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साक्षात्कार

UNICEF/Vishwanathan

कोविड-19: शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें महिलाएं

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र तालाबंदी होने से महिलाओं की मुश्किलें बढ़ी हैं लेकिन उन्हें पारिवारिक ज़रूरतों के साथ-साथ अपने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान भी रखना होगा.

यह कहना है यूएन वीमेन संस्था की भारत में उपप्रतिनिधि निष्ठा सत्यम का, जिन्होंने कोविड-19 के कारण उपजी चिंताओं से निपटने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की अहमियत पर बल दिया है. 

दिल्ली में हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने उपप्रतिनिधि निष्ठा सत्यम से बात की और सबसे पहले जानना चाहा कि कोविड-19 के कारण तालाबंदी से महिलाएं किस तरह प्रभावित हुई हैं. 
 

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संदीप दत्ता

कोविड-19: भारत में ऐहतियाती उपायों का जनता पर असर

वैश्विक महामारी कोविड-19 का मुक़ाबला करने के प्रयासों में भारत ने भी अनेक क़दम उठाए हैं. इनमें एक प्रमुख क़दम देश भर में 21 दिनों के लिए पूर्ण तालाबंदी करने की घोषणा भी है. भारत जैसे घनी आबादी वाले देश में इस तरह के ऐहतियाती उपाय कितने कारगर साबित होंगे और दुनिया के दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में ग्रामीण इलाक़ों और हाशिए पर रहने वाले लोगों पर क्या असर पड़ेगा. 

कुछ इसी तरह के सवालों के साथ यूएन न्यूज़ हिन्दी की अंशु शर्मा ने भारत में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष के एक पदाधिकारी डॉक्टर नीलेश देशपाँडे से बातचीत की.

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UN India

कोविड-19 से डरें नहीं, एलर्ट रहें

विश्व भर में कोरोनावायरस (कोविड-19) संक्रमण के बढ़ते मामलों से दुनिया के माथे पर चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं.

लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारत कार्यालय में नेशनल प्रोफ़ेशनल ऑफ़िसर डॉक्टर पंकज भटनागर का कहना है कि लोगों को इस वायरस के संक्रमण से डरने की बजाय एलर्ट रहने और एहतियात बरतने की आवश्यकता है. सावधानी और सतर्कता के ज़रिए वायरस से संक्रमित होने से बचा जा सकता है.  

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