ग़ाज़ा युद्ध के कारण, वृहद मध्य पूर्व क्षेत्र में टकराव भड़कने की आशंका
ग़ाज़ा युद्ध पर विराम लगाने के प्रयासों के तहत मिस्र में सोमवार को दूसरे दिन भी जारी बातचीत के बीच, मानवाधिकार मामलों के लिए यूएन प्रमुख (OHCHR) ने आगाह किया है कि मौजूदा युद्ध के वृहद क्षेत्र में भड़कने का जोखिम बढ़ रहा है, जिसकी आँच मध्य पूर्व क्षेत्र में स्थित हर देश और उससे परे भी पहुँच सकती है.
मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने मानवाधिकार मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मंच - मानवाधिकार परिषद को बताया है कि उन्हें बारूद के इस ढेर से गहरी चिन्ता है. “इसमें कोई भी चिंगारी व्यापक स्तर पर आग भड़कने की वजह बन सकती है.”
मानवाधिकार मामलों के प्रमुख ने सोमवार को परिषद के 47 सदस्य देशों को सम्बोधित करते हुए कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को, ग़ाज़ा में हिंसक टकराव को वृहद क्षेत्र में फैलने से रोकने के लिए, हरसम्भव क़दम उठाने होंगे.
वोल्कर टर्क की ओर से यह वक्तव्य एक ऐसे समय में जारी किया गया है जब अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की ओर से, इसराइली बंधकों की रिहाई को सम्भव बनाने के लिए कम से कम छह हफ़्तों के लिए ग़ाज़ा पट्टी में तत्काल युद्धविराम की पुकार लगाई गई है.
इसी सिलसिले में मिस्र में युद्धविराम के मुद्दे पर अन्तरराष्ट्रीय वार्ता हो रही है, जिसमें अमेरिका, क़तर और हमास के दूत हैं, मगर इसराइली प्रतिनिधि अभी इसका हिस्सा नहीं हैं.
लेबनान में ख़तरा
यूएन के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी ने बताया कि ग़ाज़ा पट्टी में जारी युद्ध से क्षेत्रीय अस्थिरता प्रभावित होने का जोखिम दक्षिणी लेबनान में नज़र आ रहा है.
यहाँ फ़लस्तीनियों के समर्थन में हथियारबन्द गुटों और इसराइल के बीच लेबनान और इसराइल को अलग करने वाली ‘ब्लू लाइन’ सीमा पर टकराव और गोलीबारी की घटनाएँ बढ़ी हैं.
ग़ाज़ा में लड़ाई की शुरुआत से अब तक लेबनान में कम से कम 200 लोग मारे जा चुके हैं और हिंसा के पीड़ितों में बच्चे, चिकित्सा सहायताकर्मी और पत्रकार समेत अन्य लोग हैं.
वोल्कर टर्क ने बताया कि हिंसा के कारण लेबनान में अब तक 90 हज़ार लोग विस्थापित हुए हैं, और स्वास्थ्य केन्द्रों, स्कूलों व बुनियादी ढाँचे को भीषण क्षति पहुँची है.
इसराइली समुदायों में भी हिंसा भड़कने के कारण सीमावर्ती इलाक़ों से 80 हज़ार लोग विस्थापन के लिए मजबूर हुए हैं.
बाल मौतों में वृद्धि
ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रशासन के अनुसार, ग़ाज़ा सिटी में कमाल अदवान अस्पताल में कुपोषण और भूख-प्यास के कारण अब तक कम से कम 15 बच्चों की मौत हुई है.
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) ने रविवार को आगाह किया कि यदि मानवीय सहायता के स्तर में तत्काल वृद्धि नहीं की गई तो आने वाले दिनों में अनेक अन्य बच्चों की मौत होने की आशंका है.
मध्य पूर्व व उत्तर अफ़्रीका क्षेत्र के लिए यूनीसेफ़ कार्यालय ने बताया कि बच्चों की मौत होने के मामले में आशंका पहले से ही थी और अब ये घटनाएँ होती हुई दिखाई दे रही हैं. यदि युद्ध को रोका नहीं गया और मानवीय सहायता के मार्ग में अवरोधों को दूर नहीं किया गया तो ऐसे मामलों में वृद्धि होगी.
9 हज़ार महिलाओं की मौत
ग़ाज़ा में स्वास्थ्य प्रशासन ने बताया है कि ग़ाज़ा पट्टी में भीषण इसराइली बमबारी और हमास लड़ाकों के विरुद्ध ज़मीनी अभियान में अब तक 30 हज़ार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें अधिकाँश महिलाएँ व बच्चे हैं.
महिला अधिकारों के लिए प्रयासरत यूएन संस्था (UN Women) के अनुसार पाँच महीने पहले शुरू हुई लड़ाई में अपनी जान गँवाने वाली महिलाओं की संख्या लगभग 9 हज़ार का आँकड़ा छू गए हैं, मगर वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक होने की आशंका है.