वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

‘ग़ाज़ा में लम्बी शान्ति के लिए ज़ोर लगाना होगा’, भुखमरी का जोखिम निकट

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, मिस्र की अपनी रमदान एकजुटता यात्रा के दौरान, मिस्र के अल-आरिश अस्पताल में इलाज करा रहे फ़लस्तीनियों से भी मुलाक़ात की.
UN Photo/Mark Garten
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, मिस्र की अपनी रमदान एकजुटता यात्रा के दौरान, मिस्र के अल-आरिश अस्पताल में इलाज करा रहे फ़लस्तीनियों से भी मुलाक़ात की.

‘ग़ाज़ा में लम्बी शान्ति के लिए ज़ोर लगाना होगा’, भुखमरी का जोखिम निकट

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, ग़ाज़ा में भुखमरी के अत्यन्त निकट जोखिम के बीच, सोमवारक को, वहाँ युद्ध की टिकाऊ समाप्ती और तमाम बन्धकों की रिहाई की अपनी पुकार दोहराई है. उनकी ये पुकार ऐसे समय में आई है जब ग़ाज़ा पट्टी में युद्ध के कारण अभूतपूर्व विध्वंस और विनाश जारी है.

एंतोनियो गुटेरेश ने जॉर्डन की राजधानी अम्मान में, देश के विदेश मंत्री अयमान सफ़ादी के साथ एक संयुक्त प्रैस वार्ता में कहा, “ज़रूरत बिल्कुल तात्कालिक है.”

Tweet URL

उन्होंने ग़ाज़ा में जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के रास्ते में आ रहीं तमाम बाधाओं को दूर करने के लिए प्रयास करते रहने का संकल्प दोहराया. इसमें अधिक सहायता पहुँच और अधिक प्रवेश द्वार खोले जाने के लिए कोशिशें शामिल हैं.

ग़ाज़ा में यूएन मानवीय सहायता एजेंसियाँ व उनके साझीदारों ने, भोजन की क़िल्लत की हृदयविदारक स्थिति की ख़बरें दी हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़ों में, गम्भीर कुपोषण से सम्बन्धित जटिलताओं के कारण, अभी तक 27 बच्चों की मौत हो चुकी है.

यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने दोहराते हुए कहा है, “हमें तथ्यों पर ध्यान देना होगा. इतना रक्तरंजित युद्ध जारी रहने के साथ, कोई भी टिकाऊ मानवीय समाधान नहीं हो सकता.”

“मैं दोहराते हुए कहता हूँ: हमास के 7 अक्टूबर के हमलों और लोगों को बन्धक बनाए जाने को किसी भी आधार पर सही नहीं ठहराया जा सकता और साथ ही, फ़लस्तीनी लोगों को सामूहिक दंड दिए जाने को भी किसी आधार पर न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता.”

UNRWA का संचालन बाधित

एक तरफ़, एक दीर्घकालीन शान्ति व लोगों तक भोजन, ईंधन और दवाओं की प्रभावशील आपूर्ति के लिए मानवीय युद्धविरा यूएन महासचिव की ये अपील आई हैं. वहीं फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूए सहायता एजेंसी – UNRWA ने पुष्टि की है कि इसराइल सरकार ने, उस पर ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़ों में सहायता सामग्री पहुँचाने से रोक दिया है.

ये एजेंसी ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता पहुँचाने वाली सबसे बड़ी अन्तरराष्ट्रीय संस्था है. एजेंसी ने बताया है कि ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़ों में दैनिक ज़रूरतों वाली चीज़ें, युद्ध के पहले के समय की तुलना में 25 गुना अधिक महंगी हो गई हैं.

आटे की 25 किलोग्राम की एक बोरी की क़ीमत 400 डॉलर से भी अधिक पर पहुँच गई है.

UNRWA ने कहा है कि ग़ाज़ा में अकाल आसन्न होने की चेतावनियों के बावजूद, ग़ाज़ा में दाख़िल होने वाली मानवीय सहायता सामग्री की मात्रा और दायरे में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा गया है.

एजेंसी ने बताया है कि पिछले 23 दिनों के दौरान, केवल मानवीय सहायता सामग्री से भरे औसतन केवल 157 ट्रक प्रतिदिन दाख़िल हो सके हैं. “यह संख्या 500 ट्रकों की प्रतिदिन ज़रूरत से कहीं बहुत कम है.”

लाखों लोगों के लिए मदद और उम्मीद

 यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश मिस्र की अपनी वार्षिक रमदान एकजुटता यात्रा के दौरान, लाखों लोगों की ज़िन्दगी में, UNRWA के सकारात्मक प्रभाव को रेखांकित कर चुके हैं.

उन्होंने जॉर्डन के विहदत फ़लस्तीनी शरणार्थी शिविर में लोगों से मुलाक़ात करने के बाद कहा कि हमें अपने आप में उन अनोखी सेवाओं को जारी रखा होगा, जो UNRWA मुहैया कराती है क्योंकि उससे उम्मीदें क़ायम रहती हैं.

Tweet URL

जॉर्डन में स्थित लगभग 24 लाख फ़लस्तीनी शरणार्थियों में से, एक बड़ी संख्या इस शिविर में भी रहती है.

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ज़ोर देकर कहा कि UNRWA, बहुत से लोगों के लिए आशा व गरिमा की जीवनरेखा बनी हुई है और इसके स्कूल व स्वास्थ्य केन्द्र, हर उम्र के बहुत से फ़लस्तीनी शरणार्थियों के जीवन में बहुत अहम रही है.

शान्तिनिर्माण में भूमिका

एंतोनियो गुटेरेश ने बताया कि UNRWA, फ़लस्तीनी क्षेत्र में, पाँच लाख लड़कियों और लड़कों को शिक्षा मुहैया करा रही है और लगभग 20 लाख लोगों को, इस एजेंसी से, स्वास्थ्य सेवाएँ और रोज़गार के अवसर प्राप्त होते हैं. साथ ही लगभग पाँच लाख निर्धन फ़लस्तीनी जन, इसकी खाद्य सहायता से लाभान्वित होते हैं.

उन्होंने कहा कि ये सभी तथ्य, “सामाजिक समरसता को आगे बढ़ाने, स्थिरता और शान्ति निर्माण को प्रोत्साहन देने में” UNRWA की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं.

यूएन प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा, “कल्पना करें कि अगर इस सबको ख़त्म कर दिया जाता है... तो ये क्रूर और अकल्पनीय प्रभावों वाला क़दम होगा, विशेष रूप में, जब हम UNRWA के उन 171 कर्मचारियों का सम्मान कर रहे हैं जिन्होंने ग़ाज़ा में अपनी सेवाएँ देते हुए अपनी जानें गँवा दी हैं. किसी संकट में मारे गए यूएन कर्मचारियों की, इतिहास में ये सबसे बड़ी संख्या है.”

इस बीच, सप्ताहान्त के दौरान भी युद्ध जारी रहा, जिसमें रफ़ाह सहित ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़ों में इसराइली बमबारी और हवाई हमला जारी रहे. UNRWA के अनुमान के अनुसार, लगभग 12 लाख लोग, रफ़ाह इलाक़े में शरण लिए हुए हैं, जहाँ अत्यधिक भीड़ एकत्र हो गई है.

डॉक्टर टैड्रॉस की चिन्ता

विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने भी सोमवार को इन ख़बरों पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है कि इसराइली बलों ने रविवार को, ग़ाज़ा के दक्षिणी इलाक़े में स्थित ख़ान यूनिस में अल-अमाल अस्पतार की घेराबन्दी कर ली और उस पर हमला किया है.

डॉक्टर टैड्रॉस ने बताया कि अस्पताल में स्थित फ़लस्तीनी रैड क्रैसेंट के कर्मचारी और वहाँ शरण लिए हुए कुछ लोगों की मौतें हुई हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने सोशल मीडिया सन्देश में लिखा है, “ग़ाज़ा में अल-अमाल अस्पताल पर एक और हमले की ख़बर, एक अन्य स्थिति, जहाँ मरीज़ और स्वास्थ्यकर्मी, बहुत बड़ी मुसीबत में हैं.”

“हम उन्हें तत्काल सुरक्षा मुहैया कराए जाने और युद्धविराम की अपनी पुकार दोहराते हैं.”

स्वास्थ्य एजेंसी ने इससे पहले कहा था कि उसकी टीमों को, इस अस्पताल में, मरीज़ों की ज़रूरतों का आकलन करने के लिए पहुँचने की अनुमति नहीं दी गई, अलबत्ता, नौ ऐसे स्वास्थ्यकर्मियों को पानी और प्राथमिक चिकित्सा दी जा सकी थी, जो लोग अल-अमाल अस्पताल से दक्षिणी ग़ाज़ा की तरफ़ पैदल निकल सके थे.

रविवार को मीडिया ख़बरों में संकेत दिए गए थे कि इसराइली वाहन, ख़ान यूनिस में, अल-अमाल और नासेर अस्पतालों में पहुँच गए थे. अतीत में इसराइल के बल, इस तरह के छापों को यह कहकर सही ठहराते रहे हैं कि वो हमास लड़ाकों की तलाश के लिए ज़रूरी हैं.