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ग़ाज़ा में, धन की क़िल्लत के बीच, सहायता अभियान जोखिम में

हताश व ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनियों तक सहायता पहुँचाने के लिए यूएन एजेंसी चौबीसों घंटे प्रयासों में जुटी है.
© UNRWA
हताश व ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनियों तक सहायता पहुँचाने के लिए यूएन एजेंसी चौबीसों घंटे प्रयासों में जुटी है.

ग़ाज़ा में, धन की क़िल्लत के बीच, सहायता अभियान जोखिम में

मानवीय सहायता

फ़लस्तीनी क्षेत्र ग़ाज़ा में, इसराइली बमबारी जारी रहने के बीच, जीवनरक्षक सहायता अभियान ख़तरे में हैं क्योंकि फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी – UNRWA, अपने लिए वित्त सहायता के गम्भीर संकट का सामना कर रही है.

ग़ाज़ा में यूएनआरडब्ल्यूए मामलों के निदेशक और इसराइल द्वारा क़ाबिज़ फ़लस्तीनी क्षेत्र के लिए, संयुक्त राष्ट्र के उप मानवीय समन्वयक थॉमस व्हाइट ने गुरूवार को कहा है, "यह कल्पना करना मुश्किल है कि यूएनआरडब्ल्यूए के बिना ग़ाज़ावासी इस संकट से बच पाएंगे..." (हमें) ख़बर मिली है कि क्षेत्र में लोग आटा बनाने के लिए, पक्षियों का चारा पीस रहे हैं.”

एजेंसी ने, अपने "अस्तित्व" के लिए यूएनआरडब्ल्यूए पर निर्भर रहने वाले, ग़ाज़ा पट्टी के 20 लाख से अधिक लोगों की "विशाल" ज़रूरतों का हवाला देते हुए, चेतावनी दी है कि एजेंसी के लिए वित्तीय सहायता में कटौती करने के, 16 दाता देशों के फ़ैसले के बाद, पहले से ही गम्भीर मानवीय स्थिति के और भी अधिक ख़राब होने का ख़तरा है.

आतंकी सम्बन्ध का आरोप

यह घटनाक्रम उन आरोपों के बाद आया है कि यूएनआरडब्ल्यूए के कुछ कर्मचारियों ने, 7 अक्टूबर को इसराइल के दक्षिणी हिस्से में, आतंकवादी हमलों के दौरान, हमास के साथ मिलीभगत की थी. उस हमले में लगभग 1,200 लोगों की हत्या कर दी गई थी और 250 से अधिक लोगों को बन्धक बना लिया गया था.

संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च जाँच संस्था – OIOS, यूएनआरडब्ल्यूए के अनुरोध पर पहले से ही आरोपों की जाँच कर रही है. यह एजेंसी ग़ाज़ा में सबसे बड़े मानवीय संगठन के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इसके 13 हज़ार कर्मचारियों में से, तीन हज़ार से अधिक कर्मचारी मौजूदा हालात में भी काम करना जारी रखे हुए हैं.

यूएनआरडब्ल्यूए के महाआयुक्त फ़लिपे लाज़ारिनी ने आरोपों का सामना करने वाले कर्मचारियों को तत्काल बर्ख़ास्त करने की घोषणा की और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के आन्तरिक निरीक्षण सेवाओं के कार्यालय (OIOS) को शामिल करने के अपने फ़ैसले की घोषणा की. इस घटनाक्रम के बीच, अनेक दाता देशों ने, लगभग $44 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता को स्थगित करने की घोषणा कर दी.

गुटेरेश की अपील

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनिटो गुटेरेश ने बुधवार को सुरक्षा परिषद को सम्बोधित करते हुए कहा, “यूएनआरडब्ल्यूए, ग़ाज़ा में सभी मानवीय सहायता कार्रवाई की रीढ़ है. मैं सभी सदस्य देशों से यूएनआरडब्ल्यूए के जीवनरक्षक कार्यों की निरन्तरता की गारंटी देने की अपील करता हूँ.”

इस बीच, पूरे ग़ाज़ा में और विशेष रूप से दक्षिणी शहर ख़ान यूनिस में, इसराइली बमबारी में कोई कमी नहीं होने के कारण, मानवीय सहायता कर्मियों ने चेतावनी दी है कि दक्षिणी इलाक़े में आश्रय चाहने वाले लोगों का पलायन बिना रुके जारी है.

थॉमस व्हाइट ने कहा, "रफ़ाह इलाक़ा, बमबारी से बचकर भागने वाले लोगों का एक समुद्र बन गया है, जैसा कि यूएनआरडब्ल्यूए ने कहा है कि इस सप्ताह ख़ान यूनिस में गोलाबारी और लड़ाई से हज़ारों लोगों को भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है. रफ़ाह इलाक़े में पहले से ही 14 लाख से अधिक लोग मौजूद हैं."

संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा, "अधिकांश लोग अस्थाई ढाँचों, तम्बूओं या खुले स्थानों में रह रहे हैं और अब उन्हें यह भी डर है कि उन्हें यूएनआरडब्ल्यूए से कोई भोजन या अन्य मानवीय सहायता नहीं मिलेगी."

7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में, मानवीय सहायता पहुँच में लम्बे समय से चली आ रही बाधाओं की ओर इशारा करते हुए, यूएनडब्ल्यूआरए ने एक नई चेतावनी जारी की कि अकाल "आसन्न" है.

थॉमस व्हाइट ने कहा, "हम उत्तरी इलाक़े की ओर जाने में सक्षम होने के लिए, इसराइली सेना के साथ समन्वय करना जारी रखे हुए हैं, लेकिन इसे बड़ी हद तक नकार दिया गया है." 

"जब हमारे क़ाफ़िलों को आख़िरकार उस क्षेत्र में जाने की अनुमति मिल जाती है, तो लोग भोजन लेने के लिए ट्रकों की ओर दौड़ पड़ते हैं और अक्सर उसे वहीं खा लेते हैं."