क्या डॉमिनिका में 100% नवीकरणीय ऊर्जा का समाधान, धरती के भीतर मौजूद है?
दुनिया भर के अनेक देशों ने, अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवीकरणीय स्रोतों की राह पकड़ ली है. पूर्वी कैरीबियाई क्षेत्र में स्थित डॉमिनिका भी इन्हीं देशों की सूची में शामिल होने की तैयारी में है, और शीघ्र ही ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधन के उपयोग का पूर्ण ख़ात्मा करने वाला पहला लघु द्वीपीय विकासशील देश (SIDS) बन जाएगा.
ज़्यादातर लघु द्वीपीय विकासशील देश (SIDS), अपने ऊर्जा उत्पादन व परिवहन ज़रूरतों के लिए आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भर हैं, जिससे उनके संसाधनों पर अनावश्यक बोझ पड़ता है और अन्तरराष्ट्रीय ईंधन बाज़ारों की मुश्किलों के सम्पर्क में आने से, उनकी ऊर्जा सुरक्षा कमज़ोर पड़ जाती है.
लेकिन डॉमिनिका की राजधानी रोसो के पास स्थित लोकप्रिय पर्यटन स्थल रोसो घाटी के ठीक नीचे एक बेहद शक्तिशाली स्वच्छ ऊर्जा स्रोत दोहन की प्रतीक्षा में है. यह स्रोत, न केवल स्वच्छ व पूर्णत: नवीकरणीय योग्य है, बल्कि इतनी ऊर्जा उत्पादन क्षमता रखता है कि बची हुई बिजली पड़ोसी द्वीपों को भी बेची जा सकती है.
यह है जियोथर्मल ऊर्जा यानि भू-तापीय ऊर्जा – और इस देश के लिए यह एक उत्साहवर्धक सम्भावनाएँ पेश करती है. जियोथर्मल ऊर्जा में, पवन एवं सौर ऊर्जा का तरह व्यवधान नहीं आता – यानि इससे लगातार दिन-रात ऊर्जा उत्पादन होना सम्भव होता है – और इसके लिए किन्हीं ढाँचों का निर्माण करने की आवश्यकता नहीं पड़ती, जिससे रोसो घाटी की सुन्दरता पर भी किसी तरह की आँच आने का जोखिम नहीं है.
उच्च-दबाव की तकनीक का उपयोग
इसके लिए, भूतल पर गहराई तक पाइप ड्रिल किए जाते हैं, जब तक वो “जियोथर्मल जलाशयों” तक न पहुँच जाएँ. इन जियोथर्मल जलाशयों में, पृथ्वी की भूमिगत गर्मी से लगभग 250 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होने वाले जल का संचय होता है.
डॉमिनिका चूँकि एक ज्वालामुखीय कटक के ऊपर स्थित है, इसलिए यह ताप सतह के काफ़ी क़रीब है. जलाशयों तक पहुँचने पर उच्च दबाव के कारण, पाइपों के ज़रिए जल बाहर निकल आता है, जहाँ इसे भाप में बदलकर, बिजली के उत्पादन के लिए टर्बाइन चलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
सरकार के डॉमिनिका जियोथर्मल विकास निगम के प्रमुख फ़्रैड जॉन ने बताया, "हमें रोसे घाटी में लगभग एक हज़ार मीटर नीचे एक उत्कृष्ट भू-तापीय जलाशय मिला है. हमने दो कुएँ बनाए - एक गर्म पानी निकालने के लिए और दूसरा पानी वापस जलाशय में डालने के लिए – यानि जल वापस स्रोत में ही पहुँच जाता है. इसलिए यह तकनीक पर्यावरण के सर्वाधिक अनुकूल एवं नवीकरणीय ऊर्जा की श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ मानी जा सकती है.''
दशकों से डॉमिनिका की सरकार को विश्वास रहा है कि भू-तापीय ऊर्जा, आजीविकाओं में अहम बदलाव का कारक बन सकती है, जिससे देश में किफ़ायती व स्वच्छ बिजली की आपूर्ति की जा सकती है. वर्तमान में, बिजली उत्पादन मुख्यत: महंगे आयातित डीज़ल पर निर्भर है. केवल बहुत थोड़ी मात्रा में जल, पवन व सौर ऊर्जा स्रोतो द्वारा बिजली की आपूर्ति की जाती है.
बदलाव के दशक की शुरुआत
विदेश मामलों, अन्तरराष्ट्रीय व्यवसाय, व्यापार और ऊर्जा मंत्री विंस हेंडरसन कहते हैं, "1969 से ही डॉमिनिका इस ऊर्जा स्रोत की सम्भावनाएँ तलाश करने में लगा है. संयुक्त राष्ट्र की मदद से किए गए अध्ययनों से मालूम हुआ है कि हमारे पास द्वीप को बिजली देने की क्षमता मौजूद है. 1974 में जियोथर्मल विकास निगम की स्थापना के समय से ही हम इस क्षमता के दोहन का सपना साकार करने के प्रयासों में लगे हैं.”
परीक्षण के लिए कुएँ खोदने हेतु आवश्यक धनराशि जुटाने में सरकार को लगभग चार दशक लग गए. लेकिन अन्तत: इससे पुष्टि हो गई कि भू-तापीय ऊर्जा व्यावसायिक रूप से लाभदायक रहेगी, और अतिरिक्त बिजली को पड़ोसी मार्टीनिक एवं ग्वाडेलोपे द्वीपों को बेचना भी सम्भव होगा.
विंस हेंडरसन ने कैरीबियाई विकास बैंक, अमेरिकी विकास बैंक, विश्व बैंक तथा न्यूज़ीलैंड सरकार एवं ब्रिटेन व अमेरिका की सरकारों से प्राप्त वित्तपोषण का स्वागत करते हुए कहा, “भू-तापीय ऊर्जा विकसित करना महंगा काम है, विशेषकर दूरदराज़ के द्वीपीय देशों के लिए."
"हम भाग्यशाली हैं कि हमें इसे सम्भव बनाने के लिए, अनुदान व रियायती ऋण हासिल हुए. हालाँकि अगर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय इसे लेकर वाक़ई गम्भीर है, तो अनुदान निधि के ज़रिए कुछ अग्रिम निवेश करना ज़रूरी होगा."
डॉमिनिका सरकार को विश्वास है कि अगले दो वर्षों में संयंत्र से प्राप्त भू-तापीय ऊर्जा, पूरे द्वीप को बिजली प्रदान कर सकेगी. परियोजना को साकार करने के दशकों लम्बे संघर्ष के मद्देनज़र, अब इन्तज़ार का यह समय मानो कुछ भी नहीं है.
फ़्रैड जॉन कहते हैं, "मुझे लगता है कि यह देश में आर्थिक बदलाव लाने का वास्तविक अवसर है. पहला क़दम होगा, सर्वजन के लिए किफ़ायती बिजली का उत्पादन, जिससे बड़ा परिवर्तन आएगा. लेकिन फिर जब हम इसे बेचने लगेंगे, तो डॉमिनिका को राजस्व प्राप्त होगा और पूरे द्वीप की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.”