नवीकरणीय ऊर्जा की मदद से बदलाव की ओर बढ़ते क़दम
अन्तरराष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (IRENA) के महानिदेशक का कहना है कि अगर देशों की सरकारें नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल की ओर बदलाव का समर्थन करें, तो न्यायसंगत ढंग से क़िफ़ायती व स्वच्छ ऊर्जा तक पहुँच बनाकर वास्तव में मौजूदा परिदृश्य को बदला जा सकता है. लेकिन यह तभी सम्भव होगा, अगर सरकारें “वादों से आगे बढ़कर, ठोस कार्रवाई करें.”
नवीकरणीय ऊर्जा को अकसर ऐसे ऊर्जा स्रोत के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसकी निरंतर पूर्ति होती रहती है. इसमें सौर एवं पवन ऊर्जा के साथ-साथ, जैव ऊर्जा (ईंधन के रूप में जलाए जाने वाले जैविक पदार्थ) तथा जलविद्युत ऊर्जा भी शामिल है.
IRENA के फ़्रांसेस्को ला कामेरा ने ऊर्जा के स्थाई स्रोतों की ओर बदलाव पर शुक्रवार को होने वाली एक विशेष बैठक से पहले यूएन न्यूज़ से बातचीत की. यह बैठक, न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित पहले स्थिरता सप्ताह का हिस्सा है.
सतत विकास के लक्ष्य 7 का मक़सद है, सभी लोगों की, किफ़ायती, भरोसेमन्द, सतत व आधुनिक ऊर्जा तक पहुँच सुनिश्चित करना, फिर चाहे वो दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न रहते हों.
यूएन न्यूज़: सरकारों, अन्तरराष्ट्रीय संगठनों और अन्य हितधारकों को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने के लिए मनाते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
फ़्रांसेस्को ला कामेरा: सरकारों को नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने के लिए राज़ी करने में कोई मुश्किल नहीं होती है, लेकिन प्रतिबद्धताओं के बाद कार्रवाई में हमेशा कोई न कोई कमी रह जाती है.
![चीन के यानचेंग शहर में एक पवन ऊर्जा परियोजना के दौरे पर, IRENA के महानिदेशक, फ़्रांसेस्को ला कामेरा (बाएँ से दूसरे). चीन के यानचेंग शहर में एक पवन ऊर्जा परियोजना के दौरे पर, IRENA के महानिदेशक, फ़्रांसेस्को ला कामेरा (बाएँ से दूसरे).](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Libraries/Production%20Library/17-04-2024-IRENA-DG.jpeg/image770x420cropped.jpg)
सबसे महत्वपूर्ण होता है, प्रतिबद्धता को कार्रवाई में बदलने का सही तरीक़ा खोजने में सदस्य देशों की मदद करना. मुझे लगता है कि हमारे सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि हम 2030 तक नवीकरणीय स्थापना क्षमता को किस तरह तीन गुना कर सकते हैं? ऐसे में इस लक्ष्य को हासिल करने के उपाय बेहद महत्वपूर्ण हैं.
यूएन न्यूज़: यह सुनिश्चित करने के लिए कि देश इसके प्रति संकल्पबद्ध होकर कार्रवाई करें, इन चुनौतियों से कैसे निपटा जाए?
फ़्रांसेस्को ला कामेरा: सभी देशों ने प्रतिबद्धताएँ जताई हैं. हमें अन्तरराष्ट्रीय संघ के काम करने के तरीक़ों पर पुनर्विचार करना होगा. इसके लिए, इसमें शामिल विभिन्न संस्थाओं को प्रयास करने होंगे.
उदाहरण के लिए, IRENA में, हम केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो के साथ मिलकर, अफ़्रीका में नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने की प्रक्रिया में तेज़ी लाने की दिशा में काम कर रहे हैं. 'अफ़्रीका में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए त्वरित भागेदारी' (APRA) नामक यह पहल, पिछले साल नैरोबी में पहले अफ़्रीकी जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू की गई थी. उसके बाद, COP28 में APRA के नेताओं ने, अफ़्रीका में ऊर्जा तक पहुँच बनाने व सुरक्षा एवं हरित विकास के एक रणनैतिक समाधान हेतु, नवीकरणीय ऊर्जा को आगे बढ़ाने के लिए एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए गए थे.
अब हमारे पास सात अफ़्रीकी देश हैं, जिनमें केन्या के साथ-साथ डेनमार्क, जर्मनी, अमेरिका जैसे विकसित देश, तथा संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल है. यह इस बात का उदाहरण है कि हम किस प्रकार अन्तरराष्ट्रीय सहयोग का परिदृश्य दोबारा लिखने का प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए हम योजनाएँ बना रहे हैं, और इन देशों में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए उनकी योजनाओं को समर्थन दे रहे हैं. इन योजनाओं को वास्तविकता में बदलने के लिए हमें, साथ मिलकर एक नया अन्तरराष्ट्रीय सहयोग तंत्र स्थापित करना होगा.
यूएन न्यूज़: जब ऊर्जा परिवर्तन की बात आती है तो क्या विकासशील और विकसित देशों के बीच दृष्टिकोण, प्रतिबद्धताओं और प्रतिक्रियाओं में उल्लेखनीय अन्तर नज़र आते हैं?
फ़्रांसेस्को ला कामेरा: विकसित दुनिया को अपनी प्रणाली बदलनी पड़ेगी. लेकिन विकासशील देश तेज़ी से आगे बढ़कर, सीधे नवीन ऊर्जा प्रणाली अपना सकते हैं क्योंकि वहाँ पहले ही ऊर्जा प्रणालियों की कमी है. प्रमुख अन्तर, दुनिया के विभिन्न हिस्सों की ऊर्जा प्रणालियों की स्थिति को लेकर है, जिसमें फ़िलहाल काफ़ी असमानता व्याप्त है.
दूसरा पहलू यह है कि विकसित देशों के पास बदलाव लाने के उपकरण, औज़ार एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध हैं.
![मेडागास्कर में एक किसान अपनी फ़सल की सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा संचालित पम्प को जोड़ रहा है. मेडागास्कर में एक किसान अपनी फ़सल की सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा संचालित पम्प को जोड़ रहा है.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Collections/Embargoed/01-03-2024-mada-dd-14.jpg/image770x420cropped.jpg)
वहीं विकासशील विश्व को कई स्तर पर समर्थन की आवश्यकता है. अनुभवों और प्रौद्योगिकी के आदान-प्रदान के लिए देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता की आवश्यकता है. ये ऐसी बाधाएँ हैं जिन्हें विशेषकर अफ़्रीका में बदलाव में तेज़ी लाने के लिए दूर करना आवश्यक होगा.
इस मामले में, शायद अफ़्रीका को नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन [एक स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा वाहक] के लिए दुनियाभर का सबसे महत्वपूर्ण आपूर्तिघर माना जा सकता है. लेकिन अपने लोगों व दुनियाभर के लाभ के लिए, अफ़्रीका के पास अपनी इस क्षमता के दोहन के लिए बुनियादी ढाँचे का अभाव है. इसमें बंदरगाह, पाइपलाइन और नागरिक तंत्र जैसे बुनियादी ढाँचे, निर्णायक एवं महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
यूएन न्यूज़: किसी क्षेत्र की यात्रा के दौरान क्या ऐसा कोई उदाहरण सामने आया, जहाँ 2030 तक सतत विकास लक्ष्य 7 हासिल करने में नवीकरणीय ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका दिखाई दी हो?
फ़्रांसेस्को ला कामेरा: मॉरिशस एक ऐसा उदाहरण है, जिसने मुझे बेहद प्रभावित किया. यहाँ निजी घरों, निजी व सार्वजनिक भवनों में, हमारे सहयोग से स्थापित सौर पैनलों से सारा परिदृश्य बदल रहा है, जो एसडीजी 7 हासिल करने की दिशा में एक बड़ा प्रोत्साहन साबित हो सकता है.
यूएन न्यूज़: जिन उदाहरणों का आपने उल्लेख किया है, क्या उन्हें दुनिया के अन्य क्षेत्रों में दोहराया जा सकता है?
फ़्रांसेस्को ला कामेरा: बदलाव में तेज़ी लाने के लिए, हमें वर्तमान में मौजूद संरचनात्मक बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता है. पहली बाधा है, बुनियादी ढाँचे की कमी, जिसे दूर करना ज़रूरी होगा. कुशल बिजली आपूर्ति, परस्पर जुड़ी भंडारण सुविधाएँ, लचीलापन, व ग्रिड का संतुलन हासिल किए बिना, हम प्रगति नहीं कर सकते. बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण और निर्माण सर्वोच्च प्राथमिकता है.
इसके अलावा, मौजूदा क़ानूनी ढाँचे से जुड़ी समस्याएँ भी हैं. बाज़ार की मौजूदा स्थिति अभी नवीकरणीय ऊर्जा की तैनाती के पक्ष में नहीं है. अभी भी जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं को अनगिनत सब्सिडी दी जा रही हैं, जिनकी तुरन्त रोकथाम होना ज़रूरी है.
![अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल को बिजली की आपूर्ति करने वाली एक विद्युत लाइन. अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल को बिजली की आपूर्ति करने वाली एक विद्युत लाइन.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Collections/Embargoed/26-01-2024-UN-Photo-Afghanistan.jpg/image770x420cropped.jpg)
इसके अलावा ज़्यादातर बिजली ख़रीद समझौते, नवीकरणीय ऊर्जा विकास को हतोत्साहित करते हैं. अक्सर बाज़ार मूल्य निर्धारण तंत्र नवीकरणीय ऊर्जा के पक्ष में नहीं होते, क्योंकि नवीकरणीय ऊर्जा के तहत बिजली आपूर्ति व भुगतान को स्थिर एवं सुरक्षित बनाने के लिए दीर्घकालिक अनुबंधों की आवश्यकता होती है. इसकी स्थापना के लिए कुशल पेशेवरों और कार्यबल की आवश्यकता भी होती है.
जैसाकि कुछ महीने पहले दुबई में आयोजित COP28 में कहा गया था, अगर हम वास्तव में जीवाश्म ईंधन से दूर जाकर ऊर्जा प्रणाली में तेज़ी से बदलाव लाना चाहते हैं, तो हमें इन तीन बाधाओं को दूर करना होगा.
यूएन न्यूज़: नवीकरणीय ऊर्जा परिवर्तन में आम नागरिक, कैसे योगदान दे सकते हैं?
फ़्रांसेस्को ला कामेरा: हम अपने सभी विकल्पों को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहे हैं. लेकिन जो अधिक महत्वपूर्ण है, वो है ऐसा क़ानूनी वातावरण बनाना, जहाँ सभी कार्रवाई के लिए बाध्य हो सकें. हम केवल नैतिक अनिवार्यताओं के लिए इसे बढ़ावा देने का आहवान नहीं कर सकते. समाज को ऊर्जा संरक्षण व दक्षता के लिए एक आसान व सरल माहौल बनाना पड़ेगा, जिससे लोग सही विकल्प चुन सकें.
इस साक्षात्कार को स्पष्टता के लिए संपादित किया गया है.
![सतत विकास लक्ष्य 7: स्वच्छ एवं किफ़ायती ऊर्जा सतत विकास लक्ष्य 7: स्वच्छ एवं किफ़ायती ऊर्जा](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Libraries/Graphics%20Library/23-04-2020-SDG-Goal-7-logo_2.jpg/image1024x768.jpg)
एसडीजी 7: सर्वजन के लिए स्वच्छ ऊर्जा
- विश्व स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़े
- ऊर्जा दक्षता में सुधार की वैश्विक दर दोगुनी हो
- आधुनिक, टिकाऊ ऊर्जा सेवाओं की आपूर्ति के लिए बुनियादी ढाँचे का विस्तार और प्रौद्योगिकी का उन्नयन
- नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और उन्नत एवं स्वच्छ जीवाश्म-ईंधन प्रौद्योगिकी समेत, स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान तथा प्रौद्योगिकी तक पहुँच के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहयोग में वृद्धि
- विकासशील देशों, ख़ासतौर पर न्यूनतम विकसित देशों, लघु विकासशील द्वीपीय देशों और भूमि से घिरे विकासशील देशों में, सर्वजन हेतु आधुनिक एवं टिकाऊ ऊर्जा सेवाएँ पहुँचाने के लिए बुनियादी ढाँचे का विस्तार तथा प्रौद्योगिकी का उन्नयन
विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा के लिए अन्तरराष्ट्रीय वित्त-पोषण, 2017 में, 26.4 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर से घटकर, 2021 में केवल 10.8 अरब डॉलर रह गया है.
IRENA एक अन्तरसरकारी एजेंसी है जिसका लक्ष्य देशों को स्थाई ऊर्जा भविष्य में बदलाव के लिए मदद देना है. इस वर्ष 26 जनवरी को, IRENA की स्थापना वर्षगाँठ पर संयुक्त राष्ट्र ने पहला अन्तरराष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा दिवस मनाया.