वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

भोजन

डिस्कवरी चैनल का पाक कला शो, "रूट्स ऑफ़ माई प्लैटर," यूएन इंडिया के साथ साझेदारी में बनाया गया है.
Warner Bros. Discovery

भारत: पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक बनाने वाला एक टीवी कार्यक्रम

भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी चैनल, दर्शकों के लिए पाक कला के कार्यक्रम "रूट्स ऑफ़ माई प्लैटर" का रोमांचक दूसरा सीज़न लाने के लिए सहयोग कर रहे हैं. इसमें मास्टरशेफ़ इंडिया सीजन 2 की विजेता प्रसिद्ध शेफ़ शिप्रा खन्ना शामिल होंगी. पहले सीज़न की सफलता के आधार पर यह सीज़न, ईष्टतम पोषण की अवधारणा और हमारे भोजन के समय के महत्व पर केन्द्रित होगा.

फ़ास्ट फूड रेस्तराँ में भोजन.
Unsplash/Christopher William

खाद्य वस्तुओं के आक्रामक प्रचार से बच्चों को बचाने के लिए नए दिशानिर्देश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बच्चों को खाद्य वस्तुओं के प्रचार या मार्केटिंग के हानिकारक प्रभावों से बचाने के उद्देश्य से नीतियाँ तैयार करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इन दिशानिर्देशों में व्यापक स्तर पर ऐसे अनिवार्य उपायों को अपनाने पर बल दिया गया हैजिनसे सभी उम्र के बच्चों में संतृप्त वसा, ट्रांस फ़ैटअत्य़धिक चीनी या नमक के इस्तेमाल से तैयार किए गए भोजन और ऐल्कॉहॉल-रहित पेय पदार्थों के आक्रामक प्रचार को रोका जा सके.

दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन, 200 से अधिक बीमारियों की वजह बन सकता है.
© WHO/Yoshi Shimizu

खाद्य संरक्षा दिवस: दूषित भोजन से बचने के उपायों पर बल

संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने बुधवार, 7 जून, को ‘विश्व खाद्य संरक्षा दिवस’ के अवसर पर, खाद्य मानकों की अहमियत को रेखांकित करते हुए आगाह किया है कि भोजन-जनित बीमारियाँ विश्व भर में हर वर्ष, हर 10 में से एक व्यक्ति को अपनी चपेट में लेती हैं.

समुद्री तटों पर व महासागर की गहराई में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक, काग़ज़, लकड़ी, धातु और अन्य पदार्थ घुल गए हैं.
UN News/Laura Quinones

प्लास्टिक प्रदूषण की समाप्ति के लिए, विश्व एकता की दरकार

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सोमवार, 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने सन्देश में, प्लास्टिक कूड़े-कचरे (अपशिष्ट) के त्रासद परिणामों से छुटकारा पाने की महत्ता पर ज़ोर दिया है.  उनका ये सन्देश इस सन्दर्भ में और भी ज़्यादा अहम है कि अन्तरराष्ट्रीय वार्ताकार, प्लास्टिक प्रदूषण की समाप्ति पर, नवम्बर 2023 तक एक सन्धि का मसौदा तैयार करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहे हैं.

कॉमेडियन, कविन जे और इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर, एल्वी ने एक रबर प्लांटेशन की यात्रा की, जहाँ उन्होंने कम्बोडिया के "नम्बर वन भोज", नॉम बन चॉक का पहला स्वाद चखा, जिसे उनकी मेज़बान लिज़ा ने तैयार किया था, जो कम्बोडिया की प्रवासी हैं.
© OHCHR Malaysia/Puah Sze Ning

मलेशिया: लज़ीज़ पकवानों की मेज़ और ' आव्रजन की कहानियाँ'

लज़ीज़ चिकन कोरमा से लेकर, इंडोनेशिया के मदुरा द्वीप पर बनाए जाने वाले कलडू कोकोट तक, हर पकवान की अपनी एक कहानी है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने, सात व्यंजनों को जीवन्त करने वाला एक अभिनव अभियान शुरू किया है, जिसके तहत भोजन और संस्कृति की समृद्ध विविधता परोस कर, प्रवासियों और शरणार्थियों के ख़िलाफ़ नफ़रत की भाषा (Hate speech) से निपटने की कोशिश की जा रही है.

अफ़ग़ानिस्तान के एक इलाक़े में, टिड्डियों को क़ाबू में करने के प्रयास.
© FAO/Hashim Azizi

अफ़ग़ानिस्तान में टिड्डियों के हमले से गेहूँ की फ़सल पर भारी जोखिम

संयुक्त राष्ट्र के खाद्य व कृषि संगठन (FAO) ने बुधवार को कहा है कि अफ़गानिस्तान में गेहूँ टोकरी समझे जाने वाले आठ प्रान्तों में, मोरक्को नस्ल के टिड्डियों का एक बड़ा दल वजूद में आने से, फ़सलों को भारी नुक़सान पहुँच सकता है और खाद्य असुरक्षा और भी बदतर हो सकती है.

केरल प्रदेश के कैफे कुदुम्बश्री मॉडल से प्रेरित, दीदी की रसोई की शुरुआत 2018 में हुई.
World Bank

भारत: ‘दीदी की रसोई’ – एक अनूठा ग्रामीण महिला उद्यम

भारत के बिहार प्रदेश में, वर्ष 2018 में विश्व बैंक समर्थित बिहार परिवर्तनकारी विकास परियोजना (BTDP) के हिस्से के रूप में, ‘दीदी की रसोई’ परियोजना शुरू की गई थी. ‘जीविका’ नामक संस्था द्वारा संचालित इस परियोजना का मक़सद राज्य के समस्त ज़िला एवं ब्लॉक अस्पतालों में खाद्य सेवा काउंटर स्थापित करना है. वर्तमान में, इस परियोजना के तहत, बिहार के सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, स्कूलों, बैंकों और अन्य संस्थानों में ऐसे 83 से अधिक उद्यम चल रहे हैं, जिनमें 1,200 से अधिक महिला उद्यमी और 150 पूर्णकालिक कर्मचारी कार्यरत हैं.

इथियोपिया के दक्षिण ओमो ज़ोन में बच्चे, WFP-समर्थित एक स्कूल में भोजन कर रहे हैं.
© WFP/Michael Tewelde

स्कूली आहार से बच्चे लाभान्वित, मगर निर्बलों की पहुँच से अब भी दूर

विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मंगलवार को प्रकाशित अपनी एक नई रिपोर्ट में कहा है कि विश्व भर में 42 करोड़ बच्चों को स्कूलों में आहार प्राप्त होता है, जोकि वर्ष 2020 की तुलना में तीन करोड़ की वृद्धि को दर्शाता है. मगर निर्धन देशों में निर्बल समुदायों के अनेक बच्चे अब भी इन कार्यक्रमों के दायरे से बाहर हैं. 

दुनिया भर में अक्सर लोग अपनी आदतों या समाज के चलन के दबाव में, बहुत सारा भोजन बर्बाद करते हैं.
UNICEF/Giacomo Pirozzi

भोजन बर्बादी को रोकने की मुहिम

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम एशिया में अनुमानतः 34 प्रतिशत भोजन बर्बाद होता है. बर्बाद हुआ यह भोजन, खाद्य अपशिष्ट के रूप में छोटे कूड़ेदानों से विशाल कूड़ाघरों यानि लैंडफ़िल में पहुँचकर, हानिकारक मीथेन गैस उत्पन्न करता है, जिसका जलवायु परिवर्तन ख़ासा बड़ा हिस्सा है. ऐसे में पश्चिम एशिया के अनेक प्रसिद्ध रसोइए, भोजन की बर्बादी रोकने के लिए नए तरीक़े अपना रहे हैं.

केनया में, किसानों को प्रशिक्षण देने के लिये, सब्ज़ियाँ तैयार किये जाते हुए.
© FAO/Fredrik Lerneryd

वैश्विक खाद्य संकट: 'मायूसी से उम्मीद व कार्रवाई' की तरफ़ बढ़ने की पुकार

संयुक्त राष्ट्र की खाद्य व कृषि एजेंसी (FAO) ने दुनिया भर में बढ़ते भोजन अभाव संकट की स्थिति में, एक ऐसे टिकाऊ विश्व के निर्माण में, एकजुटता व सामूहिक कार्रवाई की शक्ति का उपयोग करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है जिसमें सर्वजन के लिये पर्याप्त भोजन उपलब्ध हो.