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मध्य पूर्व ‘शांति प्रक्रिया ठप’, हिंसा भड़कने का ख़तरा

ग़ाज़ा में एक विस्थापित महिला अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए, इसराइल और फ़लस्तीन के बीच संघर्ष ने बहुत से लोगों के जीवन को स्थिर कर रखा है.
© World Bank/Natalia Cieslik
ग़ाज़ा में एक विस्थापित महिला अपने बच्चे को दूध पिलाते हुए, इसराइल और फ़लस्तीन के बीच संघर्ष ने बहुत से लोगों के जीवन को स्थिर कर रखा है.

मध्य पूर्व ‘शांति प्रक्रिया ठप’, हिंसा भड़कने का ख़तरा

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व में शांति प्रयासों के लिए विशेष समन्वयक निकोलय म्लादेनॉफ़ ने कहा है कि शांति प्रक्रिया में आए गतिरोध को दूर करने और वार्ता को पुर्नजीवित करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. उन्होंने क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता फैलने के ख़तरे के बीच दोनों पक्षों से अनुरोध किया है कि चरमपंथियों और कट्टरपंथियों के विरुद्ध मज़बूती दिखानी होगी.

विशेष समन्वयक म्लादेनॉफ़ ने मंगलवार को येरुशलम से सुरक्षा परिषद को वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिमी तट और ग़ाज़ा पट्टी में हिंसा का ख़तरा बढ़ रहा है जो पूरे क्षेत्र को अपनी जकड़ में ले सकता है.

उन्होंने कहा कि शांति प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई है और उसे फिर से शुरू करने के प्रयास नहीं किए जा रहे हैं.

शांति प्रक्रिया में आ रही मुश्किलों के पीछे छिपे कारणों की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि महासचिव और मैंने कई बार चेतावनी जारी की है कि दो-राष्ट्र समाधान के आधार पर इसराइली और फ़लस्तीनी समस्या को हल करने की दिशा में राजनैतिक क्षितिज के अभाव, फ़लस्तीनी इलाक़ों में एकपक्षीय ढंग से यहूदी बस्तियां बसाए जाने और उनका विस्तार किए जाने, आतंकी हमलों और अन्य कई कारणों से विस्फोटक हालात पैदा हो रहे हैं.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि इस विस्फोटक स्थिति को ऐसे नेतृत्व के ज़रिए सुलझाया जा सकता है जो वार्ता की मेज़ पर आने की इच्छा दर्शाए और टिकाऊ और न्यायोचित शांति के लिए बातचीत में हिस्सा ले.

उन्होंने दोहराया कि इसराइल-फ़लस्तीनी संघर्ष का निपटारा प्रासंगिक यूएन प्रस्तावों और आपसी समझौतों के आधार पर हो सकता है लेकिन उसके अभाव में हालात और बिगड़ते रहेंगे.

“इस संघर्ष का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान तलाश करने के प्रयासों को छोड़ा नहीं जा सकता. इसके विकल्प के भयावह नतीजों के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता.”

मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए विशेष समन्वयक निकोलाई म्लादेनोफ़ सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए.
UN Photo/Eskinder Debebe
मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए विशेष समन्वयक निकोलाई म्लादेनोफ़ सुरक्षा परिषद को जानकारी देते हुए.

हिंसक घटनाओं में आई तेज़ी का उल्लेख करते हुए विशेष समन्वयक ने बताया कि इसराइली क़ब्ज़े वाले पश्चिमी तट में तनाव बढ़ रहा है और हाल के दिनों में दो फ़लस्तीनी व दो इसराइली नागरिकों की मौत हुई है, 102 फ़लस्तीनी नागरिक और 7 इसराइली घायल हुए हैं.  

उन्होंने फ़लस्तीनी और इसराइली नागरिकों पर हुए हमलों की  पुरज़ोर ढंग से निंदा करते हुए उन्हें कायराना और ख़तरनाक कृत्य क़रार दिया है.

विशेष प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र मानवीय समन्वयक के बयान को दोहराते हुए याद दिलाया कि फ़लस्तीनी संपत्तियों को ध्वस्त या ज़ब्त करने की इसराइली नीति अंतरराष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों के तहत तय दायित्वों के अनुरूप नहीं है.

साथ ही इसराइली बस्तियों का दायरा बढ़ाकर नए घरों के निर्माण को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन क़रार दिया और कहा कि पश्चिमी तट पर आधिपत्य जमाने से यूएन प्रस्तावों के तहत फ़लस्तीनी राष्ट्र को स्थापित करने के अवसर कम होते हैं.

उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सभी पक्षों से प्रस्ताव 1701 के उल्लंघन को रोकने और उसके प्रावधानों को पूरी तरह लागू किए जाने की अपील करता है.

पिछलो दो महीनों से ग़ाज़ा में अपेक्षाकृत शांति है लेकिन फिर भी हिंसक घटनाएं हुई हैं.

हाल के दिनों में ग़ाज़ा से इसराइली इलाक़ों में 11 रॉकेट दागे गए हैं जिसके बाद इसराइल ने वहां ईंधन की आपूर्ति को कम कर दिया है.

प्रदर्शनकारियों पर इसराइली सुरक्षा बलों की कार्रवाई में एक फ़लस्तीनी व्यक्ति की मौत हो गई और 545 घायल हुए हैं.

इसराइल से अपील की गई है कि बेहद ज़रूरी होने पर ही ताक़त का इस्तेमाल किया जाए – साथ ही चरमपंथी संगठन हमास से भी रॉकेट हमले बंद करने को कहा गया है.

ग़ाज़ा में स्वास्थ्य सुविधाओं के ख़राब हालात पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि ज़रूरी दवाओं और अन्य वस्तुओं की कमी होने से मरीज़ों की मुश्किलें जारी हैं.