कोविड-19 संकट के बावजूद संयुक्त राष्ट्र का मुख्य कामकाज जारी
संयुक्त राष्ट्र के चार प्रमुख अंगों के अध्यक्षों ने सदस्य देशों को भरोसा दिलाते हुए कह है कि कि कोविड-19 महामारी ने संयुक्त राष्ट्र को भी काम करने के नए तरीक़े अपनाने पर मजबूर कर दिया है, इसके बावजूद दुनिया भर में संगठन के महत्वपूर्ण कार्य बिना रुके जारी हैं. इन अध्यक्षों ने शुक्रवार को ऑनलाइन के ज़रिए सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान ये बात कही.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष तिजानी मोहम्मद बाँडे ने अपनी स्वागत टिप्पणी में कहा कि महामारी से पैदा हुए इस वैश्विक संकट के दौर में हिफ़ाज़त और एकजुटता की अहमियत को और ज़्यादा बढ़ा दिया है.
🎬 LIVE briefing to Member States on the challenge posed by #COVID19 to the work of the Organisation & the activities of its principal organs.With #UNGA #UNSC @UNECOSOC Presidents & @UN Secretary-General @antonioguterres📆 27 March 🕙 10AM (EDT, NY time) https://t.co/kMSRcmR6le
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महासभा अध्यक्ष ने कहा, “अलबत्ता हम एक साथ एक स्थान पर नहीं बैठे हुए हैं, मगर आश्वस्त रहें कि इस घड़ी में हम सब एकजुट हैं. हमें मिसाल क़ायम करते हुए आगे बढ़ना होगा, हम सब घरों पर रहें, सामाजिक व सामुदायिक अलगाव के लिए सिफ़ारिशों पर अमल करें, अपने हाथ स्वच्छ रखें, और एक दूसरे का ख़याल रखें.”
तिजानी मोहम्मद बाँडे ने बताया कि महासभा की पाँचवी कमेटी इस कठिन समय में टैक्नॉलॉजी की बदौलत बजट संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कामयाब रही.
उन्होंने कहा कि देशों को केवल कोरोनावायरस को ही नहीं हराना होगा, बल्कि इसके सामाजिक और आर्थिक नुक़सानों को भी कम करना होगा.
“ग़रीबी और भुखमरी मिटाने के उपायों में जो प्रगति हासिल की गई है उसके फ़ायदे सभी के लिए सुनिश्चित करने के वास्ते हम सभी को बहुपक्षीय कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी क्योंकि इस संकट ने खाद्य उत्पादन, आपूर्ति श्रंखल और अन्य क्षेत्रों पर बहुत दबाव बना दिया है.”
सुरक्षा परिषद में बदलाव
सुरक्षा परिषद को कोविड-19 महामारी से उप्तन्न हुए संकट के कारण अपनी कार्य-प्रणाली बदलाव करना पड़ा है. मार्च 2020 के लिए सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष – चीन के राजदूत झांग जून ने बताया कि कठिनाइयों के बावजूद परिषद के सदस्य वीडियो टैलीकान्फ्रेंसिंग के ज़रिए बैठकों का आयोजिन कर रहे हैं.
उनका कहना था, “हम समझते हैं कि सदस्य देश ये जानने के लिए बहुत उत्सुक हैं कि सुरक्षा परिषद में क्या हो रहा है. वास्तविकता ये है कि नई स्थिति ने पारदर्शिता क़ायम रखने के लिए बहुत सी कठिनाइयाँ पैदा कर दी हैं लेकिन हम इस मुद्दे पर शिद्दत से काम कर रहे हैं.”
फ़िलहाल सुरक्षा परिषद के एजेंडा में विश्व के बहुत ज्वलंत मुद्दों को शामिल किया गया है जिनमें लीबिया की स्थिति और काँगो गणराज्य की स्थिति शामिल हैं.
सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने अफ़ग़ानिसतान में हुए जानलेवा हमले और केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य में शांतिरक्षकों पर हुए हमले के संबंध में वक्तव्य जारी किए हैं. इसके अलावा जल्द ही अनेक प्रस्तावों के मसौदों पर कार्रवाई के लिए तैयारियाँ पूरी हैं.
विकास उपलब्धियाँ ख़तरे में
संयक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईकोसॉक) की अध्यक्ष मोना जूल ने भी सदस्य देशों को बताया कि इस संस्था के कामकाज पर भी कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा है. ध्यान रहे कि संयुक्त राष्ट्र के टिकाऊ विकास एजेंडा पर तमाम कामकाज को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी इसी संस्था पर है.
अलबत्ता ईकोसॉक अध्यक्ष ने अब तक हुए विकास संबंधी उपलब्धियों के लिए ख़तरा पैदा होने का बारे में आगाह भी किया, विशेषरूप में दुनिया के सबसे ज़्यादा कमज़ोर देशों में, जहाँ मानवीय सहायता की सख़्त ज़रूरत है.
मोना जूल का कहना था, “विकासशील देशों को तत्काल मानवीय सहायता के अलावा कोविड-19 संकट का व्यापक सामाजिक-आर्थिक असर कम करने के लिए मदद की ज़रूरत पड़ेगी. संयुक्त राष्ट्र को इसमें सबसे अहम भूमिका निभानी होगी.”
“इस संकट से उबरने और ज़्यादा मज़बूत स्वास्थ्य ढाँचे बनाने के कार्य में विकासशील देशों की मदद करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के एकजुट प्रयासों की ज़रूरत है.”
चूँकि इन प्रयासों के लिए काफ़ी धन की ज़रूरत होगी, तो इस संदर्भ में मोना जूल ने जी-20 देशों, विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा हाल ही में की गई आर्थिक सहायता संबंधी घोषणा का स्वागत किया.
एकजुटता के लिए संचार
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरूवार को जी-20 के ऑनलाइन सम्मेलन में शिरकत की थी जहाँ उन्होंने कोविड-19 का मुक़ाबला करने और इसके असर को कम करने के लिए सामूहिक कार्रवाई और वित्तीय सहायता सुनिश्चित करने का आहवान किया था.
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार की ऑनलाइन बैठक में दुनिया भर में मौजूद यूएन स्टाफ़ की सुरक्षा के लिए उठाए गए क़दमों की जानकारी सदस्य देशों को दी क्योंकि ये कर्मचारी संगठन के शासनादेशों (Mandates) को लागू करने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि संगठन का कामकाज बिना किसी रुकावट के जारी है.
महासचिव ने कहा, “देशों में संगठन के प्रतिनिधि और टीमें अग्रिम मोर्चों पर सक्रिय हैं. पिछले सप्ताह तक मिली जानकारी के अनुसार 93 प्रतिशत टीमें महामारी के संकट का मुक़ाबला करने के प्रयासों में देशों के राष्ट्रीय अधिकारियों के साथ संपर्क में थीं.”
यूएन प्रमुख ने तमाम देशों से आग्रह करते हुए कहा कि इस सप्ताह शुरू की गई पहलों और घोषणाओं को लागू करने में मदद करें.
इनमें दुनिया भर में युद्धविराम लागू किए जाने की महासचिव की अपील, विश्व के निर्धनतम देशों की मदद के लिए मानवीय सहायता कोष बनाने की अपील और कोरोनावायरस के फैलाव के साथ किन्हीं लोगों या समूहों को जोड़ने और नफ़रत फैलाने के ख़िलाफ़ ठोस रुख़ अपनाने का आग्रह भी शामिल हैं.
एंतोनियो गुटेरेश ने कोविड-19 महामारी के संबंध में भ्रान्तियाँ और ग़लत जानकारी का मुक़ाबला करने के लिए एक सूचना व संचार रणनीति चलाने की भी घोषणा की.
इस रणनीति का नाम है - The COVID-19 Communications for Solidarity Initiative.
इसके तहत दुनिया भर में लोगों को जागरूक बनाने और इंसानों की भलाई के काम करने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने के प्रयास किए जाएंगे.