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हेती संकट: देश में व्याप्त असुरक्षा से निपटने के लिए, तत्काल क़दम उठाने का आग्रह

हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में बढ़ती हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं.
© UNICEF/Herold Joseph
हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में बढ़ती हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हो रहे हैं.

हेती संकट: देश में व्याप्त असुरक्षा से निपटने के लिए, तत्काल क़दम उठाने का आग्रह

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने हेती में तेज़ी से बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था पर अपनी गहरी चिन्ता व्यक्त की है. पिछले सप्ताहांत, जेल से क़रीब चार हज़ार अपराधियों के भाग जाने के बाद देश में आपराधिक गुटों की पकड़ मज़बूत हो रही है.

यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि महासचिव गुटेरेश, हेती में बहुराष्ट्रीय सुरक्षा समर्थन मिशन के लिए जल्द से जल्द वित्त पोषण व समर्थन को देखना चाहते हैं.

संकटों से घिरे हेती में क़ानून-व्यवस्था को बहाल करने के इरादे से सुरक्षा परिषद ने इस बहुराष्ट्रीय मिशन को स्वीकृति दी है.

केनया और हेती ने कुछ ही दिन पहले एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत देश में सुरक्षा समर्थन मिशन के लिए एक हज़ार केनयाई अधिकारियों का दस्ता तैनात होगा.

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हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि संवैधानिक चुनौतियों के बीच, केनया का उच्च न्यायालय इस मिशन को आगे बढ़ाने की अनुमति देगा या नहीं.   

पिछले सप्ताह, बेनिन ने इस समर्थन मिशन के लिए सुरक्षाकर्मियों को मुहैया कराने की पुष्टि की थी. यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने ध्यान दिलाया कि यह यूएन शान्तिरक्षक बल नहीं है.

उन्होंने कहा कि यह समर्थन मिशन, हेती में आम जनता के लिए सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और देश को और अधिक अराजकता में धँसने से बचाने में मदद करेगा.

हेती के प्रधानमंत्री ऐरियल हेनरी, समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए केनया की राजधानी नैरोबी में मौजूद थे, मगर फ़िलहाल वह हेती नहीं लौटे हैं, जहाँ फ़िलहाल 72 घंटों के लिए आपातकाल व कर्फ़्यू लागू है. 

हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स के 80 फ़ीसदी हिस्से पर हथियारबन्द गुटों का नियंत्रण है, और उन्होंने मुख्य हवाई अड्डे को भी अपने क़ाबू में करने की कोशिश की है, ताकि मौजूदा सरकार को अपदस्थ किया जा सके और प्रधानमंत्री हेनरी की देश वापसी को रोका जा सके.

मौत व विस्थापन 

मानवीय सहायता मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, राजधानी में नए सिरे से हुई हिंसा व उठापठक के कारण, 15 हज़ार लोग अपना घर छोड़कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं, जिनमें से अनेक पहले भी विस्थापित हो चुके हैं.

यूएन प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा चिन्ताओं के बावजूद, मानवीय सहायता संगठनों ने नए विस्थापितों के लिए भोजन, स्वच्छता व स्वास्थ्य सम्बन्धी सामग्री को प्रदान करना शुरू किया है. इसके अलावा, ग़द्दों, कम्बल, चादरों और लैम्प की व्यवस्था की जा रही है. 

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और साझेदार संगठनों ने अब तक नए विस्थापित आश्रय स्थलों पर तीन हज़ार लोगों के लिए साढ़े पाँच हज़ार से अधिक भोजन पैकेट की व्यवस्था की है.

वहीं, अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन ने 300 से अधिक परिवारों के लिए आपात शरण सहायता सामान वितरित किया है.

हेती में मानवतावादी समुदाय ने सभी पक्षों से हिंसा पर तत्काल विराम लगाने का आग्रह किया है, ताकि ज़रूरतमन्द आबादी तक सहायता पहुँचाना सम्भव हो सके.

देश की क़रीब आधी आबादी, यानि 55 लाख लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता बताई गई है.

सहायता धनराशि का अभाव

हेती में मानवीय सहायता प्रयासों के लिए इस वर्ष 67.4 करोड़ डॉलर की अपील की गई थी, जिसमें से केवल 2.5 प्रतिशत रक़म का ही प्रबन्ध हो पाया है.

हेती में हालात पर यूएन सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुधवार को बुलाई गई है, जिसे यूएन मिशन की प्रमुख मारिया इज़ाबेल सल्वाडोर द्वारा सम्बोधित किए जाने की सम्भावना है.

यूएन महासचिव ने भी सभी राजनैतिक पक्षों से देश में राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और चुनावों के ज़रिये लोकतांत्रिक संस्थाओं को बहाल करने के लिए ज़रूरी क़दम उठाने का आग्रह किया है.