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यमन: आमजन की पीड़ा पर गहरी चिन्ता, सतत शान्ति प्रयासों की पुकार

यमन में पिछले कई वर्षों से जारी हिंसक टकराव के कारण बड़ी संख्या में लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.
© UNICEF/Waleed Qadari
यमन में पिछले कई वर्षों से जारी हिंसक टकराव के कारण बड़ी संख्या में लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है.

यमन: आमजन की पीड़ा पर गहरी चिन्ता, सतत शान्ति प्रयासों की पुकार

शान्ति और सुरक्षा

पिछले एक दशक से हिंसक टकराव से जूझ रहे यमन में आम नागरिक अब भी गहरी पीड़ा से जूझ रहे हैं और देश में हैज़ा के बढ़ते प्रकोप के कारण हालात और बिगड़ रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवीय सहायता अधिकारी ने सोमवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए सदस्य देशों को देश में हालात से अवगत कराया.

मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि यमन में शान्ति स्थापना के लिए निरन्तर प्रयास किए जाने की आवश्यकता है. 

“यमन में हिंसक टकराव, मानवतावादी आवश्यकताओं का मुख्य वाहक रहा है. इसने देश की अर्थव्यवस्था को गहराई तक कमज़ोर किया है, आधी संख्या में स्वास्थ्य केन्द्रों को बर्बाद किया है, लाखों को विस्थापित किया है, और इन परिस्थितियों में भूख व बीमारियों को हवा दी है.”

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यूएन के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश में हैज़ा बीमारी बड़े पैमाने पर फैल रही है, जिससे ये चुनौतियाँ और जटिल हो गई हैं. 

अब तक 40 हज़ार से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं और इस रोग के कारण मृतक संख्या बढ़ रही है. इससे हूती विद्रोहियों (अंसार अल्लाह गुट) के नियंत्रण वाले इलाक़े अधिक प्रभावित हुए हैं, जहाँ हर दिन सैकड़ों नए संक्रमणों की पुष्टि हो रही है.

यूएन एजेंसी ने चिन्ता जताई है कि आने वाले दिनों में मूसलाधार बारिश और बाढ़ के कारण हालात और गम्भीर रूप धारण कर सकते हैं.

ग़ाज़ा युद्ध की छाया

यमन के लिए यूएन महासचिव के विशेष दूत हैंस ग्रुंडबर्ग ने सदस्य देशों को बताया कि पिछले वर्ष दिसम्बर महीने में, यमन सरकार और अंसार अल्लाह गुट के बीच संकल्पों के एक पुलिन्दे पर सहमति बनी थी, जिनमें राष्ट्रव्यापी युद्धविराम भी था.

इन संकल्पों का लक्ष्य यमनी नागरिकों के लिए मानवीय सहायता सुनिश्चित करना और हिंसक टकराव की समाप्ति के लिए एक समावेशी राजनैतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाना था.

मगर, ग़ाज़ा पट्टी में जारी लड़ाई और क्षेत्रीय अस्थिरता के कारण चुनौतियाँ बरक़रार हैं. इस बीच अंसार अल्लाह गुट ने अपने हमलों का दायरा बढ़ाने की धमकी दी है जोकि चिन्ताजनक है.

प्रगति की रक्षा ज़रूरी

मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने ज़ोर देकर कहा कि क्षेत्र में अन्य टकरावों और उनसे उपजने वाले असर के मद्देनज़र यह ज़रूरी है कि यमन में अब तक हुई प्रगति की रक्षा की जाए.

“हम लाल सागर के इर्दगिर्द वैश्विक व्यापार में आए व्यवधान की वजह से यमन में शान्ति प्रयासों को विफल नहीं होने दे सकते हैं.”

यूएन अवर महासचिव ने यमनी नागरिकों की स्थिति पर चिन्ता जताते हुए हालात में बेहतरी लाने के इरादे से अन्तरराष्ट्रीय समर्थन की पुकार लगाई है.

उन्होंने कहा कि क़रीब 10 वर्षों से जारी इस हिंसक टकराव के बाद, यमन के लोगों को राहत की दरकार है. इस क्रम में, उन्होंने आमजन की रक्षा करने, मानवीय सहायता मार्ग की सुलभता सुनिश्चित करने, और सतत शान्ति की दिशा में क़दम बढ़ाने पर बल दिया.