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टिकाऊ विकास लक्ष्यों को बचाने और बेहतर भविष्य के लिए, लामबन्द प्रयासों का आहवान

यूएन महासभा में एसडीजी के लिए कार्रवाई पर लक्षित कार्यक्रम के उदघाटन समारोह का एक विहंगम दृश्य.
UN Photo/Cia Pak
यूएन महासभा में एसडीजी के लिए कार्रवाई पर लक्षित कार्यक्रम के उदघाटन समारोह का एक विहंगम दृश्य.

टिकाऊ विकास लक्ष्यों को बचाने और बेहतर भविष्य के लिए, लामबन्द प्रयासों का आहवान

एसडीजी

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शनिवार को नागरिक समाज समूहों से व्यापक स्तर पर लामबन्दी का आहवान किया है, ताकि बुलन्द आवाज़ों, ठोस क़दमों और ज़मीनी नैटवर्क के ज़रिये टिकाऊ विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की ओर प्रगति को रफ़्तार देना और सर्वजन के लिए बेहतर भविष्य की लड़ाई को आगे बढ़ाना सम्भव हो सके. 

विश्व भर से नेता अगले सप्ताह यूएन महासभा के 78वें सत्र में उच्चस्तरीय खंड में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क में एकत्र हो रहे हैं. 

इससे ठीक पहले, इस सप्ताहांत यूएन मुख्यालय, युवा समूहों से लेकर महिला संगठनों, मेयर्स, सामुदायिक कार्यकर्ताओं और व्यवसाय जगत की हस्तियों का मेज़बान है, ताकि आगामी एसडीजी शिखर बैठक से पहले 2030 एजेंडा के लिए समर्थन को मज़बूती प्रदान की जा सके.  

18-19 सितम्बर को आयोजित होने वाली यह शिखर बैठक, 2030 एजेंडा का मध्यावधि पड़ाव है. इन लक्ष्यों को 2015 में पेश किया गया था और उन्हें 2030 तक साकार करने की समयसीमा रखी गई है.

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यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने अपने सम्बोधन में आगाह किया कि केवल 15 प्रतिशत लक्ष्य ही सही मार्ग पर हैं, जबकि अनेक लक्ष्यों पर प्रगति की दिशा पलट गई है.

“सोमवार को होने वाली एसडीजी शिखर बैठक, सरकारों के लिए बातचीत की मेज़ पर ठोस योजनाओं और प्रगति में तेज़ी लाने के लिए प्रस्तावों को साथ लेकर आने का एक अवसर है.” 

कोई भी पीछे ना छूटने पाए

फ़िलहाल, सदस्य देशों के लिए 2030 एजेंडा का महत्वाकाँक्षी लक्ष्य – किसी को भी पीछे ना छूटने दिया जाए – को साकार कर पाना मुश्किल नज़र आ रहा है.

इस एजेंडा के तहत निर्धनता, भूख, लैंगिक विषमता, शिक्षा व ऊर्जा सुलभता समेत अनेक अहम क्षेत्रों में बेहतरी के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, मगर कुछ प्रगति के बावजूद इन्हें लागू करने में अब भी कमियां हैं. 

टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सार्वजनिक दिलचस्पी पिछड़ रही है, भूराजनैतिक तनाव उभर रहे हैं और वैश्विक महामारी के बाद उपजी चुनौतियों के मद्देनज़र, इस एजेंडा के लिए एक वैश्विक बचाव योजना की दरकार है. 

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि टिकाऊ विकास लक्ष्य केवल खानापूर्ति करने के लिए नहीं हैं. “वे आशाओं, सपनों, अधिकारों, लोगों की अपेक्षाओं और हमारे प्राकृतिक पर्यावरण के स्वास्थ्य के बारे में हैं.” 

“वे ऐतिहासिक ग़लतियों की भरपाई करने, वैश्विक दरारों को मरहम लगाने और हमारे विश्व को स्थाई शान्ति के मार्ग पर ले जाने के बारे मे हैं.”

यूएन प्रमुख के अनुसार, हर किसी को इन लक्ष्यों में फिर से जान फूंकने और आमजन व पृथ्वी के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने में योगदान देने की आवश्यकता है.

नागरिक समाज का अभिवादन

महासचिव गुटेरेश ने कार्यक्रम के दौरान उपस्थित कार्यकर्ताओं के साहस व समर्पण की सराहना की और सचेत किया कि इन लक्ष्यों के लिए वैश्विक लड़ाई, उनकी सुरक्षा, स्वतंत्रता और यहाँ तक की उनके जीवन पर जोखिम को अपने साथ लेकर आती है.

“मेरा आपसे आगे बढ़ते रहने का आग्रह है.”

उन्होंने व्यावसायिक जगत की हस्तियों से आग्रह किया कि टिकाऊ विकास, सर्वजन के लिए सर्वोत्तम व्यावसायिक योजना है.

“हमारे साथ यहाँ मौजूद महिलाएँ व युवजन – अपने समुदायों में बदलाव की पुकार लगाते रहिए, और अपने अधिकारों व हर मेज़ पर स्थान के लिए लड़ाई लड़ते रहिए.”

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एसडीजी मण्डप की स्थापना 'संयोजन के एक अद्वितीय स्थान और कला स्थल' के रूप में की गई है.
UN Photo/Mark Garten
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एसडीजी मण्डप की स्थापना 'संयोजन के एक अद्वितीय स्थान और कला स्थल' के रूप में की गई है.

यूएन प्रमुख ने प्रशासनिक एजेंसियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि टिकाऊ विकास लक्ष्यों को यहाँ न्यूयॉर्क में नहीं बचाया जाएगा, बल्कि उनके समुदायों में स्थानीय स्तर पर बचाया जाएगा. 

इसलिए, समुदायों व व्यक्तियों की आवाज़ों को सुनना, और नीतियों व निवेश योजनाओं में उनकी आवश्यकताओं व चिन्ताओं का ख़याल रखा जाना अहम है.

एसडीजी कार्रवाई सप्ताहांत के दौरान शनिवार, 16 सितम्बर को, टिकाऊ विकास लक्ष्यों के लिए लामबन्दी दिवस है, और रविवार, 17 सितम्बर को 2030 एजेंडा को गति देने पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.