वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

भारत: उत्थान परियोजना के तहत पानी तक पहुँच और बाल शिक्षा सम्भव

सविता देवी का कहना है कि अब वे अपने पहचान पत्र के साथ नगर निगम के टैंकर से बिना किसी शुल्क के पानी ले सकते हैं.
UNDP India
सविता देवी का कहना है कि अब वे अपने पहचान पत्र के साथ नगर निगम के टैंकर से बिना किसी शुल्क के पानी ले सकते हैं.

भारत: उत्थान परियोजना के तहत पानी तक पहुँच और बाल शिक्षा सम्भव

महिलाएँ

भारत में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, यूएनडीपी की 'उत्थान’ परियोजना, एक शहरी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम है, जिसके तहत लगभग साढ़े 11 हज़ार सफ़ाई साथियों को, सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में शिक्षित करने में कामयाबी मिली है. ऐसी ही एक सफ़ाई साथी, सविता देवी की आपबीती, जिन्हें इस परियोजना ने अपने बच्चों को शिक्षित करने में सक्षम बनाया.  

सविता देवी बताती हैं, “जब हम दिल्ली आए, तो हमें, उचित पहचान-पत्र के बिना, कोई भी मकान किराए पर नहीं देना चाहते थे. यहाँ तक ​​कि नगर निगम के टैंकर से पानी लेने के लिए भी, हमसे पहचान पत्र मांगा गया.”

बिहार के पटना शहर की निवासी, सविता देवी, 25 साल पहले, बेहतर अवसरों की तलाश में अपने परिवार के साथ दिल्ली आई थीं. 

शहर आने पर सबसे पहले उनके परिवार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आवास की तलाश.

सविता सात बच्चों की माँ हैं, जिनमें चार पुत्रियाँ और तीन पुत्र हैं. वह कचरा अलग करने का काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करती हैं और प्रति माह लगभग 8 हज़ार रुपए की आय अर्जित करती हैं. 

सविता बताती हैं कि वह अपने बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज़ प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही हैं, "मुझे बिल्कुल मालूम नहीं था कि बच्चों को स्कूल में दाख़िला दिलाने के लिए आधिकारिक दस्तावेज़ कैसे प्राप्त किए जाते हैं."

जब उत्थान टीम के एक कार्यकर्ता ने उनके घर का दौरा किया, तब उन्हें इसका समाधान मिला.

उन्होंने बताया, “मैं बहुत तनाव में थी, क्योंकि दस्तावेज़ों की कमी के कारण मेरे बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पा रहा था.”

परियोजना के ज़रिए उन्हें अपने बच्चों के लिए बाल आधार कार्ड प्राप्त करने में सहायता मिली, जिससे उन्हें नगरपालिका स्कूल में प्रवेश मिल सका. 

आईडी कार्ड मिलने से, सविता देवी के लिए अपनी बेटी का स्कूल में दाख़िला कराना सम्भव हो सका.
UNDP India

उत्साहित सविता कहती हैं, “मेरे लिए यह ऐसा था मानो ईश्वर ने मेरी सभी प्रार्थनाएँ सुन लीं हों.”

वर्तमान में, परियोजना के तहत, सविता ने e-Shram डेटाबेस में एक स्वच्छता कार्यकर्ता के रूप में नामांकन किया है और उनके पास एक स्वास्थ्य कार्ड भी है. 

“हमारा काम बहुत मेहनत व समय लेने वाला है. स्वास्थ्य कार्ड से मुझे और मेरे परिवार को कठिन समय में कुछ वित्तीय सुरक्षा मिल सकेगी.”

चेहरे पर मुस्कान के साथ, सविता बताती हैं कि किस तरह, उन्होंने और पड़ोस के अन्य सफ़ाई साथियों ने, नगर निगम की जल सेवा तक पहुँच प्राप्त कर ली है. “पहले पानी तक पहुँच बेहद चुनौतीपूर्ण थी, इससे मेरे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा.”

उत्थान टीम के कारण, अब हमारे पास अपना आईडी कार्ड यानि सरकारी पहचान पत्र है, जिससे हम नगर निगम के टैंकर से निशुल्क पानी प्राप्त कर सकते हैं.