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भारी बारिश और बाढ़ से रोहिंज्या शरणार्थियों की मुश्किलें बढ़ीं

म्याँमार से बचकर भागे रोहिंज्या शरणार्थी बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में भी अक्सर मौसम की मार जैसी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.
IOM/Mohammed
म्याँमार से बचकर भागे रोहिंज्या शरणार्थी बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में भी अक्सर मौसम की मार जैसी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं.

भारी बारिश और बाढ़ से रोहिंज्या शरणार्थियों की मुश्किलें बढ़ीं

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने कहा है कि बांग्लादेश के कॉक्सेज़ बाज़ार शरणार्थी शिविर में रह रहे रोहिंज्या शरणार्थियों के सामने भारी बारिश के बाद बाढ़ का ख़तरा पैदा हो गया है और वहाँ बने हुए स्कूलों और शिक्षा केंद्रों को नुक़सान पहुँचने से हज़ारों बच्चों की शिक्षा भी बाधित हो गई है.

कॉक्सेज़ बाज़ार शरणार्थी शिविर बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में स्थित है. वहाँ पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई भारी बारिश से भूस्खलन भी हुआ है.

इन हालात से लगभग 4 हज़ार परिवार प्रभावित हुए हैं और उनमें से बहुत से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है.

बांग्लादेश में यूनीसेफ़ प्रतिनिधि एलैन बालैंडी डॉमसैम के अनुसार, “भीषण मौसम की वजह से शरणार्थी शिविर में स्थिति बहुत ख़राब हो रही है. इससे वो समुदाय भी प्रभावित हो रहे हैं जिन्होंने शरणार्थियों को पनाह दी हुई है. इन परिस्थितियों के कारण आने वाले दिनों में मानवीय आवश्यकताएँ और ज़्यादा बढ़ेंगी क्योंकि अभी और ज़्यादा बारिश होने का अनुमान है.”

“यूनीसेफ़ ने अपने पार्टनर संगठनों के साथ मिलकर प्रभावित बच्चों और परिवारों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाई है. इसमें पानी को साफ़ करने वाली गोलियाँ और प्लास्टिक चादरें शामिल हैं.”

ख़बरों के अनुसार भारी बारिश की वजह से सात वर्ष का एक बच्चा पानी में बह गया और दो अन्य बच्चे घायल हो गए.

बच्चों के लिए अति महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचागत सुविधाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.

यूनीसेफ़ की मदद से चलाए जा रहे कम से कम पाँच शिक्षा केंद्रों को अभी तक भारी बारिश के कारण व्यापक नुक़सान पहुँचा है. लगभग 750 शिक्षा केंद्रों को भी आंशिक हानि हुई है.

इस कारण लगभग साठ हज़ार बच्चों की शिक्षा हासिल करने की गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं.

भारी बारिश से कम से कम 12 बाल संरक्षण केंद्रों को भी नुक़सान पहुँचा है और खेलकूद का एक मैदान तो पूरी तरह बारिश के पानी में डूब गया है.

लगभग 47 जल वितरण केंद्र व नैटवर्क और 600 से ज़्यादा शौचालय या तो बुरी तरह प्रभावित हुए हैं या बिल्कुल ध्वस्त हो गए हैं.

इससे डायरिया होने का ख़तरा बढ़ गया है, विशेष रूप से बच्चों को क्योंकि बच्चों की रोग प्रतिरोधी क्षमता कमज़ोर होती है.

यूनीसेफ़ के कॉक्सेज़ बाज़ार के कार्यकारी प्रमुख बर्टा ट्रैवियैसो का कहना था, “बारिश जारी रहने से उन इलाक़ों में गंदगी बढ़ने का ख़तरा पैदा हो गया है और लोग, ख़ासतौर से बच्चे पानी की गंदगी से फैलने वाली बीमारियों का शिकार होने लगे हैं.”

“बच्चों और परिवारों को इन बीमारियों से बचाने के लिए बहुत ज़रूरी है कि उन सबको स्वच्छ पानी और साफ़-सफ़ाई रखने की चीज़ें उपलब्ध कराई जाएँ.”

यूनीसेफ़ और उसके पार्टनर संगठनों ने प्रभावित इलाक़ों में हुए नुक़सान की मरम्मत शुरू कर दी है, इनमें जल आपूर्ति और स्वच्छता सेवाएँ शामिल हैं. साथ ही क्षतिग्रस्त हुए शिक्षा केंद्रों की भी मरम्मत की जा रही है ताकि बच्चों की शिक्षा गतिविधियाँ प्रभावित ना हों.

शरणार्थी शिविरों में बच्चों और महिलाओं को ज़रूरत पड़ने पर स्वास्थ्य संबंधी सेवाएँ मुहैया कराने के लिए सचल चिकित्सा और पोषण टीमें तैयार रखी गई हैं.

कोक्सेज़ बाज़ार में लगभग पाँच लाख लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत है.

यूनीसेफ़ ने वर्ष 2019 के दौरान शरणार्थी बच्चों और प्रभावित मेज़बान समुदायों को सहायता पहुँचाने का काम जारी रखने के लिए क़रीब सवा 15 करोड़ डॉलर की रक़म इकट्ठा करने की अपील की है.

फिलहाल, ये सहायता गतिविधियाँ चलाने के लिए क़रीब छह करोड़ 67 लाख डॉलर की रक़म की कमी पड़ रही है.