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फ़लस्तीन में चुनाव – संयुक्त राष्ट्र हरसम्भव मदद के लिये तैयार

पश्चिमी तट में एक गाँव का दृश्य.
UNRWA/Marwan Baghdadi
पश्चिमी तट में एक गाँव का दृश्य.

फ़लस्तीन में चुनाव – संयुक्त राष्ट्र हरसम्भव मदद के लिये तैयार

शान्ति और सुरक्षा

मध्य पूर्व क्षेत्र के लिये नियुक्त संयुक्त राष्ट्र के नए दूत टॉर वेनेसलैण्ड ने कहा है कि फ़लस्तीन में इस वर्ष होने वाले चुनाव एकता की दिशा में बढ़ाया गया एक अहम क़दम होगा. विशेष दूत ने मंगलवार को पहली बार सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए ध्यान दिलाया है कि चुनावों के ज़रिये फ़लस्तीनी संस्थाओं को मज़बूती मिलेगी और इन प्रयासों में यूएन मदद के लिये तैयार है. 

फ़लस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इस महीने एक आदेश जारी कर संसदीय और राष्ट्रपति चुनावों को मई में कराये जाने की घोषणा की है. 
पिछले 15 वर्षों में यह पहली बार होगा जब क़ाबिज़ इलाक़ों में मतदान होगा.  

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मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिये विशेष समन्वयक टॉर वेनेसलैण्ड ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है. इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने भी इसका स्वागत किया था.   

नॉर्वे के राजनयिक ने मंगलवार को वर्चुअल बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा, “पूर्व येरुशलमन और ग़ाज़ा सहित क़ाबिज़ पश्चिमी तट में चुनाव कराया जाना फ़लस्तीनी एकता की दिशा में एक अहम क़दम होगा.”

उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से राष्ट्रीय संस्थाओं को नए सिरे से क़ानूनी मान्यता मिलेगी और लोकतान्त्रिक रूप से फ़लस्तीन में नई संसद और सरकार चुनी जाएगी. 

“संयुक्त राष्ट्र फ़लस्तीनी लोगों द्वारा उनके लोकतान्त्रिक अधिकारों का इस्तेमाल करने के प्रयासों को समर्थन देने के लिये तैयार है.”

“क़ानून के राज और सभी के लिये समान अधिकार देने वाले एक लोकतान्त्रिक फ़लस्तीनी देश के निर्माण में चुनावों का होना एक अहम हिस्सा है”

राष्ट्रपति अब्बास वर्ष 2005 में निर्वाचित हुए थे और उनकी फ़तह पार्टी का फ़लस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण पर नियन्त्रण है, जोकि क़ाबिज़ पश्चिमी तट में स्थित है. 

चरमपन्थी गुट हमास का ग़ाज़ा पट्टी पर क़ब्ज़ा है जहाँ वर्ष 2006 में हुए संसदीय चुनाव में उसकी जीत हुई थी. 

महिलाओं की भागीदारी

यूएन प्रतिनिधि ने कहा कि चुनाव की तैयारियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लम्बित मुद्दों के निपटारे के लिये काहिरा में होने वाली वार्ता अहम है.  
चुनाव सम्बन्धी क़ानूनों में संशोधन किया गया है ताकि महिला प्रतिनिधियों की भागीदारी को 20 फ़ीसदी से बढ़ाकर 26 प्रतिशत किया जा सके. 

टॉर वेनेसलैण्ड ने इस क़दम की सराहना करते हुए फ़लस्तीनी प्रशासन का आहवान किया है कि महिलाओं की राजनैतिक भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों को मज़बूत किया जाना होगा. 

नए दूत ने फ़लस्तीन और इसरालइ विवाद के दो-राष्ट्र समाधान के लिये संयुक्त राष्ट्र के समर्थन को दोहराते हुए आशा जताई है कि वार्ता के ज़रिये स्थाई शान्ति को स्थापित करने में मदद मिलेगी. 

“मुझे आशा है कि इसराइल और अरब देशों में हाल के समय में हुए समझौतों के वादे से एक ज़्यादा शान्तिपूर्ण मध्यपूर्व के उदय को साकार किया जा सकता है.” 

लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया है कि इसके लिये सभी पक्षों के नेताओं को अर्थपूर्ण बातचीत में शामिल होना होगा.   

विशेष प्रतिनिधि ने ध्यान दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 संक्रमण का ख़तरा झेल रहे फ़लस्तीन लोगों को समर्थन मुहैया करा रहा है. 

क़ाबिज़ फ़लस्तीनी इलाक़े और इसराइल बुरी तरह कोरोनावायरस से प्रभावित हुए हैं, जिसके चलते आवाजाही पर पाबन्दियाँ लगाई गई हैं.  

यूएन और साझीदार संगठनों ने फ़लस्तीनी सरकार को निजी बचाव सामग्री व उपकरण, ऑक्जीजन थेरेपी के लिये मशीन, टैस्टिंग सामग्री सहित अहम साज़ोसामान की आपूर्ति की है ताकि स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखा जा सके.