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डिजिटल युग में साहसिक और अभिनव विचारों की आवश्यकता

डिजिटल सहयोग पर उच्चस्तरीय पैनल की बैठक में हिस्सा लेते जैक मा और मलिंडा गेट्स.
UN Photo/Adam Kane
डिजिटल सहयोग पर उच्चस्तरीय पैनल की बैठक में हिस्सा लेते जैक मा और मलिंडा गेट्स.

डिजिटल युग में साहसिक और अभिनव विचारों की आवश्यकता

आर्थिक विकास

डिजिटल दुनिया के कई बड़े नाम और नीति निर्धारकों की जिनिवा में इस सप्ताह हुई बैठक में अंतरराष्ट्रीय सायबर हमलों के बढ़ते ख़तरों से निपटने और डिजिटल तकनीक से होने वाले लाभ के प्रसार पर विमर्श हुआ है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने  कहा है कि डिजिटल युग को और समावेशी बनाने के लिए नए और साहसिक विचारों की ज़रूरत है. 

डिजिटल युग को कई बार चौथी औद्योगिक क्रांति भी कहा जाता है. 

इस विषय पर गठित संयुक्त राष्ट्र के आयोग, डिजिटल सहयोग पर उच्चस्तरीय पैनल, के सह प्रमुख गेट्स फाउन्डेशन की मलिंडा गेट्स और अलीबाबा कंपनी के संस्थापक जैक मा हैं. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपनीअपील में आयोग के सदस्यों से कहा कि उन्हें डिजिटल युग के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं पर विचार करना चाहिए.

"हमें नई सोच और उन्नत और मौलिक विचारों की आवश्यकता है ताकि डिजिटल युग के लाभों को संवारा और ख़तरों को कम किया जा सके." उन्होंनें आयोग से आग्रह किया है कि वे विचार करें कि 2030 टिकाऊ विकास एजेंडा के लक्ष्यों को तेज़ी से पाने में तकनीक कैसे भूमिका निभा सकती है. 

इस आयोग का गठित करने की मंशा यूएन महासचिव ने 2018 में ज़ाहिर की थी. आमतौर पर उच्चस्तरीय पैनल का गठन ख़ास मुद्दों पर ही किया जाता है. संयुक्त राष्ट्र के 70 से ज़्यादा साल के इतिहास में लगभग 20 आयोगों का ही गठन हुआ है. 

इस पैनल के सदस्यों में अमेरिका में इंटरनेट में अग्रणी विन्ट सर्फ़ और डिजिटल मार्केटिंग में ख़ासा अनुभव रखने वालीं दक्षिण कोरिया की सोफ़ी इओम हैं. विविध पृष्ठभूमि के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर यूएन महासचिव निजी, सार्वजनिक, शिक्षा, नागरिक समाज और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों की राय लेना चाहते हैं.

विचार विमर्श के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी जो इस साल गर्मियों में जारी होगी. 

विन्ट सर्फ़ ने इसे बेहद रोचक और विशेष पल करार दिया है. "हाल ही में हमने मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा की 70वीं वर्षगांठ मनाई. 50 फ़ीसदी से ज़्यादा दुनिया अब ऑनलाइन जुड़ चुकी है.  डिजिटल युग में ज़िम्मेदारी भरे व्यवहार को सुनिश्चित कर पाना एक चुनौती बन गया है."

समावेशिता पर बल

पैनल ने पहल करते हुए अन्य लोगों की राय शामिल करने के लिए ऑनलाइन सुविधा बनाई है जिसमें 31 जनवरी 2019 तक विचार और सुझाव भेजे जा सकते हैं. अब तक 33 देशों से 100 से ज़्यादा सुझाव प्राप्त हो चुके हैं. अभी तक जो राय मिली हैं उनमें अधिकतर डिटिजल युग में समावेशिता या सभी लोगों की भागीदारी को सबसे अहम मूल्य माना गया है. 

जुलाई 2018 से पैनल सदस्य दो हज़ार से ज़्यादा लोगों से मिल चुके हैं और विचार विमर्श के लिए सात सत्रों में समावेशी विकास, डाटा, मानवाधिकार और डिजिटल भरोसे जैसे विषयों पर बात आगे बढ़ी है. 

अमेरिका में सिलिकॉन वैली, चीन, भारत, इसराइल की यात्रा के अलावा पैनल सदस्यों ने अन्य शहरों में नीति निर्धारकों से मुलाक़ात की है और डिजिटल नीति से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है.