यमन: युद्धरत पक्षों के बीच 1000 बन्दियों की रिहाई के लिये रज़ामन्दी
यमन में युद्धरत पक्ष बन्दियों के पहले समूह की रिहाई की के लिये रज़ामन्द हुए हैं. सप्ताहान्त के दौरान स्विट्ज़रलैण्ड़ में सप्ताह भर चली बैठक के आख़िर में ये रज़ामन्दी हुई जिसे संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने “एक बहुत ही महत्वपूर्ण पड़ाव” क़रार दिया है.
यमन सरकार और हूती विद्रोहियों के प्रतिनिधियों ने संघर्ष से सम्बन्धित 1081 व्यक्तियों को रिहा किये जाने के एक समझौते पर रविवार को हस्ताक्षर किये.
Congratulations to the @ICRC team and the Parties for agreeing on the release plan. https://t.co/MhOPAK3W6V
OSE_Yemen
दोनों पक्षों के बीच नामों पर सहमति के बाद ये व्यक्ति रिहा किये जाएँगे.
ध्यान रहे कि हूती विद्रोहियों को अंसार अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है.
यूएन प्रमुख ने किया स्वागत
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता द्वारा जारी एक वक्तव्य के अनुसार उन्होंने इस समझौते का स्वागत करते हुए सम्बद्ध पक्षों से आग्रह किया कि इस मौक़े का फ़ायदा उठाएँ और बाक़ी बन्दियों की रिहाई के लिये भी इन्तेज़ाम करें.
यूएन महासचिव ने बन्दियों की रिहाई के लिये 2018 में स्वीडन में हुए समझौते के क्रियान्वयन के लिये बनी निगरानी समिति की सहअध्यक्षता करने में, अथक प्रयास करने के लिये अन्तरराष्ट्रीय रैडक्रॉस कमेटी का भी शुक्रिया अदा किया.
साथ ही, यमन के इन पक्षों की बैठक की मेज़बानी करने के लिये स्विट्ज़रलैण्ड सरकार को भी धन्यवाद दिया.
महासचिव ने यमन के पक्षों से ये भी आग्रह किया कि वो एक राष्ट्रीय स्तर का युद्धविराम लागू करने वाले घोषणा-पत्र, आर्थिक व मानवीय उपाय करने और युद्ध समाप्त करने वाली एक व्यापक व समावेशी राजनैतिक प्रक्रिया पर रज़ामन्द होने के लिये उनके विशेष दूत मार्टिन ग्रिफ़िथ्स के सम्पर्क में रहें.
एक महत्वपूर्ण दिवस
यमन के लिये यूएन महासचिव के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने निगरानी कमेटी की चौथी बैठक समाप्त होने के बाद इस मौक़े पर कहा, “ये दिन, उन एक हज़ार से भी ज़्यादा परिवारों के लिये बहुत महत्वपूर्ण है, जो बहुत जल्द ही अपने प्रियजनों की घर-वापसी पर स्वागत करने की उम्मीद कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा, “मैं मतभेद भुलाकर एक ऐसा समझौता करने के लिये पक्षों को धन्यवाद देता हूँ जिससे यमनी लोगों का भला होगा.”
उन्होंने बन्दियों को तुरन्त रिहा करने की योजना पर अमल के लिए आगे बढ़ने का आग्रह करते हुए कहा कि इस लम्हे का फ़ायदा उठाकर और ज़्यादा बन्दी रिहा करने के लिये भी प्रयास करने की दिशा में आगे बढ़ते रहना चाहिये.