसी से सम्बन्धित घटनाक्रम में विश्व खाद्य कार्यक्रम ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण पूर्वी अफ्रीकी क्षेत्र के देशों और हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका में खाद्य असुरक्षा के हालात पैदा होने की चेतावनी जारी की है.

प्रवक्ता एलिज़ाबेथ बिर्स का कहना था, “संगठन के अनुमान के अनुसार इस क्षेत्र के अनेक देशों में लगभग दो करोड़ लोगों के पास इस समय पर्याप्त मात्रा में भोजन सामग्री उपलब्ध नहीं है जिनमें इथियोपिया, दक्षिण सूडान, केनया, सोमालिया, उगांडा, रवांडा, बुरून्डी जिबूती और इरिट्री प्रमुख हैं.”

“वहाँ भोजन की सामग्री की क़िल्लत का सामना करने वाले लोगों की संख्या के बारे में हमने पूर्वानुमान ज़ाहिर कर दिए हैं. कोविड-19 के सामाजिक व आर्थिक असर के कारण भोजन सामग्री की कमी का सामना करने वाले लोगों की संख्या अगले तीन महीनों के दौरान लगभग तीन करोड़ 40 लाख से लेकर चार करोड़ 10 लाख के दरम्यान बढ़ने की आशंका है.”