यातना

यूक्रेन युद्ध में ख़ारकीव में विनाश का एक दृश्य.
© UNOCHA/Matteo Minasi

यूक्रेन: रूस द्वारा यातनाएँ, हमले, मानवता के विरुद्ध सम्भावित अपराध

यूक्रेन युद्ध की जाँच के लिए गठित स्वतंत्र आयोग ने गुरूवार को प्रकाशित अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि रूस सरकार ने अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून और अन्तरराष्ट्रीय मानव कल्याण क़ानून के हनन के अनेक मामलों को अंजाम दिया है. स्वतंत्र जाँच आयोग के अनुसार, यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों में दर्ज किए गए, अनेक हनन मामलों को युद्ध अपराधों की श्रेणी में रखा जा सकता है.  

यूक्रेन में यातनापूर्ण बर्ताव का पीड़ित एक व्यक्ति.
UN Human Rights Monitoring Mission in Ukraine/UNHCHR

बहुत सारे देश यातना के मामलों की जाँच करने में विफल: यूएन विशेषज्ञ

संयुक्त राष्ट्र की एक स्वतंत्र विशेषज्ञ ऐलिस एडवर्ड्स ने मानवाधिकार परिषद में कहा है कि देशों को, अत्याचार के मामलों में, दंड मुक्ति ख़त्म करने व न्याय दिलाने के लिए, पीड़ितों की ओर से "प्राथमिक कार्रवाई" करने की ज़रूरत है.

लीबिया के त्रिपोली शहर में टीबी से पीड़ित एक सूडानी शरणार्थी.
UNOCHA/Giles Clarke

लीबिया: प्रवासियों के मानवाधिकारों का गम्भीर उल्लंघन, OHCHR ने जताया गहरा क्षोभ

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि लीबिया में प्रवासियों के मानवाधिकारों का व्यापक व व्यवस्थागत उल्लंघन, देश के भीतर व बाहर उपलब्ध संरक्षण उपायों के अभाव में और अधिक गहरा हुआ है. इस वजह से, प्रवासियों को ऐसी परिस्थितियों में अक्सर अपने मूल देश लौटने के लिये सहायता स्वीकार करने के लिये मजबूर होना पड़ता है, जोकि अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों व मानकों के अनुरूप नहीं हैं.

यूक्रेन में एक स्कूल की उप प्राचार्य ने, बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए अपने स्कूल के बेसमेंट में शरण ली है.
© UNICEF/Ashley Gilbertson

'यूक्रेन में युद्धापराध किये गए हैं', यूएन जाँच आयोग की रिपोर्ट

यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के लगभग सात महीने बाद, संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार जाँचकर्ताओं ने कहा है कि हिंसक संघर्ष के दौरान निश्चित रूप से युद्धापराध किये गए हैं.

वर्ष 2021 के पहले छह महीनों में, यूएन खाद्य कार्यक्रम ने अफ़ग़ानिस्तान में 55 लाख लोगों तक राहत पहुंचाई है.
WFP

अफ़ग़ानिस्तान: जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये यूएन मानवीय राहत विमान सेवा

संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहत वायु सेवा ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान के विभिन्न प्रान्तों में ज़रूरतमन्द लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाने के लिये उड़ानें फिर शुरू की जाएँगी. विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) द्वारा संचालित इन उड़ानों से 160 राहत संगठनों के कामकाज को जारी रखने में मदद मिलेगी.

इथियोपिया, एरीट्रिया और सोमालिया के प्रवासियों व शरणार्थियों के लिये, जिबूती एक महत्वपूर्ण मंज़िल है.
IOM/Alexander Bee

तस्करी के दौरान प्रवासियों के साथ हिंसा - पीड़ितों को नहीं मिल पाता न्याय

मादक पदार्थों एवँ अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि सीमा-पार तस्करी के दौरान प्रवासियों को अक्सर हिंसा, यातना, बलात्कार और अपहरण का शिकार होना पड़ता है, मगर अधिकाँश मामलों में पुख़्ता जाँच और न्याय का अभाव है. 

एक जेल का दृश्य
© UNICEF/Rajat Madhok

ईरान: राजनैतिक क़ैदी को, चिकित्सा आधार पर, रिहा करने का आग्रह

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने मंगलवार को ईरान सरकार से राजनैतिक कार्यकर्ता मोहम्मद नूरीज़ाद को तत्काल रिहा किये जाने का आग्रह किया है. ख़बरों के अनुसार, उपयुक्त चिकित्सा देखभाल के अभाव में, मोहम्मद नूरीज़ाद के  गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार होने, यहाँ तक कि, उनकी मृत्यु होने की भी आशंका जताई गई है.

यूक्रेन में यातनापूर्ण बर्ताव का पीड़ित एक व्यक्ति.
UN Human Rights Monitoring Mission in Ukraine/UNHCHR

यातना पर पाबन्दी लगाने के लिये 'संकल्प का अभाव'

संयुक्त राष्ट्र के एक स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञ ने कहा है कि यातना और क्रूर बर्ताव के अन्य रूपों पर पाबन्दी लगाए जाने के लिये सरकारों ने फ़िलहाल ऐसा संकल्प नहीं दिखाया है, जिस पर भरोसा किया जा सके. दुनिया भर में यातना से जुड़े मामलों की निगरानी के लिये नियुक्त, यूएन के विशेष रैपोर्टेयर निल्स मेल्ज़र ने मानवाधिकार परिषद के समक्ष अपनी नई रिपोर्ट पेश की है. 

यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त, मिशेल बाशेलेट. (फ़ाइल फ़ोटो)
UN Photo/Laura Jarriel

बांग्लादेश: हिरासत में रखे गए लेखक की मौत की पारदर्शी जाँच की माँग 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने बांग्लादेश में अदालती कार्रवाई शुरू होने से पहले, 9 महीने तक हिरासत में रखे गए एक लेखक मुश्ताक़ अहमद की मौत की पारदर्शी जाँच कराए जाने की मांग की है. लेखक मुश्ताक़ अहमद को कोविड-19 पर सरकार की जवाबी कार्रवाई की आलोचनात्मक टिप्पणियाँ, सोशल मीडिया पर साझा करने और एक लेख प्रकाशित करने के लिये हिरासत में लिया गया था. 

यातना और बुरे बर्ताव पर अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत पाबन्दी है.
Photo: IRIN

इसराइल से आग्रह, यातना और दुर्व्यवहार के लिये दण्डमुक्ति ख़त्म हो

संयुक्त राष्ट्र के स्वतन्त्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने सोमवार को एक बयान जारी किया है जिसमें इसराइल से यातना और बुरे बर्ताव के मामलों के दोषियों की जवाबदेही तय किये जाने का आग्रह किया गया है. अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत अमानवीय, अपमानजनक और क्रूर बर्ताव पर सार्वभौमिक पाबन्दी है.