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ग़ाज़ा: अस्थाई बन्दरगाह के ज़रिये सहायता आपूर्ति का स्वागत, मगर 'सड़क मार्ग अहम'

ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए अमेरिकी सेना ने एक अस्थाई, तैरता हुआ बन्दरगाह तैयार किया है.
© US Army Central
ग़ाज़ा में मानवीय सहायता की आपूर्ति के लिए अमेरिकी सेना ने एक अस्थाई, तैरता हुआ बन्दरगाह तैयार किया है.

ग़ाज़ा: अस्थाई बन्दरगाह के ज़रिये सहायता आपूर्ति का स्वागत, मगर 'सड़क मार्ग अहम'

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी कार्यालय (OCHA) ने बताया है कि ग़ाज़ा पट्टी में बेहद ज़रूरी सहायता आपूर्ति को अमेरिकी सेना द्वारा निर्मित एक अस्थाई, तैरते हुए बन्दरगाह तक ट्रकों में लाद करके पहुँचाया जा रहा है. मगर, आम नागरिकों की विशाल आवश्यकताओं के मद्देनज़र यह पर्याप्त नहीं है और सड़क मार्ग पर चौकियों को खोले जाने की ज़रूरत है. 

यूएन एजेंसी ने शुक्रवार को चेतावनी जारी की है कि समुद्री मार्ग कॉरिडोर, महत्वपूर्ण भूमि मार्गों की जगह नहीं ले सकता है, चूँकि ये सड़क मार्ग युद्ध प्रभावित ग़ाज़ा में मानवीय सहायता पहुँचाने का सबसे तेज़ और कारगर ज़रिया है.

पिछले सात महीनों से जारी लड़ाई के कारण यहाँ 20 लाख से अधिक फ़लस्तीनियों को भोजन, शरण व अन्य प्रकार की सहायता की ज़रूरत है.

OCHA के प्रवक्ता येन्स लार्क ने जिनीवा में पत्रकारों को कहा कि किसी भी मार्ग से, ग़ाज़ा में किसी भी प्रकार की मदद का स्वागत है. मगर, यह बात भी है कि सड़क मार्ग व चौकियों के ज़रिये इन्हें पहुँचाया जाना कहीं अधिक अहम है. 

अमेरिकी सेना की केन्द्रीय कमांड ने घोषणा की है कि सहायता सामग्री से लदे ट्रकों ने शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे बन्दरगाह पर पहुँचना शुरू किया है, और कोई सैन्य टुकड़ी वहाँ नहीं भेजी गई है.

अस्थाई व्यवस्था

इस तैरते हुए, अस्थाई बन्दरगाह को ग़ाज़ा के तट पर बनाने की वजह, अधिकाँश सीमा चौकियों का बन्द होना और वहाँ पसरी असुरक्षा है. इन हालात में इसे ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी तक मानवीय सहायता पहुँचाए जाने के एक अतिरिक्त मार्ग के रूप में देखा गया है.  

संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उपप्रवक्ता फ़रहान हक़ ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क मुख्यालय में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि उनका संगठन ग़ाज़ा में मदद पहुँचाने के किसी भी प्रयास का स्वागत करता है.

उन्होंने अमेरिका, साइप्रस समेत अन्य सदस्य देशों के समर्थन के प्रति आभार प्रकट किया, ताकि ग़ाज़ा में सहायता पहुँचाने के लिए एक अतिरिक्त मार्ग, समुद्री कॉरीडोर को बनाए रखा जा सके.

यूएन प्रवक्ता ने कहा कि सम्बद्ध पक्षों के साथ कई महीनों के विचार-विमर्श के बाद, यूएन ने इस अस्थाई केन्द्र से ग़ाज़ा में मदद पहुँचाने का प्रबन्ध करने के लिए सहमति व्यक्त की है. 

इस क्रम में, मानवतावादी अभियानों की तटस्थता और स्वतंत्रता के सिद्धान्तों का सम्मान किया जाना होगा. 

'सभी सीमा चौकियाँ खोलिए'

OCHA प्रवक्ता के अनुसार, यूएन एजेंसियाँ अपनी तैयारी योजनाओं को अन्तिम रूप दे रही हैं, ताकि तैरते हुए, अस्थाई बन्दरगाह पर कामकाज सुचारू रूप से शुरू होने की स्थिति में राहत प्रबन्धन किया जा सके.

उन्होंने सहायता प्रयासों में जुटे मानवीय राहत कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया. “सामुदायिक जागरूकता और स्वीकार्यता, इस अभियान की सुरक्षा व संरक्षा के लिए सर्वोपरि है.”

मगर, उन्होंने ध्यान दिलाया कि ग़ाज़ा में ज़रूरतमन्दों तक मदद पहुँचाने के लिए एक अस्थाई केन्द्र पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, और यह सर्वाधिक ज़रूरतों वाले इलाक़े से दूर स्थित है.

येन्स लार्क ने कहा कि सहायता वितरण के लिए सड़क मार्ग, सबसे व्यावहारिक, कारगर और दक्ष तरीक़ा है, और इसलिए सभी सीमा चौकियों को खोला जाना ज़रूरी है.