कोविड-19: WHO के क़दमों का सिलसिलेवार ब्यौरा

वर्ष 2019 के अन्तिम दिन यानी 31 दिसंबर को चीन ने अपने हुबे प्रांत के वूहान शहर में न्यूमोनिया के कई मामले सामने आने की जानकारी यूएन की स्वास्थ्य एजेंसी - विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को दी. यह पहली बार था जब दुनिया को इस नई बीमारी के बारे में मालूम हुआ जिसे बाद में विश्वव्यापी महामारी (Pandemic) कोविड-19 के रूप में परिभाषित किया गया. इस बीमारी से जुड़े घटनाक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किए गए प्रयासों पर एक नज़र...
चीन ने हुबे प्रांत के वूहान शहर में न्यूमोनिया के मामलों के क्लस्टर्स के बारे मे जानकारी दी जिसके बाद अंतत: कोरोनावायरस की शिनाख़्त की गई.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मदद के लिए संगठन के तीन स्तरों पर एक दल (Incident Management Support Team) का गठन किया: मुख्यालय, क्षेत्रीय मुख्यालय और देश के स्तर पर. इसके ज़रिए महामारी से निपटने के लिए संगठन को आपात कार्रवाई के लिए तैयार किया गया.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने सोशल मीडिया पर हुबे प्रांत के वूहान में न्यूमोनिया के बढ़ते मामलों के बारे में जानकारी दी. तब तक वहाँ कोई मौत होने की पुष्टि नहीं हुई थी.
WHO ने नए वायरस पर पहली ख़बर First Disease Outbreak News प्रकाशित की. यह वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समुदाय के साथ-साथ वैश्विक मीडिया के लिए एक प्रमुख तकनीकी प्रकाशन है.
इसमें जोखिम की समीक्षा करने की बात कही गई और सलाह उपलब्ध कराई गई. साथ ही बताया गया कि बीमारी के मामलों, मरीज़ों की हालत और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए कार्रवाई के तहत क्या क़दम और किस तरह क़दम उठाए जा रहे हैं.
संगठन ने तकनीकी दिशानिर्देश के संबंध में एक व्यापक पैकेज जारी किया जिसमें सभी देशों को संक्रमण के मामलों का पता लगाने, परीक्षण करने, संभावित मामलों की देखरेख की व्यवस्था करने की जानकारी मुहैया कराई गई थी.
इस दस्तावेज़ को यूएन एजेंसी के क्षेत्रीय आपात मामलों के निदेशकों और विभिन्न देशों में तैनात प्रतिनिधियों को उपलब्ध कराया गया.
SARS और MERS बीमारियों के अनुभव और श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले वायरसों के फैलने पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर रोकथाम और नियंत्रण संबंधी दिशानिर्देश प्रकाशित किए गए.
इसका उद्देश्य मरीज़ों की देखभाल करते समय स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था.
चीन ने कोविड-19 का अनुवंशिक स्वरूप (Genetic Sequence) उपलब्ध कराया.
थाईलैंड मेंअधिकारियों ने कोविड-19 संक्रमण के एक मामले की पुष्टि की जो चीन से बाहर संक्रमण के मामले की पहली आधिकारिक पुष्टि थी.
यूएन एजेंसी की टीम ने एक प्रैस वार्ता में सीमित संख्या में कोरोनावायरस संक्रमण के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की बात कही. तब तक ऐसे 41 मामलों की पुष्टि हुई थी जिनमें अधिकतर संक्रमित परिवारजन ही थे. लेकिन बीमारी के व्यापक रूप से फैलने के जोखिम की भी आशंका जताई गई.
यूएन विशेषज्ञ ने कहा कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण का फैलना हैरानी की बात नहीं होगी क्योंकि इससे पहले SARS, MERS और अन्य वायरसों के दौरान ऐसा हो चुका है.
चीन और पश्चिमी प्रशांत क्षेत्रीय कार्यालयों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के विशेषज्ञों के दल ने वूहान का संक्षिप्त दौरा किया.
चीन में WHO मिशन ने एक बयान जारी कर वूहान में एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने की पुष्टि होने की बात कही.
यूएन एजेंसी ने संक्रमण के फैलाव को विस्तार से समझने के लिए ज़्यादा जॉंच-पड़ताल किए जाने पर बल दिया.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने पर कोई फ़ैसला लेने के बारे मेंअंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिनियम (2005) के तहत आपात समिति की बैठक बुलाई.
दुनिया भर से एकत्र हुए स्वतंत्र सदस्यों में उस समय उपलब्ध तथ्यों के आधार पर आम सहमति नहीं बन पाई. ये बैठक ज़्यादा जानकारी के साथ 10 दिनों के भीतर फिर आयोजित करने का निर्णय लिया गया.
संगठन के महानिदेशक के नेतृत्व में एक वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल ने बीजिंग का दौरा किया और वहाँ चीनी नेताओं और अधिकारियों से मुलाक़ात कर देश में हालात पर जानकारी प्राप्त की. साथ ही कोविड-19 पर क़ाबू पाने के लिए चीन द्वारा की जा रही कार्रवाई में तकनीकी मदद का भी प्रस्ताव रखा.
बीजिंग में बैठक के दौरान यूएन एजेंसी के प्रमुख और चीन सरकार में इस पर भी सहमति हुई कि अग्रणी वैज्ञानिकों की एक टीम चीन का दौरा करेगी. इस मिशन का उद्देश्य मौजूदा संदर्भ और जवाबी कार्रवाई को बेहतर ढंग से समझना और अनुभवों व सूचना का आदान-प्रदान करना था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने आपात समिति की बैठक बुलाई. यह 10 दिनों की अवधि से पहले और चीन के बाहर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण फैलने की रिपोर्टें आने के दो दिन के भीतर ही बुलाई गई थी.
इस बार आपात समिति में आम सहमति बनी और महानिदेशक को सलाह दी गई कि इस महामारी को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी (Public Health Emergency of International Concern) घोषित किया जाना चाहिए.
महानिदेशक ने इस सिफ़ारिश को मानते हुए नॉवल कोरोनावायरस (2019-nCoV) महामारी को एक स्वास्थ्य आपदा घोषित कर दिया. विश्व स्वास्थ संगठन ने वर्ष 2005 में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिनियम के प्रभावी होने के बाद छठी बार अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य एमरजेंसी की घोषणा की.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए रणनीतिक तैयारी एवं जवाबी कार्रवाई योजना (Strategic Preparedness and Response Plan) जारी की ताकि कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों की मदद की जा सके.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने कोविड-19 पर एक ‘शोध एवं नवाचार मंच’ (Research and Innovation Forum) का आयोजन किया जिसमें दुनिया भर से 400 से ज़्यादा विशेषज्ञों और दानदाताओं ने शिरकत की.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और चीन के साझा मिशन ने बीजिंग में हालात का जायज़ा लिया और वूहान सहित दो अन्य शहरों का दौरा किया. इस मिशन में कैनेडा, जर्मनी, जापान, नाइजीरिया, कोरिया गणराज्य, रूस, सिंगापुर और अमेरिका के विशेषज्ञ शामिल थे.
अपने कामकाज के तहत उन्होंने चीन में स्वास्थ्य अधिकारियों, वैज्ञानिकों और स्वास्थ्यकर्मियों से बातचीत की. इस मिशन की रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें:
यूएन जेंसी ने कोरोनावायरस फैलने की तेज़ रफ़्तार और गंभीरता व ठोस कार्रवाई के अभाव पर गहरी चिंता जताते हुए कोविड-19 को विश्वव्यापी महामारी के रूप में परिभाषित किया.
COVID-19 Solidarity Response Fund यानी एकजुटता कार्रवाई कोष बनाया गया जिसके ज़रिए निजी कंपनियाँ, व्यक्ति और संस्थाए धनराशि दान कर सकते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन और साझीदार संगठनों ने ‘एकजुटता ट्रायल’ (Solidarity Trial) शुरू किया. यह एक अंतरराष्ट्रीय क्लीनिकल परीक्षण है जिसका उद्देश्य कोविड-19 के लिए कारगर दवाईयों और उपचार की तलाश करना है.