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WHO: ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम ही एक मात्र वास्तविक उपचार, अस्पताल 'रक्तरंजित'

ग़ाज़ा में युद्ध से त्रस्त लोग, सुरक्षा के लिए अस्पतालों में ठहरने के विवश हैं, जहाँ भारी भीड़ है.
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ग़ाज़ा में युद्ध से त्रस्त लोग, सुरक्षा के लिए अस्पतालों में ठहरने के विवश हैं, जहाँ भारी भीड़ है.

WHO: ग़ाज़ा में तत्काल युद्धविराम ही एक मात्र वास्तविक उपचार, अस्पताल 'रक्तरंजित'

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य संगठन – WHO के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा है कि संगठन, ग़ाज़ा में अपना चिकित्सा सेवाएँ मुहैया कराने के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा है, लेकिन "एकमात्र वास्तविक उपाय तत्काल युद्धविराम है." इस बीच, यूएन सहायता कर्मियों ने, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में स्थित अल-शिफ़ा अस्पताल में स्थिति को, 'रक्तरंजित' क़रार दिया है, हाँ सैकड़ों घायल मरीज़ आपात विभाग में भर्ती हैं और नए मरीज़ लगातार पहुँच रहे हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम के अनुसार, गम्भीर रूप से घायल मरीज़, फ़र्श पर ही ठहरे हुए हैं और उन्हें कोई दर्द-निवारक उपचार भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था.

और आपात चिकित्सा विभाग, मरीज़ों से इतना भरा है कि वहाँ से होकर गुज़रना भी मुश्किल था कि कहीं किसी मरीज़ के ऊपर पैर ना पड़ जाए.

अल-शिफ़ा अस्पताल, कभी ग़ाज़ा में सबसे बड़ा सक्षम अस्पताल हुआ करता था, मगर अब वो मुश्किल से ही काम करने लायक बचा है. ऑपरेशन थिएटर और अन्य प्रमुख चिकित्सा सेवाएँ, ईंधन, ऑक्सीजन, विशेषीकृति चिकित्सा स्टाफ़ और सा सामग्री के अभाव में, काम नहीं कर पा रही हैं.

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केवल मुट्ठी भर डॉक्टर और नर्सों के साथ-साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन के लगभग 70 स्वेच्छाकर्मियों के साथ काम कर रहे हैं. स्टाफ़ ने, इस अस्पताल को, विशाल सहायता का ज़रूरमन्द बताया है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने शनिवार को यह जानकारी भी है कि चिकित्सा कर्मियों ने, ग़ाज़ा के उत्तरी इलाक़े में स्थित अल-शिफ़ा अस्पताल में चिकित्सा सामग्री पहुँचाने और वहाँ की स्थिति का आकलन करने के लिए, एक संयुक्त यूएन मिशन में हिस्सा लिया है.

शनिवार के मिशन में यूएन आपदा राहत समन्वय एजेंसी – UNOCHA, संयुक्त राष्ट्र के संरक्षा व सुरक्षा विभाग - UNDSS, और यूएन बारूदी सुरंग सेवा - UNMAS शामिल थीं.

इस संयुक्त यूएन टीम ने, विभिन्न तरह की चिकित्सा सामग्री के साथ-साथ दवाएँ भी पहुँचाईं.

इससे पहले डॉक्टर टैड्रॉस ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों से बात में कहा, "यह वर्ष संकट, युद्ध, विभाजनकारी राजनीति और बीमारी के प्रकोप के लगातार ख़तरे और जलवायु संकट से घिरा हुआ रहा है."

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने दोहराया, “ग़ाज़ा में कहीं भी और कोई भी सुरक्षित नहीं है, जिनमें मानवीय सहायताकर्मी और स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी हैं. 130 से अधिक संयुक्त राष्ट्र कर्मचारी मारे गए हैं, जिनमें डब्ल्यूएचओ की हमारी अपनी सहयोगी दीमा अल्हाज भी शामिल हैं.“

उन्होंने कहा, “सहायता पहुँचाने या मरीज़ों को अस्पतालों से स्थानान्तरित करने वाले मानवीय क़ाफ़िलों पर हमला किया गया है, चिकित्सा कर्मियों को हिरासत में लिया गया है, पूछताछ की गई और देरी की गई है. स्वास्थ्य कर्मियों को हिरासत में लिया जानी, पूरी तरह से अस्वीकार्य है. एकमात्र वास्तविक उपाय तत्काल युद्धविराम है.”

'ढेर सारी पाबन्दियाँ हैं'

इसराइल के क़ब्ज़े वाले फ़लस्तीनी क्षेत्र में WHO के प्रतिनिधि  डॉक्टर रिचर्ड पीपरकॉर्न ने भी, जिनीवा में इस प्रैस वार्ता में, वीडियो लिंक के माध्यम से बात की.

केरेम शालोम सीमा पार खोले जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से बहुत अच्छी ख़बर है और मुझे लगता है कि अब हमें जिस पर काम करना है वो ये है कि यह कैसे सुनिश्चित किया जा सकता है कि मानवीय सहायता सामग्री से भरे ट्रक, ग़ाज़ा में हर जगह जा सकें और न केवल ग़ाज़ा के दक्षिण में, बल्कि ग़ाज़ा के उत्तर में भी जा सकें.

WHO प्रमुख ने यह भी कहा, “मेरा विचार है कि ग़ाज़ावासियों को निराश होने का हक़ है. वे सही हैं, सामान्य तौर पर उनका दुनिया से निराश होना सही है. सबसे पहले, उनका अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से निराश होना सही है. और हम अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा हैं, तो ज़ाहिर तौर पर वे भी हमसे निराश होंगे.”

“सच कहें तो अगर वे निराश नहीं होंगे तो आश्चर्य होगा. हम अपनी तरफ़ से पूरी कोशिश कर रहे हैं. मगर यह पर्याप्त नहीं है. या जो कुछ भी उन्हें मिल रहा है, वह उस सबका एक अंशम मात्र है जो उन्हें मिलना चाहिए.”

डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी माइकल रायन ने संवाददाताओं से कहा, ''संयुक्त राष्ट्र अपना काम नहीं कर सकता. हम अभी अपना काम नहीं कर सकते क्योंकि हमें अपना काम करने से रोका जा रहा है.”

उन्होंने आगे कहा, “हम देश में किन्हें रख सकते हैं इस बारे में पाबन्दी है, हम सहायता सामग्री की आपूर्ति नहीं कर सकतेऔर हमारे सामने सुरक्षा से सम्बन्धित भी विशाल समस्याएँ हैं. आप ये सब जानते हैं क्योंकि आप इस पर कई सप्ताहों से रिपोर्टिंग कर रहे हैं."

डॉक्टर माइकल रायन ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि आप जाएँ और कुछ अलग स्रोतों से प्रश्न पूछें कि ऐसी स्थिति क्यों बनी हुई है, क्योंकि यहाँ आपको उन सवालों के जवाब नहीं मिलेंगे. ऐसा किन्हीं अन्य देशों के साथ किन्हीं अन्य प्रैस वार्ताओं में हो सकेगा.”