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ग़ाज़ा: इसराइल ने UNRWA सहायता क़ाफ़िलों को अनुमति देने से किया इनकार

उत्तरी ग़ाज़ा में दो वर्ष से कम आयु के हर तीन में से एक बच्चा, कुपोषण का शिकार है.
© UNRWA
उत्तरी ग़ाज़ा में दो वर्ष से कम आयु के हर तीन में से एक बच्चा, कुपोषण का शिकार है.

ग़ाज़ा: इसराइल ने UNRWA सहायता क़ाफ़िलों को अनुमति देने से किया इनकार

मानवीय सहायता

इसराइल ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र को सूचित किया है कि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी (UNRWA) के खाद्य सहायता क़ाफ़िलों को, उत्तरी ग़ाज़ा में जाने की अब और अनुमति नहीं दी जाएगी.

यूएन एजेंसी के महाआयुक्त फ़िलिपे लज़ारिनी ने सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म, X, पर अपने सन्देश में कहा कि आज से, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए प्रमुख जीवनरेखा, UNRWA को उत्तरी ग़ाज़ा में जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने से रोका जा रहा है.

उन्होंने इस निर्णय पर गहरा क्षोभ व्यक्त किया है और कहा है कि यह जानबूझकर एक ऐसे समय में जीवनरक्षक मानवीय सहायता पहुँचाने के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करने की कोशिश है, जब ग़ाज़ा पट्टी के उत्तरी हिस्से में मानव-जनित अकाल जैसे हालात हैं.

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यूएन एजेंसी प्रमुख ने ज़ोर देकर कहा कि इस प्रतिबन्ध को वापिस लिया जाना होगा. UNRWA एजेंसी, ग़ाज़ा में मानवीय सहायता अभियान की रीढ़ है, और उसके पास विस्थापित व ज़रूरतमन्द समुदायों तक पहुँचने की क्षमता है.

“UNRWA को ग़ाज़ा में अपने शासनादेश को पूरा करने से रोकने से, समय तेज़ी से अकाल की ओर बढ़ रहा है और अनेक अन्य लोग अब भूख, पानी की कमी और शरण ना मिल पाने की वजह से जान गँवा देंगे.”

“यह नहीं हो सकता है. इससे हमारी साझा मानवता पर धब्बा लगेगा.”

प्रतिबन्ध की आलोचना

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इस नए निर्णय की आलोचना करते हुए कहा कि UNRWA को खाद्य सहायता वितरित करने से रोकना, भुखमरी का सामना करने वाले लोगों की गुज़र-बसर के सामर्थ्य को नकारना है. 

“इस निर्णय को तत्काल वापिस लिया जाना होगा. भूख का स्तर बहुत अधिक है. भोजन पहुँचाने के सभी प्रयासों को ना केवल अनुमति दी जानी होगी, बल्कि भोजन सहायता में तत्काल तेज़ी लाई जानी चाहिए.”

पिछले सप्ताह, यूएन एजेंसियों की एक रिपोर्ट में आगाह किया गया था कि ग़ाज़ा पट्टी के कुछ हिस्सों में अकाल बेहद नज़दीक है और अब से लेकर मई महीने तक उत्तरी इलाक़े में इसके पड़ने की आशंका है, जहाँ फ़िलहाल तीन लाख लोग रहे हैं.

विशाल सहायता की पुकार

यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश अपनी वार्षिक रमदान एकजुटता यात्रा पर मिस्र में हैं जहाँ उन्होंने ग़ाज़ा में इसराइली हमलों में घायल हुई महिलाओं व बच्चों से मुलाक़ात की है. 

उन्होंने ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने का आग्रह किया है और ज़रूरतमन्दों तक जल्द से जल्द विशाल स्तर पर मानवीय राहत पहुँचाए जाने की अपील की है.

उन्होंने कहा कि यही हमारी एकमात्र आशा है. “यह समय वास्तव में ग़ाज़ा में जीवनरक्षक सहायता की बाढ़ ला देने का है." "टुकड़ों में नहीं. बून्दों में नहीं."

उन्होंने कहा कि कुछ प्रगति हुई है मगर बहुत कुछ किया जाना बाक़ी है. चयन स्पष्ट है: या तो तेज़ी आए या फिर भुखमरी.”

“आइए, हम मदद का पक्ष लें, आशा का पक्ष लें और इतिहास में सही जगह पर खड़े होने का पक्ष लें.”

यूएन महासचिव ने कहा कि वह हिम्मत नहीं हारेंगे और हममें से हर किसी को साझा मानवता के लिए हरसम्भव प्रयास जारी रखने होंगे.