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नेपाल: जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए नई परियोजना मंज़ूर

नेपाल के एक गांव में खेतों में काम करती महिला.
UN Women/Narendra Shrestha
नेपाल के एक गांव में खेतों में काम करती महिला.

नेपाल: जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए नई परियोजना मंज़ूर

जलवायु और पर्यावरण

नेपाल में जलवायु परिवर्तनों के असर के प्रति सहनशीलता बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन में कटौती करने के उद्देश्य से बुधवार को तीन करोड़ 90 लाख डॉलर की एक परियोजना को मंज़ूरी दी गई है. संयुक्त राष्ट्र समर्थित ग्रीन क्लाइमेट फ़ंड (GCF) के बोर्ड ने ताज़ा निर्णय पर जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट से दस लाख नेपाली नागरिकों को लाभ होगा. 

यह पहली बार है जब राष्ट्रीय स्तर पर ऐसी किसी परियोजना का प्रस्ताव ‘ग्रीन क्लाइमेट फंड’ के सामने रखा गया और इस काम में खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) ने मदद की है. यह फ़ंड एक ऐसा वैश्विक प्लैटफ़़ॉर्म है जो कार्बन के कम उत्सर्जन और जलवायु सहनशील विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहा है. 

नेपाल में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से इस पहल के लिए वित्तीय सहयोग – 80 लाख डॉलर - दिया जाएगा जिससे सात-वर्षीय इस परियोजना के लिए उपलब्ध कुल धनराशि बढ़कर 4 करोड़ 70 लाख डॉलर हो जाएगी.

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नेपाल का चूरिया पर्वतीय क्षेत्र देश की घनी आबादी वाले और कृषि के लिए बेहद उर्वर इलाक़ों के लिए ज़रूरी पारिस्थितिकी तंत्रों को बनाए रखने में मदद करता है.

इस परियोजना से पर्वतीय क्षेत्र में रह रहे समुदाय लाभान्वित होंगे.

ग्रामीण समुदायों को जलवायु सहनशील बनाना

यूएन खाद्य एजेंसी के नेपाल में प्रतिनिधि सोमसाक पिपोपिनियो ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से चूरिया पर्वतीय क्षेत्र में दो लाख घरों को लाभ होगा.

प्राकृतिक संसाधनों का दशकों से ग़ैर-टिकाऊ तरीक़े से दोहन किए जाने की वजह से वनों का क्षरण हो रहा है, बाढ़ की घटनाएं बढ़ रही हैं और भूमि की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई है.

निचले मैदानी इलाक़ों में रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ी हैं और सूखे व चरम मौसम की घटनाओं की संख्या जलवायु संकट के कारण बढ़ रही हैं.

कुछ अनुमानों के मुताबिक़ आने वाले वर्षों में ये असर और भी ज़्यादा गहरे हो जाएंगे जिससे खाद्य सुरक्षा और आजीविका के लिए ख़तरा पैदा हो जाएगा.

सोमसाक पिपोपिनियो ने कहा, “इससे उन्हें आने वाले वर्षों में जलवायु अनुकूलन और चरम मौसम की घटनाओं के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी.”

नेपाल के वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी कैलाश पोखरेल ने बताया कि यह क्षेत्र नेपाल के लिए एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है और देश की खाद्य सुरक्षा व जलवायु परिवर्तन नीति के लिए अहम है.

ये संकल्प भी लिया गया है कि ग्रामीण समुदायों के लिए ज़मीनी स्तर पर बड़े बदलाव लाए जाएँ और अंततः जलवायु सहनशीलता को बढ़ाने में मदद मिले.

इसके तहत बुनियादी ढांचे को विकसित करने पर ज़ोर होगा ताकि संसाधनों के ऐसे प्रबंधन को रोका जा सके जो असुरक्षित और पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है.

इसका लंबे समय तक टिकाऊ बने रहना सभी स्तरों पर वैयक्तिक और संस्थगात क्षमताओं के निर्माण पर निर्भर होगा.

यूएन एजेंसी के लीड टेक्नीकल ऑफ़िसर बेन विकर्स ने कहा, “यह प्रोजेक्ट कार्रवाई में समन्वयन के लिए सरकार और समुदायों के साथ मिलकर काम करेगा. हम मानते हैं कि इस कार्रवाई से हर साल औसत वार्षिक कार्बन उत्सर्जन में पांच लाख टन की कमी की जा सकेगी.”