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कोविड-19: वैक्सीन की तलाश में प्रगति, सटीक औज़ार अब भी उपलब्ध नहीं

भारत के गुजरात प्रदेश में अपना कामकाज करते हुए चेहरे पर मास्क पहने हुए. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ऐहतियाती उपाय ही इस समय महामारी से बचने के लिये सबसे कारगर हैं.
© UNICEF/Vinay Panjwani
भारत के गुजरात प्रदेश में अपना कामकाज करते हुए चेहरे पर मास्क पहने हुए. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ऐहतियाती उपाय ही इस समय महामारी से बचने के लिये सबसे कारगर हैं.

कोविड-19: वैक्सीन की तलाश में प्रगति, सटीक औज़ार अब भी उपलब्ध नहीं

स्वास्थ्य

वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिये अनेक प्रकार की वैक्सीन पर तेज़ी से काम आगे बढ़ रहा है लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि वैक्सीन के ज़रिये इस महामारी से बचाव के लिये फ़िलहाल कोई सटीक औज़ार उपलब्ध नहीं है और शायद भविष्य में भी ऐसा ना हो पाए. शुक्रवार को यूएन एजेंसी की आपात समिति की बैठक में सर्वमत से ये सहमति जताई गई थी कि कोविड-19 अब भी अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली वैश्विक स्वास्थ्य आपदा है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने सोमवार को पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऐसे प्रभावी उपचारों की शिनाख़्त करने में काफ़ी हद तक प्रगति हुई है जिनके ज़रिये गम्भीर रूप से बीमार मरीज़ों की मदद की जा सकती है.

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उन्होंने कहा कि वैक्सीन विकसित करने के प्रयास तेज़ी से चल रहे हैं और इनमें से अनेक वैक्सीन अपने परीक्षण के तीसरे चरण में हैं लेकिन फ़िलहाल कोई सटीक औज़ार उपलब्ध नहीं है और शायद भविष्य में भी ना मिल पाए. 

उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा हालात में महामारी को रोकने के लिये इस समय सार्वजनिक स्वास्थ्य और बीमारी पर क़ाबू पाने के बुनियादी उपायों पर ध्यान देना आवश्यक है.  

“परीक्षण, मरीज़ों को एकान्तवास में रखना और देखभाल, उनके सम्पर्क में आए लोगों की खोज और उन्हें अलग रखना. यह सब कुछ कीजिये.”

“समुदायों को जानकारी दीजिये, सशक्त बनाइए और उनकी बात सुनिये. यह सब कुछ कीजिये.”

उन्होंने कहा कि लोगों के लिए शारीरिक दूरी बरतना, मास्क पहनना, नियमित रूप से हाथ धोना और खाँसते समय दूसरों से दूरी बनाकर रखना ज़रूरी है.

यूएन एजेंसी मास्क पहनने को बढ़ावा देने के लिये विश्व भर में साझीदार संगठनों के साथ मिलकर एक ‘मास्क चैलेन्ज’ अभियान शुरू कर रही है जिसमें लोगों को मास्क पहन कर फ़ोटो खींचने और उसे शेयर करने के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा. 

महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि मास्क वायरस पर क़ाबू पाने का एक अहम औज़ार है लेकिन यह एकजुटता का भी परिचायक है. 

“मैं हैण्ड सैनेटाइज़र (हाथ स्वच्छ करने का पदार्थ) के साथ-साथ अपने साथ हर समय एक मास्क भी रखता हूँ और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर उसका इस्तेमाल करता हूँ.” मास्क पहनकर आप एक ताक़तवर सन्देश दे रहे होते हैं कि आप सब इसमें एक साथ हैं.”

वैश्विक स्वास्थ्य आपदा

उन्होंने बताया कि कोविड-19 से उपजे हालात की शुक्रवार को आपात समिति की बैठक में समीक्षा की गई थी. इस बैठक में विशेषज्ञों ने सलाह दी थी कि महामारी अब भी अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति है. 

उन्होंने याद दिलाया कि 30 जनवरी 2020 को बैठक के दौरान चीन से बाहर किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई थी और संक्रमण के 100 से भी कम मामले थे. 

तीन महीने पहले जब समिति की बैठक हुई तो कोविड-19 संक्रमण के 30 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी थी और दो लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई थी. 

कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक कुल एक करोड़ 75 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और छह लाख 80 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. 

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आपात समिति ने कोविड-19 के कारण टीकाकरण अभियानों, कैंसर निदान व उपचार, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सहित अन्य ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाओं में आए व्यवधान पर चिन्ता जताई है. 

इसके अलावा कोरोनावायरस संकट से सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक जीवन भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. 

यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि सेरोलॉजी अध्ययन दर्शाते हैं कि दुनिया में अब भी अधिकाँश लोगों पर इस वायरस से संक्रमित होने का ख़तरा मंडरा रहा है – उन इलाक़ों में भी जो पहले ही बुरी तरह वायरस की चपेट में आ चुके हैं. 

जिन देशों में हालात बेहतर होते नज़र आ रहे थे, उनमें से अनेक देशों में संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं जबकि कुछ अन्य देशों में महामारी को क़ाबू में लाने के प्रयास सफल होते दिख रहे हैं.

उन्होंने स्वीकार किया कि वायरस पर क़ाबू पाना आसान नहीं है और सदस्य देशों को मुश्किल निर्णय लेने पड़ रहे हैं. “सख़्त उपाय अपनाने की अपनी मुश्किलें हैं और इनसे ज़रूरी स्वास्थ्य सेवाओं, अर्थव्यवस्था और समाजों पर असर पड़ता है.”

इस बीच वायरस के स्रोत का पता लगाने के प्रयासों के लिये ज़मीन तैयार करने में जुटी विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम ने चीन में अपना मिशन समाप्त कर दिया है.

इन प्रयासों के तहत यूएन एजेंसी और चीन के विशेषज्ञों ने एक अन्तरराष्ट्रीय टीम के लिये कामकाज का फ़्रेमवर्क तैयार किया है और फिर अग्रणी वैज्ञानिकों की टीम इन प्रयासों को आगे बढ़ाएगी.