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यूक्रेन

युद्ध, यूक्रेन के बच्चों और उनके परिवारों के लिए विनाशकारी साबित हुआ है.
© UNICEF

यूक्रेन में बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का पहाड़

युद्धग्रस्त यूक्रेन मेंबच्चे पिछले दो वर्षों के दौरानहवाई हमलों के डर से 3,000 से 5,000 घंटे, यानि लगभग चार से 7 महीने, भूमिगत स्थलों में स्थित आश्रयों में बिताने के लिए मजबूर रहे हैं, जिससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पहाड़ जैसा असर पड़ा है.

यूक्रेन में दो साल के युद्ध से, जान-माल का भीषण विनाश हुआ है.
© UNOCHA/Alina Basiuk

यूक्रेन युद्ध के दो साल: 'यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था'

यूक्रेन में शान्ति अब भी एक दूर की सम्भावना लगती हैलेकिन हज़ारों संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी वहाँ मुस्तैदी से लोगों की मदद करना जारी रखे हुए हैं. यहाँ तक ​​​​कि रोज़ाना हो रहे हमलों का निशाना बन रहे सीमावर्ती क़स्बों में भी. रूस ने 24 फ़रवरी को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने का आक्रमण शुरू किया था. इसमें अब तक 40 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैंऔर 60 लाख देश छोड़कर जा चुके हैं. बड़े पैमाने पर बुनियादी ढाँचेस्वास्थ्य क्लीनिक व स्कूल क्षतिग्रस्त हुए हैं. देश में संयुक्त राष्ट्र की रैज़िडेंट कोऑर्डिनेटर डेनिस ब्राउन ने, इस युद्ध के दो साल होने के अवसर पर, यूएन न्यूज़ के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा है कि वहाँ कर्मचारियों एवं नागरिकों के लिए मौजूद ख़तरों के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता जारी रखेगा.

यूक्रेन में युद्ध के कारण बड़ी संख्या में बच्चों और उनके परिजनों को चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.
© UNICEF/Aleksey Filippov

यूक्रेन: रूसी आक्रमण का एक वर्ष (वीडियो)

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण को, 24 फ़रवरी 2023 को एक वर्ष पूरा हो रहा है. पिछले एक साल में पीड़ा और तबाही गहरी हुई है, और यह स्पष्ट है कि हालात अब भी बद से बदतर हो सकते हैं. (वीडियो)

तुर्कीये के इस्तान्बूल शहर में - काला सागर अनाज निर्यात समझौते पर दस्तख़त किये जाने के दौरान, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएँ) और तुर्कीये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप अर्दोगान (दाएँ) 22 जुलाई 2022.
UNIC Ankara/Levent Kulu

‘काला सागर अनाज पहल’ के बारे में 5 अहम तथ्य

फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस का आक्रमण शुरू होने के बाद, यूक्रेन से अनाज और रूस से खाद्य वस्तुओं व उर्वरकों की आपूर्ति पर भीषण असर हुआ. आपूर्ति में आए इस व्यवधान की वजह से दुनिया भर में क़ीमतों में भारी उछाल दर्ज किया गया, जिसकी वजह से विश्व में खाद्य संकट जैसे हालात भी पनपने लगे. इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र और तुर्कीये के मध्यस्थता प्रयासों के फलस्वरूप ‘काला सागर अनाज पहल’ वजूद में आई जिसके ज़रिये, यूक्रेन से दुनिया भर में खाद्य सामग्री व उर्वरक निर्यात को सम्भव बनाने के लिये प्रयास किये गए. इसी पहल के विषय में कुछ अहम जानकारी… (वीडियो).

यूनीसेफ़ सदभावना दूत और अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा, यूक्रेनी शरणार्थियों से मुलाक़ात करते हुुए.
UNICEF

यूनीसेफ़ की सदभावना दूत, प्रियंका चोपड़ा की यूक्रेनी शरणार्थियों से भेंट

यूनीसेफ़ की सदभावना दूत, प्रियंका चोपड़ा जोनास की यूक्रेनी शरणार्थियों से मुलाक़ात

तुर्कीये के इस्तान्बूल शहर में - काला सागर अनाज निर्यात समझौते पर दस्तख़त किये जाने के दौरान, यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश(बाएँ) और तुर्कीये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप अर्दोगान (दाएँ) 22 जुलाई 2022.
UNIC Ankara/Levent Kulu

'काला सागर अनाज निर्यात समझौता', पूरी दुनिया के लिये 'एक प्रकाश स्तम्भ', गुटेरेश

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को कहा है कि काला सागर के ज़रिये यूक्रेन के अनाज का निर्यात फिर शुरू करने के बारे में हुआ समझौता एक ऐसी दुनिया में “आशा का एक प्रकाश स्तम्भ” जिसकी दुनिया को बहुत ज़्यादा आवश्यकता है. यूएन प्रमुख ने तुर्कीये के इस्तान्बूल शहर में इस समझौते पर दस्तख़त किये जाने के अवसर पर ये बात कही.