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Uthhan-India

भारत में यूएनडीपी की 'उत्थान' परियोजना
सफ़ाई साथियों की ज़िन्दगी व तक़दीर में नई रौशनी

भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम - UNDP की 'उत्थान’ परियोजना, एक शहरी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम है, जिसे कोविड के दौरान सफ़ाई साथियों के लिए आरम्भ किया गया था. उत्थान पहल, 2022 में शुरू होने के बाद से लगभग साढ़े 11 हज़ार सफ़ाई साथियों को, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में शिक्षित करने व उन तक पहुँचने में सफल हुई है. इस कार्यक्रम ने अनेक सफ़ाई साथियों की ज़िन्दगी के साथ-साथ तक़दीर बदल दी है...

पहचान पत्र पाने से, जहाँआरा का हवाई जहाज़ में बैठने का सपना पूरा हुआ.
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भारत: आसमान छूने के सपने में, 'उत्थान' से मदद

जहाँ आरा बेगम को, आसमान छूने का अपना सपना पूरा करने में उत्थान परियोजना से मदद मिली है. भारत में यूएनडीपी की उत्थान परियोजना, सफ़ाई कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा हासिल करने में मदद करके, उनके अधूरे सपने पूरे करने में एक अहम भूमिका निभा रही है.

पिछले 20 सालों से शिल्पा एक सफ़ाईकर्मी के रूप में काम कर रही हैं.
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भारत: शिल्पा तटकरे को कहाँ से मिली उम्मीद की किरण

भारत में सफ़ाई कर्मियों को अनौपचारिक अपशिष्ट अर्थव्यवस्था का हिस्सा होने के कारण, अक्सर सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन्हीं मुद्दों पर ध्यान देने के लिए, भारत में यूएनडीपी ने उत्थान परियोजना चलाई है. सफ़ाई साथी, शिल्पा तटकरे के लिए, उत्थान परियोजना एक उम्मीद की किरण है...

 

छाया को एक बैठक में यूएनडीपी की उत्थान परियोजना के तहत दी जाने वाली विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के बारे में जानकारी मिली.
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भारत: एक नई कहानी बुनतीं, छाया प्रदीप साल्वे

सामाजिक सुरक्षा व आधिकारिक पहचान ने, छाया प्रदीप साल्वे के जीवन को आर्थिक मज़बूती की एक नई राह प्रदान की है. भारत में कोविड-19 के दौरान सफ़ाई साथियों के लिए आरम्भ की गई यूएनडीपी की उत्थान परियोजना, उन्हें एक नई दिशा प्रदान कर रही है. जिसका लाभ छाया प्रदीप साल्वे को भी मिला है.

सलमा बेगम अब अपने बच्चों के भविष्य को लेकर आशान्वित हैं.
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भारत: उत्थान की बदौलत, अग्निपरीक्षा जैसे हालात से उबरने की आपबीती

दिल्ली में रहने वाली एक सफ़ाई साथी सलमा बेगम की ज़िन्दगी में किसी अग्निपरीक्षा जैसे हालात रहे. मगर यूएनडीपी की उत्थान सहनसक्षमता से लाभान्वित होकर, वो पहचान पत्रों व सामाजिक प्रमाण पत्रों के कारण आर्थिक सशक्तिकरण की राह पर अग्रसर हुईं.

उत्थान परियोजना के ज़रिए, मंज़ूर नदफ़ जैसे अनेक सफ़ाई कर्मियों को पहचान व गरिमा हासिल हुई है.
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भारत: उत्थान पहल के ज़रिए, पहचान और सम्मान हासिल

भारत में यूएनडीपी की उत्थान परियोजना से लाभ उठाने वाले मंज़ूर नदफ़ की प्रेरक कहानी, जिन्हें आधिकारिक पहचान मिलने से, उनका आर्थिक सशक्तिकरण सम्भव हुआ.

सफ़ाई साथी, अहमद अली को इस बात की ख़ुशी है, कि उनके छोटे-छोटे प्रयास, उनके ग्रह, और ख़ासतौर पर उनके शहर को साफ़ व स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
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भारत: उत्थान ने जगाया दरियादिली का अहसास

 दिल्ली में रहने वाले एक सफ़ाई साथी अहमद अली, अब अपने निवास स्थान के कल्याण के लिए तत्पर हैं. उनके भीतर दरियादिली की ये भावना, ख़ासतौर से, भारत में यूएनडीपी द्वारा चलाई गई उत्थान परियोजना के ज़रिए मज़बूत हुई है. इस पहल का मक़सद है सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच व आजीविका के सहनसक्षम स्रोतों में वृद्धि के ज़रिए, सफ़ाई कर्मियों को सशक्त बनाना.

आशा कहती हैं कि उन्होंने जीवन में कई परेशानियाँ झेली हैं, इसलिए वो अपने बच्चों को लिए बेहतर जीवन की कामना करती हैं.
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भारत: उत्थान से प्रेरित होकर संभाली, स्वयं सहायता समूह की बागडोर

सफ़ाई साथियों का कार्य, अनौपचारिक व असंगठित होता है, जिसमें काम के लम्बे घंटे, कम आय, कठोर परिस्थितियाँ, व समाज में निम्न दर्जे का स्थान मिलने के कारण स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाती है. ऐसे में, सफ़ाई कर्मियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल, बच्चों की शिक्षा या आपात स्थितियों से निपटना बहुत मुश्किल हो जाता है. इस अनौपचारिक अपशिष्ट अर्थव्यवस्था का अधिकाँश हिस्सा होती हैं महिलाएँ, जो घर के कामकाज का दोहरा बोझ उठाती हैं. इन्ही समस्याओं के समाधान के लिए, भारत में यूएनडीपी ने उत्थान पहल शुरू की. उत्थान परियोजना से प्रेरित होकर, स्वयं सहायता समूह का नेतृत्व सम्भालने वाली आशा प्रहलाद सेन्धड़े की कहानी.

यूएनडीपी परियोजना, उत्थान के तहत, तारा जाधव के बच्चों को करियर मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया, जिससे उन्हें शिक्षा के विस्तार के अवसर मिले.
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भारत: 'उत्थान' के ज़रिए मिली मदद से बेटियों का सशक्तिकरण

भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, यूएनडीपी की 'उत्थान’ परियोजना के शहरी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के ज़रिए, तारा जाधव का, अपनी बेटियों को पढ़ा-लिखाकर सशक्त बनाने का सपना पूरा हुआ. 

सुवर्णा (बाएँ) का कहना है कि हालाँकि वह एक सफ़ाई साथी के रूप में अपने काम से ख़ुश है, लेकिन नहीं चाहतीं कि उनके बच्चे भी यही काम करें.
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भारत: उत्थान की बदौलत, बच्चों के बेहतर भविष्य की राह

भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, यूएनडीपी की 'उत्थान’ परियोजना, एक शहरी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम है, जिसे कोविड के दौरान सफ़ाई साथियों के लिए आरम्भ किया गया था. इस साधारण सी परियोजना ने सुवर्णा रवि मगरे की ज़िन्दगी ही बदल दी.

कल्याण और बीमा योजनाओं से लाभ उठाने के बाद, आशा अब आर्थिक रूप से सुरक्षित और शान्तिपूर्ण महसूस करती हैं.
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भारत : यूएनडीपी की उत्थान परियोजना से बेटी का सशक्तिकरण

भारत की आशा उत्तम सोनवणे उन साढ़े 11 हज़ार सफ़ाई साथियों में से एक हैं, जिन्हें यूएनडीपी की उत्थान परियोजना ने सामाजिक सुरक्षा से युक्त जीवन की एक नई राह दिखाई.