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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन की 'विनाशकारी डिजिटल भविष्य' के बारे में चेतावनी

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने मंगलवार को महासभा के 74वें सत्र के उच्चस्तरीय खंड को संबोधित किया. (24 सितंबर 2019)
UN Photo/Cia Pak
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने मंगलवार को महासभा के 74वें सत्र के उच्चस्तरीय खंड को संबोधित किया. (24 सितंबर 2019)

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन की 'विनाशकारी डिजिटल भविष्य' के बारे में चेतावनी

यूएन मामले

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र के उच्च स्तरीय खंड को अपना संबोधन मुख्य रूप से आर्टिफ़िशियल इंटैलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के बढ़ते ख़तरों की तरफ़ पर केंद्रित किया. साथ ही उन्होंने ब्रेक्ज़िट का भी संक्षिप्त ज़िक्र किया जिसमें इसकी तुलना ग्रीस की एक पौराणिक कथा के साथ की.  यूरोपीय संघ की सदस्यता समाप्त करके इस ढाँचे से बाहर आने के ब्रिटेन के फ़ैसले को ब्रेक्ज़िट कहा जा रहा है. 

महासभा की वार्षिक जनरल डीबेट को संबोधित करते हुए बोरिस जॉन्सन ने कहा कि उस उभरती ताक़त की अनदेखी नहीं की जा सकती जो इस महासभा के हर सदस्य देश को प्रभावित कर रही है और उसका नाम है डिजिटलाइज़ेशन. निजता के भविष्य की बात करते हुए उन्होंने कहा कि बेशक लोग अपने दोस्तों, परिजनों, अपने डॉक्टरों और अन्य लोगों से अपने राज़ छुपाकर रख सकते होंगे लेकिन लेकिन "उन्हें गूगल से छुपाकर रखना एक बहुत मुश्किल काम बन गया है". 

इस नई टैक्नोलॉजी के चौतरफ़ा और घुसपैठिया प्रभावों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ये टैक्नोलॉजी पूरी मानवता को एक ऐसे शहरी वातावरण की तरफ़ धकेल रही है जिसमें सड़न को दबाकर रखा जाता है. इसने भविष्य में, बल्कि वर्तमान में भी हर जगह हर नागरिक को अपनी निगरानी में ले लिया है.

भविष्य की एलेक्सा इंसानों के रोज़मर्रा के जीवन के हल लम्बे और पहलू पर नज़र रखेगी. क्लाउड डेटा ने पूरी मानव जाति पर बहुत आक्रामक तरीक़े से अपना दबदबा क़ायम कर लिया है, लोगों को शायद इस पर कोई नियंत्रण ही नहीं रह जाएगा कि ये संकट कब तेज़ रफ़्तार हासिल कर लेगा. 

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने डेटा यानी सूचनाओं व जानकारियों को मौजूदा समय का एक क्रूड तेल क़रार देते हुए कहा कि ये किसी को मालूम नहीं कि ये किसकी संपत्ति है और इसका इस्तेमाल कौन कर सकते हैं.

उन्होंने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की कि मशीनें ही ये फ़ैसला करेंगी कि किसी व्यक्ति को घर ख़रीदने के लिए क़र्ज़ बीमा मिलेगा या नहीं. साथ ही उन्होंने आश्चर्य भी व्यक्त किया कि आप अलगोरिदम के सामने अपनी दलीलें कैसे पेश करें, ये समझ से बाहर है?

डिजिटल सर्वाधिकरवाद अब कोई विनाशकारी कल्पना भर नहीं बची है बल्कि कुछ देशों में तो ये बहुत तेज़ी से उभरती वास्तविकता है.

उन्होंने कहा कि बेशक ब्रिटेन टैक्नोलॉजी क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर है लेकिन कुछ देश अभी इंटरनेट के प्रभावों से अनजान हैं. इंटरनेट को उन्होंने प्रिंट तकनीक के बाद सबसे क्रांतिकारी ईजाद भी क़रार दिया. परमाणु शक्ति की ही तरह, इंटरनेट भी भलाई और तबाही दोनों ही करने की क्षमता रखता है. 

उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करने के अंदाज़ में कहा कि आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस मानव जाति के लिए एक वरदान होगी या फिर गुलाबी आँखों वाले ऐसे टर्मिनेटर पैदा करेगी जो पूरी मानव जाति को ही ख़त्म कर देंगे. 

साथ ही बोरिस जॉन्सन ने विज्ञान विरोधी निराशा वाली स्थिति का भी विरोध करते हुए कहा कि नैनोटैक्नोलॉजी और न्यूरल इंटरफ़ेस टैक्नोलॉजी का विस्तार एक बहुत ही असाधारण घटनाक्रम है. इस टैक्नोलॉजी ने बधिरों को सुनने और नेत्रहीनों को देखने की ताक़त प्रदान की है.

उन्होंने कहा कि विकासशील दुनिया में अफ्रीका में रहने वाले करोड़ों लोग अब बैंक खातें के बिना ही ऐप के ज़रिए इस अंतर को भर सकते हैं. 

बोरिस जॉन्सन ने कहा कि टैक्नोलॉजी डिज़ायन मानवता के भविष्य को जो आकार देगा उसी से या तो दमनकारी दुनिया का निर्माण होगा या फिर एक ऐसी दुनिया का जिसमें सीखने पर पाबंदी होगी और अकाल या बीमारियों का ख़तरा होगा, मगर आज़ादी तो बिल्कुल नहीं होगी.

ब्रिटेन और उसके जैसी ही दृष्टि रखने वालों के मूल्य ये हैं कि उभरती टैक्नोलॉजी आज़ादी, खुलेपन और बहुपक्षवाद को पढ़ावा दें. इसी बिंदु पर उन्होंने संयुक्त राष्ट्र का आहवान करते हुए ये गारंटी सुनिश्चित करने को कहा कि किसी को भी पीछे ना छोड़ दिया जाए. 

उन्होंने ऐसे वैश्विक सिद्धांत तैयार करने का भी आहवान किया जिनसे उभरती टैक्नोलॉजी के मानक व सिद्धांतों को आकार मिल सके. 

यूके के प्रधानमंत्री ने कहा, "ये ध्यान देने की बात है कि ब्रिटेन में यूरोप का सबसे बड़ा टैक्नोलॉजी सैक्टर है जिसमें लगभग 5 लाख लोग काम करते हैं. " उन्होंने सदस्य देशों से लंदन में 2020 में होने वाले टैक्नोलॉजी सम्मेलन में शिरकत करने का न्यौता भी दिया.