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हेती: गैंग हिंसा में उछाल पर चिन्ता, क़ानून के राज की स्थापना के लिए चुनावों पर बल

हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में सड़कों पर आगज़नी.
© UNOCHA/Giles Clarke
हेती की राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में सड़कों पर आगज़नी.

हेती: गैंग हिंसा में उछाल पर चिन्ता, क़ानून के राज की स्थापना के लिए चुनावों पर बल

शान्ति और सुरक्षा

हेती में यूएन महासचिव की विशेष प्रतिनिधि मारिया इज़ाबेल सल्वाडोर ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए आगाह किया कि आपराधिक गुटों के बीच बढ़ती हिंसा के कारण, देश में सुरक्षा हालात बद से बदतर हो रहे हैं. इसके मद्देनज़र, उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय सुरक्षा समर्थन मिशन को स्थापित व तैनात किए जाने और क़ानून के सतत राज के लिए चुनावों को अहम बताया है.

विशेष प्रतिनिधि सल्वाडोर ने कहा कि हेती में लोकतांत्रिक संस्थाओं को बहाल करने के लिए चुनाव एकमात्र रास्ता व अनिवार्यता है.

“केवल लोकतंत्र और क़ानून के राज के ज़रिये ही वो आधार तैयार हो सकता है, जिससे हेती विकास व प्रगति की दिशा में अग्रसर हो सके.” 

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यूएन दूत, हेती में यूएन कार्यालय (BINUH) की भी प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में हेती की पुलिस की सहायता के लिए सुरक्षा परिषद में बहुराष्ट्रीय समर्थन मिशन की स्थापना व तैनाती के प्रस्ताव को पारित किया गया, जोकि बहुत अहम है. 

हेती में व्याप्त गैंग हिंसा के कारण, राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स मुख्य रूप से प्रभावित है. देश की लगभग आधी आबादी मानवीय सहायता पर निर्भर है.

हाल के वर्षों में, कैरीबियाई क्षेत्र में स्थित इस देश ने हैज़ा के प्रकोप, भूकम्प, चक्रवाती तूफ़ान के क़हर को झेला है. जुलाई 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति की हत्या कर दी गई थी. 

गम्भीर अपराधों में उछाल

विशेष प्रतिनिधि सल्वाडोर ने बताया कि देश में बड़े अपराधों में तेज़ उछाल आया है. आपराधिक गुट हत्या, यौन हिंसा, सामूहिक बलात्कार, अपहरण समेत अन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं.

पिछले सप्ताह, देश में चुनाव आयोजित कराने वाले निकाय, उच्च संक्रमणकालीन परिषद के प्रमुख को दिनदहाड़े अगवा कर लिया गया. अपहरणकर्ताओं ने पुलिस अधिकारियों को वर्दी पहनी हुई थी. 

मारिया इज़ाबेल सल्वाडोर ने देश में लोकतांत्रिक संस्थाओं और क़ानून के राज की पुनर्स्थापना के लिए चुनावों की दिशा में अपने प्रयास जारी रखे हैं, मगर उन्होंने चिन्ता जताई है कि यह पर्याप्त रफ़्तार से नहीं हो रहा है. 

विशेष प्रतिनिधि ने ज़ोर देकर कहा कि हेती की राष्ट्रीय पुलिस द्वारा फिर से नियंत्रण स्थापित किया जाना, विश्वसनीय व समावेशी मतदान के लिए एक आरम्भिक शर्त है. 

वहीं, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की प्रमुख कैथरीन रसैल ने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों को बताया कि हेती में लगभग 20 लाख लोग, आपराधिक गुटों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में रहते हैं, जो अपनी गतिविधियों का दायरा बढ़ा रहे हैं.

बच्चे, गोलीबारी की चपेट में आने से हताहत हो रहे हैं, जबकि अन्य को ज़बरदस्ती आपराधिक गुटों में भर्ती किया जा रहा है या फिर वे मजबूरन उनमें शामिल हो रहे हैं. लड़कियों को बड़े स्तर पर लिंग-आधारित व यौन हिंसा का सामना करना पड़ रहा है.

यूनीसेफ़ की शीर्ष अधिकारी के अनुसार, अनेक महिलाओं ने बताया कि हथियारबन्द लोग, जबरन घरों में दाख़िल हुए, उनका बलात्कार किया गया, और फिर घरों में आग लगा दी गई. 

कुछ इलाक़ों में भयावह दुर्व्यवहार की ये घटनाएँ और अपराध अब आम जीवन का हिस्सा हो गई हैं. 

खाद्य और पोषण संकट

हथियारबन्द गुटों ने हेती की राजधानी से देश के अन्य हिस्सों में जाने वाले मार्गों पर अपना नियंत्रण मज़बूत किया है, जहाँ अधिकाँश आबादी बसती है. इन हालात में आजीविकाएँ तबाह हुई हैं, और अति आवश्यक सेवाओं की सुलभता पर भी असर हुआ है.

कैथरीन रसैल ने कहा कि ज़िन्दगियों को जोखिम में डालने वाली इन परिस्थितियों से खाद्य व पोषण सुरक्षा का संकट गहरा हो रहा है.

राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में एक स्वास्थ्य व पोषण केन्द्र पर एक बच्ची को पहले से तैयार पोषक भोजन दिया जा रहा है.
© UNICEF/Georges Harry Rouzier
राजधानी पोर्त-ओ-प्रिन्स में एक स्वास्थ्य व पोषण केन्द्र पर एक बच्ची को पहले से तैयार पोषक भोजन दिया जा रहा है.

एक लाख 15 हज़ार से अधिक बच्चे गम्भीर नाटेपन का शिकार हैं, जोकि पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है.  हेती में लगभग 25 फ़ीसदी बच्चे, लम्बे समय से कुपोषण से पीड़ित हैं और हैज़ा के प्रकोप से इन नन्ही ज़िन्दगियों के लिए जोखिम बढ़ रहा है.

कैथरीन रसैल ने कहा कि हिंसा के जारी रहने से ज़मीनी स्तर पर सक्रिय मानवीय राहतकर्मियों के लिए चुनौतियाँ बढ़ी हैं, मगर यूनीसेफ़ और उसके साझेदार संगठन हेती में राहत पहुँचाने के काम में जुटे हैं. 

पिछले सप्ताह, हथियारबन्द गुटों द्वारा अगवा किए गए लगभग 60 बच्चों की सुरक्षित रिहाई के प्रयासों में सफलता मिली, जिन्हें एक स्कूल में रखा गया था. 

उन्होंने उम्मीद जताई कि बहुराष्ट्रीय समर्थन मिशन की तैनाती से सुरक्षा हालात को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. इस क्रम में, उन्होंने बच्चों, महिलाओं, विकलांगजन व अन्य निर्बल समूहों की सुरक्षा का विशेष रूप से ध्यान रखे जाने पर बल दिया है.