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भोजन

कॉमेडियन, कविन जे और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर, एल्वी ने एक रबर प्लांटेशन की यात्रा की, जहाँ उन्होंने कम्बोडिया के "नम्बर वन भोज", नॉम बन चॉक का पहला स्वाद चखा, जिसे उनकी मेज़बान लिज़ा ने तैयार किया था, जो कम्बोडिया की प्रवासी हैं.
© OHCHR Malaysia/Puah Sze Ning

मलेशिया: लज़ीज़ पकवानों की मेज़ और ' आव्रजन की कहानियाँ'

लज़ीज़ चिकन कोरमा से लेकर, इंडोनेशिया के मदुरा द्वीप पर बनाए जाने वाले कलडू कोकोट तक, हर पकवान की अपनी एक कहानी है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने, सात व्यंजनों को जीवन्त करने वाला एक अभिनव अभियान शुरू किया है, जिसके तहत भोजन और संस्कृति की समृद्ध विविधता परोस कर, प्रवासियों और शरणार्थियों के ख़िलाफ़ नफ़रत की भाषा (Hate speech) से निपटने की कोशिश की जा रही है.

अफ़ग़ानिस्तान के एक इलाक़े में, टिड्डियों को क़ाबू में करने के प्रयास.
© FAO/Hashim Azizi

अफ़ग़ानिस्तान में टिड्डियों के हमले से गेहूँ की फ़सल पर भारी जोखिम

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (FAO) ने बुधवार को कहा है कि अफ़गानिस्तान में गेहूँ टोकरी समझे जाने वाले आठ प्रान्तों में, मोरक्को नस्ल के टिड्डियों का एक बड़ा दल वजूद में आने से, फ़सलों को भारी नुक़सान पहुँच सकता है और खाद्य असुरक्षा और भी बदतर हो सकती है.

केरल प्रदेश के कैफे कुदुम्बश्री मॉडल से प्रेरित, दीदी की रसोई की शुरुआत 2018 में हुई.
World Bank

भारत: ‘दीदी की रसोई’ – एक अनूठा ग्रामीण महिला उद्यम

भारत के बिहार प्रदेश में, वर्ष 2018 में विश्व बैंक समर्थित बिहार परिवर्तनकारी विकास परियोजना (BTDP) के हिस्से के रूप में, ‘दीदी की रसोई’ परियोजना शुरू की गई थी. ‘जीविका’ नामक संस्था द्वारा संचालित इस परियोजना का मक़सद राज्य के समस्त ज़िला एवं ब्लॉक अस्पतालों में खाद्य सेवा काउंटर स्थापित करना है. वर्तमान में, इस परियोजना के तहत, बिहार के सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, स्कूलों, बैंकों और अन्य संस्थानों में ऐसे 83 से अधिक उद्यम चल रहे हैं, जिनमें 1,200 से अधिक महिला उद्यमी और 150 पूर्णकालिक कर्मचारी कार्यरत हैं.

इथियोपिया के दक्षिण ओमो ज़ोन में बच्चे, WFP-समर्थित एक स्कूल में भोजन कर रहे हैं.
© WFP/Michael Tewelde

स्कूली आहार से बच्चे लाभान्वित, मगर निर्बलों की पहुँच से अब भी दूर

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि विश्व भर में 42 करोड़ बच्चों को स्कूलों में आहार प्राप्त होता है, जोकि वर्ष 2020 की तुलना में तीन करोड़ की वृद्धि को दर्शाता है. मगर निर्धन देशों में निर्बल समुदायों के अनेक बच्चे अब भी इन कार्यक्रमों के दायरे से बाहर हैं. 

दुनिया भर में अक्सर लोग अपनी आदतों या समाज के चलन के दबाव में, बहुत सारा भोजन बर्बाद करते हैं.
UNICEF/Giacomo Pirozzi

भोजन बर्बादी को रोकने की मुहिम

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम एशिया में अनुमानतः 34 प्रतिशत भोजन बर्बाद होता है. बर्बाद हुआ यह भोजन, खाद्य अपशिष्ट के रूप में छोटे कूड़ेदानों से विशाल कूड़ाघरों यानि लैंडफ़िल में पहुँचकर, हानिकारक मीथेन गैस उत्पन्न करता है, जिसका जलवायु परिवर्तन ख़ासा बड़ा हिस्सा है. ऐसे में पश्चिम एशिया के अनेक प्रसिद्ध रसोइए, भोजन की बर्बादी रोकने के लिए नए तरीक़े अपना रहे हैं.

केनया में, किसानों को प्रशिक्षण देने के लिये, सब्ज़ियाँ तैयार किये जाते हुए.
© FAO/Fredrik Lerneryd

वैश्विक खाद्य संकट: 'मायूसी से उम्मीद व कार्रवाई' की तरफ़ बढ़ने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य व कृषि एजेंसी (FAO) ने दुनिया भर में बढ़ते भोजन अभाव संकट की स्थिति में, एक ऐसे टिकाऊ विश्व के निर्माण में, एकजुटता व सामूहिक कार्रवाई की शक्ति का उपयोग करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है जिसमें सर्वजन के लिये पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो.

उत्तरी थाईलैंड के च्यांग राय में चावल की फ़सल की कटाई करती महिलाएँ.
UN Women/Pornvit Visitoran

वैश्विक खाद्य संकट की 'गम्भीर' स्थिति पर एक विशेष बैठक में चर्चा

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष, अब्दुल्ला शाहिद ने सोमवार को वैश्विक खाद्य संकट से निपटने के लिये एक विशेष बैठक में कहा कि बढ़ती भुखमरी और कुपोषण का मुक़ाबला करने के लिये, खाद्य प्रणालियों में जलवायु सहनसक्षमता बढ़ाना आवश्यक है.

फिलीपींस जैसे देशों में चावल जैसी फ़सलों की खेती के लिये बड़ी मात्रा में ताज़े पानी की आवश्यकता होती है, जिसका पर्यावरणीय असर पड़ता है.
© FAO/Lena Gubler

खेतीबाड़ी के अस्तित्व के लिये अति अहम पानी पर मंडराते कुछ जोखिम

1950 के दशक से, सिन्थेटिक उर्वरकों, रासायनिक कीटनाशकों और उच्च उपज वाले अनाज जैसे नवाचारों ने मानवता को अनाज उत्पादन की मात्रा में नाटकीय रूप से वृद्धि करने में मदद की है. लेकिन ये आविष्कार, कृषि की सबसे क़ीमती वस्तु - ताज़े पानी के बिना बेकार होंगे. और शोधकर्ताओं का कहना है कि यह अब ख़तरे में है.

श्रीलंका एक गम्भीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिससे खाना पकाने, परिवहन और उद्योगों के लिये ईंधन की उपलब्धता पर असर पड़ा है.
World Bank/ Lakshman Nadaraja

श्रीलंका: 17 लाख लोगों की सहायता के लिये, साढ़े चार करोड़ डॉलर की अपील

श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और साझीदार संगठनों ने देश में आर्थिक संकट के कारण उपजी मानवीय राहत आवश्यकताओं की पृष्ठभूमि में गुरूवार को, एक साझा योजना पेश की है, जिसमें सर्वाधिक प्रभावित 17 लाख लोगों तक जीवनरक्षक सहायता पहुँचाने के लिये, चार करोड़ 72 लाख डॉलर की धनराशि जुटाने की पुकार लगाई गई है.

बांग्लादेश के कॉक्सेस बाज़ार क्षेत्र में, कुछ महिलाएँ ताज़ा सब्ज़ियों के साथ.
© WFP/Sayed Asif Mahmud

भोजन आधारित जोखिमों की रोकथाम व बेहतर स्वास्थ्य की ज़रूरत रेखांकित

संयुक्त राष्ट्र ने मंगलवार को चौथे ‘विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस’ के अवसर पर कहा है कि सुरक्षित भोजन, अच्छे स्वास्थ्य के लिये सर्वाधिक महत्वपूर्ण व निश्चित कारकों में से एक है. इस दिवस का उद्देश्य, खाद्य से सम्बन्धित जोखिमों की रोकथाम, उनका पता लगाना और उनसे निपटने के साथ-साथ, मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है.