वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

इसराइल द्वारा फ़लस्तीनी जन को यातना दिए जाने के 'अनेकानेक आरोप'

यूएन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, यातना पर विशेष रैपोर्टेयर, एलिस जिल एडवर्ड्स.
UN News
यूएन न्यूज़ के साथ एक साक्षात्कार में, यातना पर विशेष रैपोर्टेयर, एलिस जिल एडवर्ड्स.

इसराइल द्वारा फ़लस्तीनी जन को यातना दिए जाने के 'अनेकानेक आरोप'

मानवाधिकार

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स ने गुरूवार को इसराइल सरकार से, 7 अक्टूबर के बाद से बन्दी बनाए गए फ़लस्तीनी लोगों का उत्पीड़न और अन्य अपमानजनक बर्ताव किए जाने के अनेकानेक आरोपों की जाँच कराने का आग्रह किया है.

यातना पर विशेष रैपोर्टेयर ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स ने ज़ोर देकर कहा है कि जिस किसी भी व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से वंचित किया गया हो, उसके साथ मानवीय बर्ताव किया जाना ज़रूरी है.

उन्होंने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा, “उन्हें अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकारों और मानवीय क़ानून के तहत तमाम ज़रूरी संरक्षण मुहैया कराए जाने होंगे, उन्हें बन्दी बनाए जाने के चाहे कोई भी हालात हों.”

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त मानवाधिकार विशेषज्ञ ने कहा कि उन्हें इस तरह के आरोप प्राप्त हुए हैं कि बन्दी बनाए गए लोगों को पीटा गया है, उनकी आँखों पर पट्टी बान्ध कर उन्हें छोटी कोठरियों में रखा गया है, और लम्बे समय तक हथकड़ियाँ लगाकर रखा गया है, उन्हें नीन्द से वंचित रखा गया है, और शारीरिक व यौन हिंसा की धमकियाँ दी गई हैं.

कुछ अन्य रिपोर्ट्स में बताया गया है कि क़ैदियों को अपमानित किया गया है और उनसे आत्म-सम्मान को चोट पहुँचाने वाले कृत्य कराए गए हैं, मसलन अपमानजनक परिस्थितियों में फ़ोटो खींचना और उनकी फ़िल्म बनाना इत्यादि. 

इनके अलावा बारीक रस्सियों से हाथों को बान्धे जाने से, उनके हाथ घायल होने की भी ख़बरें मिली हैं.

जवाबदेही ग़ायब

स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स ने कहा है, “मैं विशेष रूप से इस पर चिन्तित हूँ कि मानवाधिकार हनन का ये बढ़ता चलन, जवाबदेही और पारदर्शिता की अनुपस्थिति, आगे भी फ़लस्तीनी जन के साथ, उनके आत्म सम्मान को चोट पहुँचाने वाला और अपमानजनक बर्ताव का खुला माहौल बना रही है.”

विशेष रैपोर्टेयर ने कहा कि ऐसा अनुमान है कि हमास व अन्य फ़लस्तीनी सशस्त्र गुटों द्वारा, 7 अक्टूबर (2023) को इसराइल के दक्षिणी इलाक़े में समुदायों पर घातक हमलों और उसके बाद ग़ाज़ा में शुरू हुए इसराइली हमलों के दौरान, ग़ाज़ा, पूर्वी येरूशेलम सहित पश्चिमी तट से हज़ारों फ़लस्तीनी जन को बन्दी बनाया गया है, जिनमें कुछ बच्चे भी हैं.

विशेष रैपोर्टेयर, जिनीवा स्थित मानवाधिकार परिषद द्वारा, किसी मानवाधिकार स्थिति या किसी देश की स्थिति की निगरानी करके, रिपोर्ट सौंपने के लिए नियुक्त किए जाते हैं. ये मानवाधिकार विशेषज्ञ संयुक्त राष्ट्र और किसी देश की सरकारों से स्वतंत्र होते हैं, वो यूएन स्टाफ़ नहीं होते हैं और ना ही उनके काम के लिए, उन्हें संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन मिलता है.

स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ऐलिस जिल ऐडवर्ड्स के साथ, यूएन न्यूज़ की बातचीत के कुछ अंश यहाँ सुने जा सकते हैं:

Soundcloud