वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

यूएनवीमेन

यूएनवीमेन के प्रशिक्षण के ज़रिए, महिलाएँ अपने समुदायों में लैंगिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ लड़ते हुए बदलाव लाने के प्रयास रही हैं.
UN Women/Ruhani Kaur

भारत: थोड़ा समर्थन, थोड़ा प्रशिक्षण, महिला सशक्तिकरण के लिए नई राह

सामने एक विशाल चुनौती, मगर कुछ समर्थन और कुछ प्रशिक्षण मिला तो खुल गया सफलता का एक रास्ता. भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था (UNWomen), असम के चाय बागानों की महिला श्रमिकों को घरेलू हिंसा, जागरूकता व महिला सशक्तिकरण सहित, विभिन्न क़ानूनों एवं नीतियों पर प्रशिक्षण देकर, अपने समुदायों में लैंगिक कुरीतियों के ख़िलाफ़ लड़ाई में सक्षम बनाने के प्रयास कर रही है.

 

दुनिया भर में लैंगिक समानता हासिल करने के लिए महिला नेतृत्व एक प्रमुख प्रोत्साहक कारक है.
UN Women

भारत – महिला आरक्षण विधेयक पारित होने पर संयुक्त राष्ट्र की बधाई

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने, भारत में महिला आरक्षण विधेयक पारित होने का स्वागत किया है. इस विधेयक के तहतराष्ट्रीय संसद और प्रान्तीय विधायिकाओं मेंमहिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित किए जाने का प्रावधान है. 

नेपाल में एक महिला पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की पुकार लगाते हुए.
©World Bank/Stephan Bachenheimer

भारत: लैंगिक रूढ़िवादिता से निपटने पर लक्षित, सुप्रीम कोर्ट की नई हैंडबुक का स्वागत

भारत में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने न्यायिक कार्यवाही में लैंगिक रूढ़िवादिता से बचने और लैंगिक सम्वेदनशीलता को बढ़ावा देने में मार्गदर्शन के लिए, सर्वोच्च न्यायालय ने द्वारा एक नई विवरण पुस्तिका (हैंडबुक) जारी किए जाने का स्वागत किया है.

लैंगिक, सामाजिक और व्यक्तिगत संघर्ष के मुद्दों पर चर्चा करती महिलाएँ.
UNWOMEN India

भारत: आजीविका निर्माण के साथ, सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष

भारत के महाराष्ट्र राज्य की ग्रामीण महिलाएँ, सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध एक नए आन्दोलन का हिस्सा बनकर, विभिन्न क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों के ज़रिए, आर्थिक उन्नति के पथ पर आगे बढ़ रही हैं. महिला सशक्तिकरण एवं अधिकारों के लिए प्रयासरत यूएन संस्था - यूएन वीमैन के नए प्रकाशन में बदलाव की इस बयार को सराहना मिली है.

कच्चे रेशम से रेशम का धागा बुनती महिलाएँ.
UNWOMEN India

भारत: व्यावसायिक ताना-बाना बुनती एक शिक्षिका

भारत के पूर्वी प्रदेश मेघालय की एक मातृसत्तात्मक जनजाति, खासी की महिलाएँ, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर पारम्परिक कला को पुनर्जीवित करके, सफल उद्यम स्थापित कर रही हैं. उनकी उत्थान व आर्थिक स्वतंत्रता की कहानी, महिला अधिकारों एवं सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत यूएन संस्था, यूएनवीमेन के एक प्रकाशन से. 

स्वयं सहायता समूह से प्रशिक्षण के बाद महिलाओं में भारी मशीनरी चलाने का आत्मविश्वास आ गया.
UNWOMEN India/Ruhani Kaur

भारत: भूमिहीन प्रवासी श्रमिक से, मुखर सामुदायिक नेत्री तक का सफ़र

भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्वयं सहायता समूह, घूंघट के पीछे छुपकर ज़िन्दगी गुज़ारने को मजबूर महिलाओं के उत्थान के प्रयास कर रहे हैं, जिससे वो महिलाएँ आर्थिक सशक्तिकरण के ज़रिए, समुदाय की मूक सदस्य बने रहने भर के बजाय, एक प्रभावी कामकाजी महिला बनने व समुदायों का नेतृत्व करने में सक्षम हो रही हैं. इन महिलाओं की प्रेरक कहानी को यूएनवीमेन के प्रकाशन में स्थान मिला है.  

सेनी एक माँ, सफल उद्यमी व ज़िला स्तर की राजनेता भी हैं.
UNWOMEN India

भारत: ‘एक माँ, व्यवसायी महिला व एक राजनैतिक हस्ती'

भारत के मिज़ोरम प्रदेश के सुदूर इलाक़े में रहने वाली महिलाएँ , ग्रामीण ऋण योजनाओं का लाभ उठाते हुए, सफल उद्यम स्थापित करके, आर्थिक व सामाजिक क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं. ऐसी ही एक प्रेरणादायक आपबीती है - सेनी की, जिनकी जिजीविषा की कहानी को यूएनवीमेन के प्रकाशन में जगह मिली है.

तारो जनजाति की बाँस के उत्पाद बनाने की कला अब दूर-दराज़ के राज्यों तक पहुँच रही है.
UNWOMEN India

भारत: एक लुप्तप्राय जनजाति की समृद्धि की यात्रा

भारत के पूर्वोत्तर प्रदेश मणिपुर की एक छोटी सी जनजाति है तारो. बाँस के विभिन्न रंगीन उत्पाद बनाने में कुशल तारो जनजाति के भाग्य का सितारा उस समय चमक उठा, जब पारम्परिक कला की खोज में राष्ट्रीय संस्था के कुछ डिज़ाइनर उनके गाँव में आए. निर्धनता से समृद्धि के सफ़र की उनकी प्रेरक कहानी, यूएनवीमेन के प्रकाशन से.

अलग-अलग महिलाएँ, अलग-अलग उद्यम, अलग-अलग सपने.
UNWOMEN India

भारत: सपने साकार करती कुदुम्बश्री योजना

भारत के दक्षिणी प्रदेश केरल में एक पुरानी परियोजना कुदुम्बश्री को नया मक़सद पूरा करने के लिए उपयोग किया जा रहा है. इसके तहत, महिला उद्यमियों को वित्तीय सहायता व प्रशिक्षण देकर, उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद की जाती है. इनकी प्रेरक कहानी को जगह मिली, संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था, यूएनवीमेन के एक प्रकाशन में. 

भारत के दन्तेवाड़ा में परिधान कारख़ाने में काम करती महिलाएँ; आत्मनिर्भरता की मिसाल.
UNWOMEN India

भारत: महिलाओं को एक नई पहचान देने की कोशिश

भारत के पूर्वी प्रदेश, छत्तीसगढ़ का नक्सवादी प्रभावित क्षेत्र दन्तेवाड़ा, अब उग्रवाद के लिए नहीं, बल्कि परिधान निर्माण के प्रमुख केन्द्र के रूप में जाना जाता है. यह सम्भव हुआ महिलाओं के लिए सरकारी योजनाओं के तहत, जिसने इलाक़े की सूरत ही बदल डाली. भारत में संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था (UNWomen) ने इन महिलाओं की प्रेरक आपबीतियाँ प्रकाशित की हैं.