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हॉलोकॉस्ट स्मरण दिवस: यहूदी जनसंहार के पीड़ितों को कभी ना भुलाने का संकल्प

दक्षिणी पोलैण्ड में स्थित पूर्व ऑशवित्ज़-बर्केनाउ यातना शिविर.
Unsplash/Jean Carlo Emer
दक्षिणी पोलैण्ड में स्थित पूर्व ऑशवित्ज़-बर्केनाउ यातना शिविर.

हॉलोकॉस्ट स्मरण दिवस: यहूदी जनसंहार के पीड़ितों को कभी ना भुलाने का संकल्प

क़ानून और अपराध रोकथाम

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार, 27 जनवरी, को यहूदी जनसंहार (हॉलोकॉस्ट) के पीड़ितों के अन्तरराष्ट्रीय स्मरण दिवस पर आगाह किया है कि किसी एक समूह के प्रति कट्टरता, हर किसी के प्रति कट्टरता है. उन्होंने अपने सन्देश में नफ़रत पैदा करने वाली शक्तियों के विरुद्ध एकजुट होने और सदैव सतर्क बने रहने की अहमियत पर बल दिया है.

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर हम उन 60 लाख यहूदी बच्चों, महिलाओं, और पुरुषों के लिए शोकाकुल हैं, जिनकी नात्सियों और उनका साथ देने वाले लोगों ने व्यवस्थागत ढंग से हत्या कर दी थी.

उन रोमा व सिन्ती समुदायों, विकलांगजन और अनेक अन्य लोगों के लिए भी, जिन्हें प्रताड़ित किया गया और हॉलोकॉस्ट में मार दिया गया.

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यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि हम “उनकी स्मृति का सम्मान करते हैं. हम जीवित बच गए व्यक्तियों, उनके परिवारों और वंशजों के साथ खड़े होते हैं.”

महासचिव ने इस घटना को कभी ना भूलने का संकल्प दोहराया और कहा कि जो कुछ घटित हुआ, उसकी सच्चाई को अन्य लोगों को भी नहीं भूलने दिया जाएगा.

उन्होंने सचेत किया कि यह स्मरण दिवस, अतीत की उस भयावह पीड़ा के मौजूदा दौर में फिर से सिर उठाने की ओर भी संकेत करता है. 

“हॉलोकॉस्ट को ईंधन देने वाली यहूदी विरोधी नफ़रत, नात्सियों के साथ शुरू नहीं हुई थी, और ना ही उनकी पराजय पर ख़त्म हो गई.”

बढ़ती नफ़रत पर चिन्ता

महासचिव ने सचेत किया कि हम आज नफ़रत को चिन्ताजनक गति से फैलते हुए देख रहे हैं और ऑनलाइन माध्यमों पर यह हाशिए से मुख्यधारा में आ गई है. 

इसके मद्देनज़र, एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया कि विविधता के लिए तिरस्कार और ‘दूसरों’ पर कुटिल दोषारोपण, हर किसी के लिए एक ख़तरा है.

उन्होंने कहा कि कोई भी समाज असहिष्णुता से बचा हुआ नहीं है, और किसी एक समूह के प्रति कट्टरता, हर किसी के प्रति कट्टरता है.

यूएन प्रमुख ने ब्रिटेन के पूर्व मुख्य रब्बाई जोनेथन सैक्स को उद्धृत करते हुए ध्यान दिलाया कि, “यहूदियों के साथ शुरू होने वाली नफ़रत कभी भी यहूदियों के साथ ख़त्म नहीं होती है.”

एकजुटता की पुकार

उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को हमास के आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में नफ़रत और दरार पैदा करने वाली शक्तियों के विरुद्ध खड़े होने का संकल्प लेना होगा.

महासचिव ने कहा कि यहूदीवाद विरोध की निन्दा की जानी होगी, जैसेकि मुस्लिम विरोधी नफ़रत और अल्पसंख्यक ईसाई समुदायों के विरुद्ध हिंसा समेत नस्लवाद, पूर्वाग्रह और धार्मिक कट्टरता के सभी रूपों की निन्दा की जानी चाहिए. 

उन्होंने भेदभाव के सामने कभी चुप ना बैठने और सहिष्णुता के प्रति कभी सहनशील ना होने का आहवान किया. 

यूएन प्रमुख ने कहा कि सर्वजन के मानवाधिकारों और गरिमा के पक्ष में आवाज़ उठानी होगी, एक दूसरे की मानवता से मुँह नहीं फेरना होगा, और सदैव सतर्कता बनाए रखनी होगी.