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अफ़ग़ानिस्तान में टिड्डियों के हमले से गेहूँ की फ़सल पर भारी जोखिम

अफ़ग़ानिस्तान के एक इलाक़े में, टिड्डियों को क़ाबू में करने के प्रयास.
© FAO/Hashim Azizi
अफ़ग़ानिस्तान के एक इलाक़े में, टिड्डियों को क़ाबू में करने के प्रयास.

अफ़ग़ानिस्तान में टिड्डियों के हमले से गेहूँ की फ़सल पर भारी जोखिम

आर्थिक विकास

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (FAO) ने बुधवार को कहा है कि अफ़गानिस्तान में गेहूँ टोकरी समझे जाने वाले आठ प्रान्तों में, मोरक्को नस्ल के टिड्डियों का एक बड़ा दल वजूद में आने से, फ़सलों को भारी नुक़सान पहुँच सकता है और खाद्य असुरक्षा और भी बदतर हो सकती है.

टिड्डियों को दुनिया भर में, फ़सलों को बर्बाद करने वाले सबसे ख़तरनाक कीड़ों में शुमार किया जाता है.

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संगठन ने देश के उत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्र में टिड्डियों के दल देखे जाने के बाद, बुधवार को ख़तरे की ये घंटी बजाई है.

संगठन के अनुसार, इस वर्ष टिड्डियो के पूर्ण हमले के कारण, गेहूँ की लगभग 12 लाख मीट्रिक टन तादाद बर्बाद हो सकती है, जोकि वार्षिक फ़सल का लगभग एक चौथाई (25%) हिस्सा है.

अफ़ग़ानिस्तान में संगठन के प्रतिनिधि रिचर्ड ट्रैंचर्ड ने कहा है कि ये खाद्य और कृषि एजेंसी, अपने साझीदारों के साथ मिलकर, इस हमले के प्रभावों को कम करने में मदद के लिए तेज़ रफ़्तार से प्रयासरत है.

उन्होंने कहा कि कीटनाशकों की सीमित मात्रा उपलब्ध होने की स्थिति में, प्रभावित प्रान्तों में तमाम समुदायों के हज़ारों लोग, इस कीट के दलों को ख़त्म करने के लिए, दिन-रात अथक काम कर रहे हैं. ये लोग, इससे पहले कि ये कीड़े बड़े हो जाएँ और एक बेहद ख़तरनाक भीड़ का रूप ले लें, इन प्रयासों में परम्परागत मशीनी नियंत्रण तरीक़े अपना रहे हैं.

संगठन के अनुसार, अगर इसका उपचार नहीं किया गया तो मोरक्को नस्ल के ये टिड्डी, अगले वर्ष तक अपनी आबादी को 100 गुना तक बढ़ा सकते हैं.

ग़ौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम ने, वर्ष 2023 के आरम्भ में आगाह किया था कि अफ़ग़ानिस्तान की लगभग 60 लाख आबादी, अकाल से केवल एक क़दम दूर है.

भारी चिन्ता

इन टिड्डियों का आकार बढ़ने के विभिन्न स्तरों की मौजूदगी बदख़शाँ, बग़लान, बाल्ख़, कुन्दूज़, सामंगान, सर-ए-पुल, और तख़ार में देखी गई है. कुछ अन्य प्रान्तों में भी इनकी मौजूदगी बढ़ने की ख़बरें मिल रही हैं.

रिचर्ड ट्रैंचर्ड का कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान की गेहूँ टोकरी कहे जाने वाले इलाक़ों में, मोरक्को नस्ल के टिड्डियों की तादाद बढ़ने की ख़बरें, बेहद चिन्ताजनक हैं.

उन्होंने बताया के इस नस्ल को ये टिड्डी, फ़सलों के पौधों की 150 नस्लों को खाते हैं, जिनमें, पेड़ फ़सलों, चारा फ़सलों और 50 खाद्य फ़सलों के पौधे शामिल हैं, जो सभी अफ़ग़ानिस्तान में उगते हैं.

टिड्डियों की इस मौजूदगी से किसानों, समुदायों और पूरे देश के लिए भारी ख़तरा दरपेश है.

खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने आगाह करते हुए कहा है कि मोरक्को नस्ल के ये टिड्डी, दुनिया भर में, फ़सलों की आर्थिक बर्बादी करने वाले सबसे ख़तरनाक कीड़ों में शुमार होते हैं.

सम्भावित नुक़सान का दायरा 28 करोड़ डॉलर से लेकर 48 करोड़ डॉलर के बीच हो सकता है.

अफ़ग़ानिस्तान के एक इलाक़े में, टिड्डियों को क़ाबू में करने की प्रक्रिया.
© FAO/Hashim Azizi