वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

75वाँ सत्र: ब्रिटेन की ओछे मतभेद भुलाकर, साझा दुश्मन के ख़िलाफ़ एकजुटता की पुकार

ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन (स्क्रीन पर) का यूएन महासभा की जनरल डिबेट को वीडियो सन्देश (26 सितम्बर 2020)
UN Photo/Evan Schneider
ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन (स्क्रीन पर) का यूएन महासभा की जनरल डिबेट को वीडियो सन्देश (26 सितम्बर 2020)

75वाँ सत्र: ब्रिटेन की ओछे मतभेद भुलाकर, साझा दुश्मन के ख़िलाफ़ एकजुटता की पुकार

यूएन मामले

ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि कोविड-19 महामारी ने मानवता में अभूतपूर्व तरीक़े से एकता पैदा कर दी है. यूएन महासभा के वार्षिक 75वें सत्र के दौरान जनरल डिबेट को दिये वीडियो सन्देश में उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि अलबत्ता ये स्वास्थ्य संकट विभाजन के लिये भी एक असाधारण शक्ति साबित हुआ है.

ध्यान रहे कि इस वर्ष ये जनरल डिबेट कोविड-19 के कारण अपनाए जा रहे ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र वर्चुअल यानि डिजिटल माध्यमों के ज़रिये आयोजित की गई है जिसमें किसी भी देश या राष्ट्र के नेता व्यक्तिगत रूप से यूएन मुख्यालय नहीं पहुँचे हैं, बल्कि उनका पहले से रिकॉर्ड किया गया वीडियो सन्देश प्रस्तुत किया जा रहा है.

बोरिस जॉनसन ने अपने वीडियो सन्देश में ध्यान दिलाते हुए कहा कि वैसे तो पूरी दुनिया एक ही दुश्मन के ख़िलाफ़ लड़ रही है, मगर दोस्तों और सहयोगियों के बीच कुछ सीमाएँ भी नज़र आ रही हैं.

चूँकि देशों को चिकित्साकर्मियों द्वारा पहने जाने वाले महत्वपूर्ण ऐहतियाती उपकरणों की ख़रीद बड़ी मात्रा में करनी पड़ रही है तो भुगतान को लेकर उठे विवादों के बीच आपूर्ति श्रृंखला भी बाधित हुई है.

उन्होंने कहा, “स्पष्ट रूप में कहें तो अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का विचार व स्वरूप ही ख़ुद में बिखरा हुआ नज़र आ रहा है.”

“सीधी सी बात है कि हम इस तरह आगे नहीं बढ़ सकते.”

उन्होंने देशों के प्रतिनिधियों को मुख़ातिब करते हुए कहा कि, “सभी के साझा दुश्मन के ख़िलाफ़ एकजुट हो जाएँ”, अन्यथा हर किसी को हार का सामना करना पड़ेगा.

ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने अभूतपूर्व आर्थिक तकलीफ़ों और लगभग 10 लाख लोगों की मौत हो जाने की पृष्ठभूमि में कहा कि मानवता की ख़ातिर संयुक्त रूप से ये समझे जाने की नैतिक अनिवार्यता है कि यह महामारी किस तरह शुरू हुई और किस तरह फैली, ताकि भविष्य में इस तरह की स्थिति की रोकथाम के लिये सर्वश्रेष्ठ सामूहिक कार्रवाई व प्रयास किये जा सकें.

वैश्विक पुनर्बहाली में जान फूँकना

ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को एक ऐसी संस्था क़रार दिया जो बीमारियों के ख़िलाफ़ मानवता की अगुवाई करती है.

उन्होंने घोषणा की कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिये अगले चार वर्षों के दौरान देश के वित्तीय योगदान में 30 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी करके कुल रक़म 34 करोड़ पाउँड की जाएगी. 

ख़ुद को विज्ञान का एक प्रबल समर्थक क़रार देते हुए बोरिस जॉनसन ने कहा कि ऑक्सफ़र्ड विश्वविद्यालय में वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के प्रथम उपचार की शिनाख़्त कर ली है और दुनिया के साथ डेक्सामीथेसॉन की जानकारी सामने रखी.

ये एक ऐसी किफ़ायती औषधि है जो वैण्टिलेटर का सहारा लेने वाले मरीज़ों में मौत का ख़तरा तीन गुना तक कम करती है. इस तरह अगले छह महीनों के दौरान लगभग 14 लाख लोगों की ज़िन्दगी बचाई जा सकेगी.

उन्होंने कहा कि वैश्विक वैक्सीन गठबन्धन (गैवी) के लिये सबसे ज़्यादा धन देने वाले देश के रूप में ब्रिटेन ने, जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिये, जून में, लगभग 30 करोड़ बच्चों के टीकाकरण के लिये 9 अरब डॉलर की रक़म एकत्र करने में मदद की.

उन्होंने ये भी बताया कि इस समय लगभग 100 सम्भावित वैक्सीनें परीक्षणों व सुरक्षा मानकों के स्तर पर परखी जा रही हैं.

“लेकिन, ऐसे में, जबकि हम किसी असरदार वैक्सीन के लिये जद्दोजहद कर रहे हैं, हमें परीक्षणों में जल्दबाज़ी से बचना होगा और रफ़्तार की ख़ातिर सुरक्षा को भेंट नहीं चढ़ाया जा सकता.”

मानवता की हिफ़ाज़त

प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन धनी देशों के समूह – जी-20 की अध्यक्षता का कार्यकाल स्वास्थ्य सुरक्षा की ख़ातिर एक नया रुख़ तैयार करने के लिये करेगा, जो मानवता को एक और वैश्विक महामारी से बचाने के लिये पाँच सूत्री योजना पर आधारित होगा. 

उन्होंने कहा कि पहला उद्देश्य होगा कि किसी अन्य महामारी को शुरू होने से पहले ही रोक दिया जाए, इस रणनीति में ऐसे शोध व अनुसन्धान केन्द्रों का वैश्विक नैटवर्क तैयार किया जाएगा जो पशुओं में मौजूद ऐसे वायरस का पता लगाएँगे जो जानवरों में से निकलकर नस्लीय सीमाओं को लाँघकर इनसानों को संक्रमित कर सकते हों.

दूसरा क़दम होगा – ऐसे वायरसों या संक्रमणों को पहले से ही रोकने के लिये वैक्सीन व असरदार इलाज की क्षमता विकसित करना, इससे पहले कि वो इनसानों पर हमले कर सकें या हमले व संक्रमण होने के बाद उसकी त्वरित पहचान व उपचार किया जा सके.

उससे अगला क़दम होगा – विश्व स्तर पर किसी महामारी के बहुत शुरुआती लक्षणों के बारे में चेतावनी प्रणाली विकसित करना जो डेटा और विश्लेषण पर आधारित होगी. और अगर कोई अन्य संकट पैदा होता है तो उसकी आपदा जवाबी कार्रवाई के लिये प्रोटोकॉल यानि नियम व दिशा-निर्देश स्पष्ट हों.

और अन्ततः, उन्होंने हर देश से आग्रह किया कि दस्तानों, ऐहतियाती चिकित्सा उपकरणों, थर्मोमीटर और अन्य अति महत्वपूर्ण उत्पादों के निर्यात पर लगे प्रतिबन्ध, जहाँ तक सम्भव हो, हटाएँ जाएँ.

ब्रितानी प्रधानमन्त्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि हमें इसी तरह के किसी साझा दुश्मन के ख़िलाफ़, फिर कभी, 193 विभिन्न अभियान अलग-अलग चलाने की ज़रूरत नहीं पड़नी चाहिये.

ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री का पूरा भाषण यहाँ उपलब्ध है